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चीन ने ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर किया सैन्य अभ्यास, ताइपे ने बीजिंग से पीछे हटने का किया आग्रह

चीन ने सोमवार को ताइवान के आसपास में एक बार फिर बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास किया. चीन ने ताइवान की सीमा के आसपास आर्मी, नौसेना, एयर फोर्स और मिसाइल कोर की भी तैनाती कर दी है. कैप्टर ली शी ने एक बयान में कहा कि  इस अभ्यास का उद्देश्य ताइवान की स्वतंत्रता के अलगाववादी की आवाज को सख्त संदेश देना और ये राष्ट्रीय प्रभुत्व व एकता की रक्षा करने के लिए जरूरी ऑपरेशन है.

चीन ने ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर किया सैन्य अभ्यास. (सांकेतिक फोटो) चीन ने ताइवान के आसपास बड़े पैमाने पर किया सैन्य अभ्यास. (सांकेतिक फोटो)
aajtak.in
  • ताइपे,
  • 14 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 8:10 PM IST

चीन ने सोमवार को ताइवान के आसपास में एक बार फिर बड़े स्तर पर सैन्य अभ्यास शुरू किया. चीन ने ताइवान की सीमा के आसपास आर्मी, नौसेना, एयर फोर्स और मिसाइल कोर की भी तैनाती कर दी है. चीन ने इस इलाके में अपना सैन्य अभ्यास ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के उस बयान के बाद शुरू किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि चीन को ताइपे का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है.

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पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने सोमवार को शाम को कहा कि उसने सैनिकों की एकीकृत संयुक्त संचालन क्षमताओं का पूरी तरह से परीक्षण करते हुए द्वीप के आसपास अपना नाकाबंदी अभ्यास पूरा कर लिया है. पीएलए अपनी सैन्य ताकत दिखाने के लिए समय-समय पर इस तरह के अभ्यास करता रहा है.

'ये जरूरी ऑपरेशन है'

इससे पहले पीएलए के पूर्वी थिएटर कमान ने ताइवान स्ट्रेट और उसके उत्तरी, दक्षिणी और पूर्वी क्षेत्रों में  ज्वाइंट स्वॉर्ड 2024 बी नामक अभ्यास किया. वरिष्ठ कैप्टर ली शी ने एक बयान में कहा कि  इस अभ्यास का उद्देश्य ताइवान की स्वतंत्रता के अलगाववादी की आवाज को सख्त संदेश देना और ये राष्ट्रीय प्रभुत्व व एकता की रक्षा करने के लिए जरूरी ऑपरेशन है.

उन्होंने कहा कि चीन के लियाओनिंग एयरक्राफ्ट कैरियर टास्क ग्रुप को पीएलए के अन्य बलों के साथ संयुक्त अभ्यास करने के लिए तैनात किया गया है. उन्होंने कहा कि यह अभ्यास द्वीप के चारों ओर सभी सेवाओं और हथियारों की संयुक्त संचालन क्षमताओं का परीक्षण करने के लिए है.

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चीनी रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस अभ्यास में बंदरगाहों की नाकाबंदी, क्षेत्रीय नियंत्रण का अधिग्रहण और ताइवान द्वीप के उत्तर और दक्षिण में समुद्री और जमीनी टारगेटों पर ड्रिल करने पर ध्यान केंद्रित किया गया. यह अभ्यास पीएलए सैनिकों की मल्टी-डोमेन सहयोग, सिस्टम्स टकराव और प्रमुख टारगेट पर सटीक हमले की क्षमताओं का परीक्षण था.

ये अभ्यास चार दिन पहले ताइवान के राष्ट्रीय दिवस पर अपने भाषण में ताइवान के राष्ट्रपति लाई चिंग-ते के दावे के जवाब में किया गया है, जिसमें कहा गया था कि दोनों पक्ष "एक-दूसरे के अधीन नहीं हैं" और बीजिंग के पास ताइवान का प्रतिनिधित्व करने का कोई अधिकार नहीं है. मई में अपने चुनाव के बाद ताइवान की स्वतंत्रता पर जोर देने वाले लाई ने कहा कि जलडमरूमध्य के दोनों किनारों को समान दर्जा मिलना चाहिए और वह पूरे जलडमरूमध्य में शांति के लिए प्रतिबद्ध हैं. चीन का दावा है कि ताइवान के मुख्य भूमि के हिस्से के रूप में स्ट्रिंग द्वीप है और राष्ट्रपति शी जिनपिंग बीते कुछ सालों से मदरलैंड के साथ इस मिलने के लिए मुखर रहे हैं.

ताइवान ने की चीन की आलोचना

वहीं, राजधानी ताइपे में ताइवान के विदेश मंत्रालय ने चीन के सैन्य धमकियों की आलोचना की है और बीजिंग से पीछे हटने और उसके सैन्य उकसावे को तुरंत बंद करने का आग्रह किया है.

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बयान में कहा गया है, ‘‘MOFA चीन की निंदा करता है और उससे आग्रह करता है कि वह असहमति और संघर्ष को न्यायसंगत बनाने के मकसद से झूठे बहाने का इस्तेमाल न करे और न ही ऐसा उपद्रवी बन जाए जो क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर करे.

बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने कहा कि "ताइवान की स्वतंत्रता" ताइवान स्ट्रेट में शांति के साथ असंगत है और अलगाववादी बलों की उत्तेजनाओं का जवाब दिया जाएगा.

ताइवान के आसपास पीएलए अभ्यास के बारे में पूछे जाने पर माओ ने एक मीडिया ब्रीफिंग में कहा कि चीन हमेशा क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध रहा है, जो क्षेत्र के देशों के लिए स्पष्ट है. माओ ने कहा, ताइवान चीन के क्षेत्र का अभिन्न अंग है और ताइवान का सवाल चीन का आंतरिक मामला है, जिसमें कोई बाहरी हस्तक्षेप बर्दाश्त नहीं है.

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