
चीन में कोरोना के मामले एक बार फिर तेजी से बढ़ने लगे हैं. हालात ऐसे बन गए हैं कि कुछ जगहों पर फिर लॉकडाउन लग रहा है, लोगों पर पाबंदी लगाई जा रही है और नई ट्रैवल गाइडलाइन भी जारी की गई है. इस समय चीन में ओमिक्रॉन के दो नए सब वैरिएंट सामने आए हैं- बीएफ.7 और बीए.5.1.7. इन दो सब वैरिएंट की वजह से ही चीन में अचानक से कोरोना मामलों में बड़ा उछाल देखने को मिल रहा है.
आंकड़ो के मुताबिक 10 अक्टूबर को चीन में कोरोना के 2,089 केस दर्ज किए गए थे, ये 20 अगस्त के बाद से दर्ज किया गया सबसे बड़ा आंकड़ा रहा. वहीं चीन के ही Shenzhen में बीएफ.7 की वजह से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं. वहां भी मामले तीन गुना तक बढ़ चुके हैं. स्थिति को देखते हुए जो भी लोग अब Shenzhen आएंगे, उनके तीन दिन के भीतर तीन अलग-अलग टेस्ट किए जाएंगे. Shenzhen में हालात इतने चिंताजनक हो गए हैं कि अधिकारी आनन-फानन में स्कूल बंद कर रहे हैं, एंटरटेनमेंट वाली जगहों पर ताला लगा रहे हैं.
अब चीन में कोरोना के अचानक बढ़ते मामलों के कई कारण माने जा रहे हैं. सबसे बड़ा तो ये है कि चीन में सप्ताह भर चलने वाले राष्ट्रीय दिवस की वजह से कई लोग एक जगह से दूसरी जगह ट्रैवल किए हैं. उस कारण से कोरोना का प्रसार भी कई इलाकों तक पहुंचा है. अब सवाल ये उठता है कि क्या कोरोना के ये नए सब वैरिएंट खतरनाक हैं? क्या इनसे डरने की जरूरत है? इस बारे में डॉक्टर राजीव जयदेवन बताते हैं कि ओमिक्रॉन के सब वैरिएंट्स की वजह से कोरोना की नई लहरे कई जगह देखने को मिल रही हैं. यूके और जर्मनी में भी इस वजह से मामले बढ़ने लगे हैं. इन वैरिएंट को लेकर जो जानकारी मिल रही है उसके मुताबिक ये इम्युनिटी को चकमा दे सकते हैं. अभी तक ये संकेत तो नहीं मिले हैं कि इस सबवैरिएंट की वजह से ज्यादा गंभीर लक्षण देखने को मिलेंगे.
वहीं डॉक्टर राजीव जयदेवन चीन की कोरोना रणनीति को लेकर भी ज्यादा संतुष्ट नहीं हैं. उनका कहना है कि चीन अभी भी जीरो कोविड वाली रणनीति पर काम कर रहा है. उसकी तरफ से टेस्टिंग की जा रही है, छोटे लॉकडाउन लगाए जा रहे हैं. लेकिन अब मामले एक दिन में 2000 के करीब पहुंचने लगे हैं. चीन वायरस को यूं फैलने नहीं दे सकता है. ओमिक्रॉन तेजी से फैलता है और मौते भी हो सकती हैं. हांग कांग और ऑस्ट्रेलिया में टीकाकरण के बावजूद भी ऐसा ही नजारा देखने को मिल गया था. लेकिन चीन इस सब के बावजूद भी अपनी रणनीति बदलेगा, मुश्किल लगता है.