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चीन का झूठ बेनकाब! कोरोना से हालात बेकाबू, रिकॉर्ड मौतें, सैटेलाइट तस्वीरें हैं सबूत

चीन में कोरोना से हालात खराब होते जा रहे हैं. इस समय चीन जिन आंकड़ों को छिपाने की लगातार कोशिश कर रहा है, सैटेलाइट तस्वीरें अलग ही तस्वीर बयां कर रही हैं. चीन में कोरोना से रिकॉर्ड मौतें हो रही हैं. रिकॉर्ड मरीज भी दर्ज किए जा रहे हैं.

चीन में कोरोना विस्फोट ( लेफ्ट तस्वीर-AFP) चीन में कोरोना विस्फोट ( लेफ्ट तस्वीर-AFP)
देवव्रत पांडेय
  • नई दिल्ली,
  • 11 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 9:56 PM IST

कोरोना से चीन में हालात बेकाबू चल रहे हैं, ऐसी स्थिति बन गई है जो कोरोना के शुरुआती साल के दौरान भी देखने को नहीं मिली थी. चीन में इस समय रिकॉर्ड मौतें हो रही हैं, रिकॉर्ड मामले आ रहे हैं, रिकॉर्ड मरीज अस्पताल में भर्ती हो रहे हैं. लेकिन चीन ने 'रिकॉर्ड' को मानने से इनकार कर रहा है. आंकड़े इस कदर छिपाए जा रहे हैं कि असल स्थिति को समझना विश्व स्वास्थ्य संगठन के लिए भी चुनौती बन गया है. लेकिन अब सैटेलाइट तस्वीरें सामने आ गई हैं. उन तस्वीरों में श्मशान घाटों के बाहर लंबी कतारें दिख रही हैं, रिकॉर्ड मौतों की सच्चाई सामने आ रही है.

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5000 कुल मौतें बनाम एक दिन में 5000 मौतें!

अब इस चिंताजनक ट्रेंड के बीच चीन की आंकड़े छिपाने वाली बीमारी को इस तरह से समझा जा सकता है कि उसकी तरफ से अभी भी दावा हो रहा है कि देश में सिर्फ 5,200 लोगों की कोरोना से मौत हुई है. चीन की माने तो जब से देश में कोरोना ने अपनी दस्तक दी है, सिर्फ 5,200 लोगों ने इस वायरस की वजह से अपनी जान गंवाई. लेकिन चीन के इन दावों से इतर अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों द्वारा जो प्रोजेक्शन जारी किए गए हैं, वो बताने के लिए काफी हैं कि चीन में हालात बेकाबू हो चुके हैं, जमीन पर अफरा-तफरी का माहौल है. एजेंसियों के मुताबिक चीन में इस समय प्रति दिन 5000 लोगों की मौत हो रही है. ये सभी मौतें कोरोना की वजह से हो रही हैं. अब एक तरफ कुल मौतें 5000 और दूसरी तरफ एक दिन में इतनी ही मौतें होना, आंकड़ों का ये अंतर बताने के लिए काफी है कि चीन अभी भी इस खतरे को समझा नहीं है और दुनिया को सिर्फ गुमराह करने का काम कर रहा है.

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Maxar Technologies की तरफ से सैटेलाइट की जो तस्वीरें शेयर की गई हैं, उनमें कई तरह के बदलाव देखने को मिल रहे हैं. बीजिंग सीमा के पास एक नया श्मशान घाट बना दिया गया है, Kunming, Nanjing, Chengdu, Tangshan, और Huzhou जैसी जगहों पर श्मशान घाट के बाहर गाड़ियों की लंबी कतारें देखने को मिल रही हैं. इस बात के भी सबूत मिल गए हैं कि चीन की स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई हैं. वहां पर मरीजों के लिए बेड नहीं हैं, जरूरी दवाइयां नदारद हैं और सिर्फ भीड़ बढ़ती जा रही है. अब चीन से सामने आईं ये सैटेलाइट तस्वीरें तो सच्चाई बयां कर ही रही हैं, चीन की जिनपिंग सरकार ने कुछ ऐसी गलतियां भी की हैं जो इस कोरोना विस्फोट के लिए जिम्मेदार है.

चीन ने की भूल पर भूल, जनता हुई त्रस्त

ये बात समझना जरूरी हो जाता है कि चीन में कुछ महीने पहले तक जीरो कोविड पॉलिसी को सख्ती से लागू रखा गया था. ये वहीं पॉलिसी है जिस वजह से एक कोरोना मामला सामने आने के बाद ही लॉकडाउन का ऐलान कर दिया गया था, लोगों को सख्त प्रतिबंधों के बीच रहने को मजबूर किया गया था. अब जब उन प्रतिबंधों के बोझ से परेशान होकर लोगों ने सड़क पर विरोध तेज किया, चीन की तानाशाह सरकार को भी झुकना पड़ा. एक के बाद एक जीरो कोविड पॉलिसी में कई तरह की ढील दी गई. नतीजा ये रहा कि अब चीन में कोरोना के रिकॉर्ड मामले सामने आ रहे हैं. मौते इतनी हो रही हैं जो पहले कभी नहीं हुईं. आने वाले दिनों में राहत मिलेगी, ऐसी कोई प्रोजेक्शन सामने नहीं आई है.

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WHO दिखा रहा आईना, चीन सिर्फ छिपा रहा

चीन में इस समय हालात ज्यादा चिंताजनक इसलिए भी बन गए हैं क्योंकि यहां बुजुर्गों की बड़ी आबादी को अब तक कोरोना की वैक्सीन नहीं लगाई गई है. वहीं क्योंकि जमीन पर इतनी सख्ती रही, इस वजह से चीन के लोगों में कोरोना वायरस को लेकर हर्ड इम्युनिटी भी नहीं बन पाई है. एक्सपर्ट मानते हैं कि ये भी कोरोना विस्फोट का एक बड़ा कारण है. WHO इसी वजह से चीन से लगातार बोल रहा है कि वो सही आंकड़े जारी करे, कोरोना की असल स्थिति बताए.

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