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बांग्लादेश में नई अंतरिम सरकार... चीन ने किया वेलकम, अमेरिका का भी आया रिएक्शन

बांग्लादेश में हिंसा के बाद मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ले ली है. उनकी शपथ के बाद दुनिया के कई देश उन्हें बधाई दे रहे हैं और बांग्लादेश के साथ रणनीतिक रिश्ते मजबूत कर रहे हैं. इसी बीच चीन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का स्वागत किया है तो अमेरिका के विदेश राज्य मंत्री ने भी अंतरिम सरकार के गठन पर अपनी प्रतिक्रिया दी है.

चीन के राष्ट्रपति. (फाइल फोटो) चीन के राष्ट्रपति. (फाइल फोटो)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 10 अगस्त 2024,
  • अपडेटेड 7:58 AM IST

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार का पतन होने के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व में बनी अंतरिम सरकार का गठन हो गया है. इसी बीच शुक्रवार को चीन ने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार का स्वागत करते हुए कहा कि बीजिंग दोनों देशों के बीच आपसी रणनीतिक भागीदारी को मजबूत करने के लिए तैयार हैं.

चीनी विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि चीन और बांग्लादेश के बीच दोस्ती लंबी और गहरी है. चीन-बांग्लादेश के साथ अपने संबंधों को महत्व देता है. चीन कई विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय आदान-प्रदान और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने को तैयार हैं.

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बांग्लादेश में अंतरिम सरकार के गठन के बाद चीन ने एक बयान में कहा कि हम बांग्लादेश के सभी लोगों के साथ और पड़ोसी मित्रता की अपनी नीति पर मजबूती से खड़े हैं.

अमेरिका ने भी किया स्वागत

वहीं, 71वें संयुक्त राज्य अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी जॉन ब्लिंकन ने मोहम्मद यूनुस को बधाई देते हुए कहा कि मैं बांग्लादेश में अंतरिम सरकार का नेतृत्व करने के लिए डॉ. मोहम्मद यूनुस के शपथ लेने का स्वागत करता हूं. संयुक्त राज्य अमेरिका शांति और शांति के उनके आह्वान का समर्थन करता है. अमेरिका बांग्लादेश के साथ काम करने के लिए प्रतिबद्ध है, क्योंकि ये बांग्लादेश में लोगों के लिए एक लोकतांत्रिक और समृद्ध भविष्य का लक्ष्य है.

बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के पतन के बाद हिंसा भड़की तो चीन ने कहा कि हमें पूरी उम्मीद है कि देश में जल्द ही सामाजिक स्थिरता बहाल होगी. चीन ने बांग्लादेश में 25 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का निवेश है.

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बांग्लादेश में सरकार का पतन उनकी हाई-प्रोफाइल बीजिंग यात्रा के एक महीने बाद हुआ, जिसके दौरान उन्होंने चीन से अपने द्विपक्षीय संबंधों को एक व्यापक रणनीतिक सहकार साझेदारी तक बढ़ाया था.

शेख हसीना ने चीन दौरे पर किए थे कई समझौते

शेख हसीना ने 8 से 10 जुलाई को चीन यात्रा की थी. इस दौरान उन्होंने चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री ली कियांग से मुलाकात की और दोनों देश के बीच के 21 समझौतों पर हस्ताक्षर किए थे.

शेख हसीना से मुलाकात के दौरान चीनी राष्ट्रपति ने कहा कि दोनों देशों ने अपने संबंधों को व्यापक रणनीतिक सहकारी साझेदारी के रूप में आगे बढ़ाया है. 

चीनी राष्ट्रपति ने इस तरह की घोषणा तब की थी, जब मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने अपने चुनाव के बाद बीजिंग का दौरा किया था. जिसमें व्यापक आर्थिक और व्यापार पैकेजों के अलावा, चीन के राजनीतिक दृष्टिकोण से संबंधों को नई ऊंचाई दी है.

वहीं, भारत के पड़ोसी देशों के साथ चीन के बढ़ते संबंध इस बात का इशारा करते हैं कि बीजिंग अपनी रणनीतिक एक्टिविटी के लिए इन देशों को बहुत महत्व दे रहा है, जिसका उद्देश्य इस इलाके में भारत के बढ़ते प्रभाव को कम करना है.

'नहीं पड़ेगा ज्यादा फर्क'

चीनी विश्लेषकों ने कहा कि हसीना सरकार के गिरने से उन्हें ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा, क्योंकि बीजिंग पूर्व प्रधानमंत्री और हसीना की कट्टर प्रतिद्वंद्वी बेगम खालिदा जिया की अध्यक्षता वाली विपक्षी बांग्लादेश नेशनल पार्टी (BNP) के साथ बहुत करीबी संबंध साझा करता है.
 
आपको बता दें कि 1971 में बांग्लादेश के स्वतंत्र देश बनने के बाद बीजिंग ने 1976 में ढाका के साथ राजनयिक संबंध स्थापित किए थे और बाद में जियाउर रहमान उनकी पत्नी खालिदा जिया और बाद में उनके कट्टर प्रतिद्वंद्वी हसीना के दौर में अपने रणनीतिक संबंधों को मजबूत किया.

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बता दें कि 84 वर्षीय मोहम्मद यूनुस ने गुरुवार को शेख हसीना की जगह अंतरिम सरकार के प्रमुख के रूप में शपथ ली है, जिन्होंने नौकरियों में विवादास्पद कोटा प्रणाली पर अपनी सरकार के खिलाफ घातक विरोध प्रदर्शन के बाद अचानक इस्तीफा दे दिया और उथल-पुथल के बीच देश छोड़कर भारत चली गईं.

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