
चीन के एयरस्पेस में संदिग्ध गुब्बारे के दिखने से हड़कंप मच गया है. चीन की तरफ से दावा हुआ है कि वो संदिग्ध गुब्बारा अमेरिका द्वारा उनके एयरस्पेस में उड़ाया जा रहा है. यहां तक कहा गया है कि 10 बार अमेरिका ने बिना इजाजत चीन के एयरस्पेस में गुब्बारे उड़ाए हैं. इस विवाद पर व्हाइट हाउस ने अपनी तरफ से एक बयान जारी कर दिया है. दो टूक कहा गया है कि उनकी तरफ से चीन में कोई गुब्बारा नहीं उड़ाया गया है.
अब ये स्पष्टीकरण तब दिया गया है जब चीन के विदेश मंत्रालय ने दावा कर दिया है कि एक नहीं दस बार अमेरिका ने चीन के एयरस्पेस का उल्लंघन किया है. इस बात पर भी जोर दिया गया है कि अमेरिका को चीन पर आरोप लगाने के बजाए खुद आत्ममंथन करना चाहिए, उसे अपने गिरेबान में झांकना चाहिए. चीन ने ये भी साफ कर दिया है कि उसने काफी जिम्मेदारी के साथ ये बयान दिया है. यानी कि उसकी तरफ से सीधे-सीधे अमेरिका पर आरोप लगा दिया गया है.
चीन ने अमेरिका पर ये कहकर भी निशाना साधा है कि वो जासूसी करने में नंबर 1 है और पूरी दुनिया में उसका एक मजबूत नेटवर्क है. इसी आधार पर चीन कह रहा है कि अमेरिका द्वारा एक तय रणनीति के तहत लगातार उसके एयरस्पेस का उल्लंघन किया जा रहा है. अब ये आरोप इसलिए मायने रखते हैं क्योंकि कुछ दिन पहले तक यहीं आरोप अमेरिका ने भी चीन पर लगाया था. असल में अमेरिका के एयरस्पेस में एक संदिग्ध गुब्बारा देखा गया था. उसे चीन का जासूसी बैलून बताया गया था. तब राष्ट्रपति जो बाइडेन ने देश की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए उस गुब्बारे को मार गिराने का आदेश जारी किया था.
उस बारे में बाइडेन ने कहा था कि मेरा हमेशा से ही ये मानना था कि उस बैलून को नीचे गिराना है. हमारी तरफ से चीन को भी स्पष्ट कर दिया गया था कि उस गुब्बारे को गिराना पड़ेगा. वे हमारा स्टैंड समझते हैं. हम पीछे नहीं हटने वाले थे. हमने सही कदम उठाया था, यहां पर ये सवाल नहीं उठता कि रिश्ते कमजोर हुए कि मजबूत.