
हांगकांग को लेकर विश्व की दो सबसे बड़ी आर्थिक शक्तियां अमेरिका और चीन के बीच तनाव एक बार फिर बढ़ गया है. चीन ने अमेरिका को चेतावनी देते हुए हांगकांग के मसले पर किसी भी प्रकार के हस्तक्षेप को तुरंत बंद करने का आग्रह किया है. चीन ने कहा कि वह देश के आतंरिक मामलों में इनके हस्तक्षेप का सख्ती से विरोध करता है .
हांगकांग की विधायी परिषद में सोमवार को प्रदर्शनकारी घुस गए थे और घंटों कब्जा जमाए रखा था .इस दौरान उन्होंने फर्नीचर आदि को नुकसान पहुंचाया और दीवारों पर हांगकांग की आजादी के नारे लिख दिए थे. आरोपितों को चीन प्रत्यर्पित करने वाले प्रस्तावित कानून के खिलाफ पिछले तीन हफ्ते से हांगकांग में विरोध प्रदर्शनों का दौर जारी है. बताते चलें कि ब्रिटेन ने 1 जुलाई, 1997 को हांगकांग इस शर्त के साथ चीन को सौंपा था कि वह इसकी स्वायत्तता को बरकरार रखेगा.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ह्वा छुन यिंग ने 12 अगस्त को संवाददाताओं के सवालों के जवाब देते हुए कहा कि "इधर के वर्षों में अमेरिका ने कई बार हांगकांग मामले में गैर-जिम्मेदाराना टिप्पणी की है. उसके शब्द तथ्यों के अनुरूप नहीं हैं .अमेरिका के राजनेताओं और राजनयिकों ने चीन का विरोध करने वाले और हांगकांग को परेशान करने वालों से मुलाकात की, जिससे हांगकांग की समृद्धि और स्थिरता को नुकसान पहुंचा है."
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ह्वा छुन यिंग ने आगे कहा कि "हांगकांग चीन का हांगकांग है, हांगकांग का मामला चीन का आंतरिक मामला है. चीन ने अमेरिका से अंतर्राष्ट्रीय कानून और अंतर्राष्ट्रीय संबंध के बुनियादी मापदंडों का पालन करते हुए तुरंत ही हांगकांग मामले और चीन के अंदरूनी मामलों में हस्तक्षेप बन्द करने का आग्रह किया है."