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चीन में कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है. कोरोना के मामले लगातार बढ़ रहे हैं. ऐसे में राजधानी बीजिंग के अस्पताल कोरोना मरीजों से पटे पड़े हैं. कोरोना मरीजों की वजह से अस्पतालों के बिस्तर कम पड़ रहे हैं. अस्पताल पहुंच रहे इन मरीजों में बुजुर्गों की संख्या सबसे अधिक है. सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में अस्पतालों के हॉलवे में स्ट्रैचर पर मरीजों को लेटे देखा जा सकता है. ये मरीज व्हीलचेयर्स पर बैठे-बैठे ही ऑक्सीजन लेने को मजबूर हैं.
बीजिंग के चुइयांगलिउ अस्पताल में मरीजों के लिए बिस्तर कम पड़ गए हैं. लगातार एंबुलेंस से मरीजों को अस्पताल लाया जाता रहा. ऐसे में डॉक्टर्स और नर्सों पर दबाव बढ़ गया है.
इस बीच वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (डब्ल्यूएचओ) का कहना है कि चीन कोरोना के सही आंकड़ें पेश नहीं कर रहा है, विशेष रूप से कोरोना के मामले दोबारा बढ़ने के बाद से वायरस से दम तोड़ चुके लोगों की संख्या कम बताई जा रही है.
बता दें कि चीन ने दिसंबर में जीरो कोविड पॉलिसी खत्म करने का ऐलान किया था. इसके बाद से चीन में कोरोना के बेतहाशा केस बढ़ रहे हैं. इतना ही नहीं मौतें भी इतनी हो रही हैं कि अस्पतालों के मोर्चरी हाउस और श्मशानों में शव रखने की जगह नहीं है. कई शहरों में ऐसा हाल है कि अंतिम संस्कार के लिए एक हफ्ते की वेटिंग चल रही है.
सरकार ने हालांकि, बयान जारी कर बताया कि घरेलू यात्रियों के लिए कड़े नियम जारी रहेंगे. इसमें सरकारी अस्पतालों एवं केंद्रों में पांच दिनों तक क्वांरटीन की अवधि पर और घर पर आइसोलेशन में तीन दिनों तक रहना अनिवार्य है.
हेल्थ अथॉरिटी के मुताबिक, अंतर्राष्ट्रीय विमानों से आने वाले यात्रियों पर प्रतिबंध आठ जनवरी से हटा दिया जाएगा. लेकिन चीन आने वाले यात्रियों को पीसीआर टेस्ट कराना जरूरी होगा. चीन आने वाले विदेशी नागरिकों को विशेष वीजा जारी किया जाएगा. इसके साथ ही समुद्री और जमीनी बंदरगाहों से यात्रियों के आने और जाने को धीरे-धीरे बहाल किया जाएगा.
चीन में कोरोना के मामले बढ़ने के बाद से भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा और कई यूरोपीय देशों ने चीन से आने वाले यात्रियों पर कड़े कोरोना प्रतिबंध लगा दिए.