Advertisement

तनाव के बीच ताइवान का एयरस्पेस क्यों बंद करने जा रहा है चीन?

ताइवान के साथ विवाद के बीच चीन 16 से 18 अप्रैल तक उत्तरी ताइवान के एयरस्पेस को बंद करने पर विचार कर रहा है. इसके तहत इस विशेष क्षेत्र के आसपास उड़ान सेवाएं प्रभावित रह सकती हैं. हालांकि, अभी तक ना ही चीन और ताइवान ने इस पर किसी तरह की टिप्पणी की है.

सांकेतिक तस्वीर (Photo: CNA) सांकेतिक तस्वीर (Photo: CNA)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 12 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 10:01 PM IST

ताइवान को लेकर चीन की बौखलाहट कम होने का नाम नहीं ले रही. चीन उत्तरी ताइवान के हवाई क्षेत्र (एयरस्पेस) को बंद करने की योजना बना रहा है. चीन 16 से 18 अप्रैल तक उत्तरी ताइवान के एयरस्पेस को बंद कर सकता है. इस मामले से जुड़े सूत्रों ने यह जानकारी दी.

सूत्रों का कहना है कि चीन के इस कदम से ताइवान के इस क्षेत्र के आसपास उड़ान सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं. हालांकि, चीन और ताइवान के विदेश मंत्रालयों ने अभी इस पर कोई टिप्पणी नहीं की है.

Advertisement

चीन से बाहर के चार अधिकारियों ने मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए पहचान उजागर नहीं करने की शर्त पर बताया कि इस बैन से ताइवान के उत्तरी उड़ान सूचना क्षेत्र में उड़ान सेवाएं प्रभावित होंगी. लेकिन हम अभी इस संभावित प्रतिबंध के कारणों से वाकिफ नहीं है. 

चीन और ताइवान में अनबन क्यों?

चीन और ताइवान का रिश्ता अलग है. ताइवान चीन के दक्षिण पूर्वी तट से 100 मील यानी लगभग 160 किलोमीटर दूर स्थित छोटा सा द्वीप है. ताइवान 1949 से खुद को आजाद मुल्क मान रहा है. लेकिन अभी तक दुनिया के 14 देशों ने ही उसे आजाद देश के तौर पर मान्यता दी है और उसके साथ डिप्लोमैटिक रिलेशन बनाए हैं.

चीन ताइवान को अपना प्रांत मानता है और उसका मानना है कि एक दिन ताइवान उसका हिस्सा बन जाएगा. वहीं, ताइवान खुद को आजाद देश बताता है. उसका अपना संविधान है और वहां चुनी हुई सरकार है.

Advertisement

इसे भी पढ़ें:  चीन और ताइवान की दुश्मनी की कहानी... जंग हुई तो जिनपिंग की 'बड़ी सेना' के आगे कैसे टिकेगा छोटा सा द्वीप?
 

चीन और ताइवान की सैन्य ताकत

मौजूदा समय में चीन के पास बीस लाख 35 हजार सैनिक हैं जबकि ताइवान के पास एक लाख 70 हजार सैनिक हैं. इनमें नौ लाख 65 हजार सैनिक चीन की थलसेना में है जबकि ताइवान की थलसेना में 94000 फौजी हैं.

चीन की नेवी में दो लाख 60 हजार सैनिक है जबकि ताइवान की नेवी में 40 हजार सैनिक हैं. चीन की एयरफोर्स की बात करें तो इस कम्युनिस्ट देश में तीन लाख 95000 सैनिक हैं जबकि ताइवान की एयरफोर्स में 35000 सैनिक हैं.

अगर हथियारों की बात करें तो चीन के पास 4800 टैंक हैं. लेकिन ताइवान के पास 650 टैंक ही हैं. चीनी सेना के पास 3000 से ज्यादा लड़ाकू विमान हैं. इसके मुकाबले ताइवान की सेना के पास 690 से ज्यादा लड़ाकू विमानों का जखीरा है. चीन के पास 59 पनडुब्बियां हैं जबकि ताइवान के पास चार ही पनडुब्बियां हैं.

चीन के पास 86 नौसैनिक जहाज हैं जबकि ताइवान के पास 26 नौसैनिक जहाज ही हैं. चीनी सेना के पास 9 हजार से ज्यादा तोपें हैं जबकि ताइवान के पास लगभग तीन हजार तोपें ही हैं. 

Advertisement

इन आंकड़ों से साफ पता चलता है कि चीन की सैन्य ताकत के सामने ताइवान कुछ भी नहीं है. ऐसे में अगर चीन, ताइवान पर हमला कर देता है तो ताइवान अपनी रक्षा कैसे करेगा? वह किसकी मदद लेगा? संभावित रूप से चीन की ताकत के सामने वह बौना ही है लेकिन एक्सपर्ट्स का मानना है कि ताइवान युद्ध की स्थिति में चीन के सामने टिक सकता है, बशर्ते उसे बाहर से मदद मिले.

ताइवान कितना तैयार है?

ताइवान के रक्षा मंत्री कह चुके हैं कि चीन के हमले का जवाब देने के लिए उनकी सेना पूरी तरह से तैयार है. उन्होंने कहा कि ताइवान, चीन के किसी भी हमले का जवाब देगी.

रक्षा मंत्री चिउ कुओ चेंग ने कहा कि सेना को पता है कि उसे क्या करना है. हम युद्ध के लिए तैयार हैं. चीन के आगे बढ़ने पर हम निठल्लों की तरह नहीं बैठे रहेंगे. अगर चीन की तरफ से पहले हमला किया जाता है तो हम अपनी रक्षा के लिए तैयार हैं.

TOPICS:
Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement