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चीन ने डोकलाम में निर्माण की बात मानी, लोगों की सुविधा के लिए वाजिब बताया

बड़े पैमाने पर किए जा रहे अपने निर्माण कार्य को वाजिब ठहराते हुए उसे 'वैध' बताया है और इस तर्क के आधार पर इसे वाजिब ठहराया है कि इससे सीमावर्ती इलाके में रह रहे सैनिकों और लोगों के जीवनस्तर में सुधार होगा.

प्रतीकात्मक तस्वीर प्रतीकात्मक तस्वीर
दिनेश अग्रहरि
  • नई दिल्ली,
  • 19 जनवरी 2018,
  • अपडेटेड 4:39 PM IST

चीन ने यह स्वीकार कर लिया है कि डोकलाम इलाके में वह इमारतें बना रहा है. बड़े पैमाने पर किए जा रहे अपने निर्माण कार्य को वाजिब ठहराते हुए उसे 'वैध' बताया है और इस तर्क के आधार पर इसे वाजिब ठहराया है कि इससे सीमावर्ती इलाके में रह रहे सैनिकों और लोगों के जीवनस्तर में सुधार होगा.

गौरतलब है कि मीडिया में ऐसी कई खबरें आई थीं कि चीन डोकमला में एक विशाल मिलिटरी कॉम्प्लेक्स बना रहा है. सैटेलाइट से मिली कई तस्वीरों से इसका खुलासा हुआ. इसके पहले डोकलाम में पिछले साल चीन द्वारा सड़क बनाने पर भारत से उसके रिश्ते तल्ख हो गए थे और कई महीने तक गतिरोध बना हुआ था.

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समाचार एजेंसी पीटीआई के अनुसार, नए निर्माण के बारे में सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लु कांग ने कहा, 'मैंने भी इस बारे में खबरें पढ़ी हैं. मैं नहीं जानता कि यह तस्वीरें कहां से आई हैं. लेकिन मेरे पास इसकी विस्तृत जानकारी नहीं है.'

खबरों में इस निर्माण के आधार पर कहा गया था कि चीन, अब भारत के साथ नए टकराव की तैयारी कर रहा है. डोकलाम इलाका भूटान की सीमा के तहत आता है, तो इसमें चीन किस तरह से निर्माण कर रहा है, इस सवाल पर चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, 'डोंगलांग (डोकलाम) इलाके पर चीन का न‍जरिया बहुत साफ है. डोंगलांग हमेशा से चीन का हिस्सा रहा और प्रभावी रूप से चीन के प्रभावी अधिकारी क्षेत्र के तहत रहा है.'

उन्होंने कहा कि चीन अपने सैनिकों के लिए बुनियादी ढांचे बना रहा है और इससे सीमावर्ती इलाके में रहने वाले सैनिकों तथा स्थानीय जनता, दोनों को फायदा होगा.

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