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हिमालय की सर्दी से चीनी सैनिकों के पड़े जान के लाले, 'ड्रैगन' ने एक साल में बदले 90% जवान

एक सरकारी अधिकारी ने बताया है कि चीन ने पिछले साल LAC पर लगभग 50 हजार सैनिकों की तैनाती की थी, मगर चीनी सैनिक वहां का मौसम नहीं झेल पा रहे हैं, इस कारण चीन को अपने सैनिकों में से लगभग 90 प्रतिशत सैनिक बदलने पड़े हैं.

हिमालय की सर्द ठंड नहीं झेल पा रहे चीनी सैनिक (फाइल फोटो) हिमालय की सर्द ठंड नहीं झेल पा रहे चीनी सैनिक (फाइल फोटो)
मंजीत नेगी
  • नई दिल्ली ,
  • 06 जून 2021,
  • अपडेटेड 5:59 PM IST
  • हिमालय के मौसम से चीनी सैनिकों की हालत खराब
  • एक साल में बदले नब्बे फीसदी सैनिक
  • भारत भी बदलता है मगर 40-50 फीसदी से अधिक नहीं

भारत-चीन सीमा पर स्थित हिमालय पर तैनात चीनी सैनिकों को अपनी जान के लाले पड़े हुए हैं. हिमालय की सर्द ठंड को सहन करना चीनी सैनिकों के लिए मुश्किल हो रखा है. यही कारण है कि एक साल के भीतर चीन को अपने लगभग सभी सैनिक बदलने पड़े हैं और पुराने सैनिकों की जगह नए सैनिकों की तैनाती की है.

एक सरकारी अधिकारी ने इंडिया टुडे को बताया है कि चीन ने पिछले साल LAC लद्दाख क्षेत्र में लगभग 50 हजार सैनिकों की तैनाती की थी मगर चीनी सैनिक वहां का मौसम नहीं झेल पा रहे हैं इस कारण चीन को अपने सैनिकों में से लगभग 90 प्रतिशत सैनिक बदलने पड़े हैं.

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सूत्र ने बताया है कि चीन ने अब नए सैनिकों की तैनाती है कि जिन्हें आसपास के ही दूसरे क्षेत्रों से लाया जा रहा है. खराब मौसम ने चीनी सैनिकों की हालत खराब कर दी है. हालांकि भारत भी हर साल अपने सैनिक बदलता है लेकिन भारत इतने बड़े स्तर पर नहीं बदलता है.

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भारत लगभग 40 से 50 प्रतिशत के स्तर पर अपने सैनिकों की बदली करता है, ऐसा इसलिए होता है क्योंकि दो साल लद्दाख क्षेत्र में तैनाती अनिवार्य होती है.

आपको बता दें कि इससे पहले इंडिया टुडे ने भी एक्सक्लूसिव सैटेलाइट तस्वीरों की मदद से बताया था कि बहुत सी टकराव वाली जगहों पर चीन ने अपने सैनिक हटाए नहीं हैं बल्कि वहां पर गतिविधियां हुई हैं. और कुछ जगहों पर कुछ बदलाव भी हुए हैं.

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आपको बता दें कि दोनों देशों ने गलवान घाटी मामले को बातचीत से सुलझा लिया है और बाकी जगहों के टकराव को भी बातचीत से सुलझाने की कोशिश की जा रही है. पिछले साल मार्च-अप्रैल में जब टकराव की स्थिति बनी थी तो चीन ने करीब 50 हजार सैनिकों की तैनाती की थी. मगर एक समझौते के बाद दोनों देश की पूर्व की स्थिति पर वापस जाने के लिए तैयार हो गए हैं.

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