
एक तरफ कनाडा जहां अमेरिका के टैरिफ और धमकियों से परेशान है, वहीं दूसरी तरफ चीन से भी उसकी तनी हुई है. चीन ने कनाडा पर अपने हितों को गंभीर नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया है. कनाडा ने चीन की इलेक्ट्रिक गाड़ियों पर टैरिफ लगाया था जिसके बदले में चीन ने अब कनाडाई वस्तुओं को निशाना बनाया है.
चीन ने इसी महीने कनाडाई सरसों के तेल, ऑयल केक और मटर पर 100 प्रतिशत का अतिरिक्त टैरिफ लगा दिया है. कनाडा ने चीन के इस टैरिफ की शिकायत विश्व व्यापार संगठन (WTO) में भी की है.
चीन ने कहा कि कनाडा ने पिछले साल चीन की इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाया था. हालिया टैरिफ कनाडा के इसी टैरिफ का जवाब है.
चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गुओ जियाकुन ने कनाडा पर टैरिफ लगाने को लेकर कहा, 'चीन ने जवाबी टैरिफ लगाया है वो पूरी तरह से उचित और कानून के अनुरूप है. हम कनाडा से आग्रह करते हैं कि वो अपने गलत रवैये को सुधारे और दोनों दशों के बीच सामान्य व्यापार बहाल करने के लिए ठोस कार्रवाई करे.'
कनाडा ने चीन के खिलाफ WTO में की शिकायत
WTO ने पुष्टि की है कि कनाडा ने अतिरिक्त टैरिफ को लेकर चीन के खिलाफ शिकायत की है. संगठन ने कहा कि कनाडा ने अनुरोध किया कि उसके कृषि और मत्स्य उत्पादों पर चीन के अतिरिक्त टैरिफ को लेकर परामर्श किया जाए. WTO प्रक्रियाओं के लिए शुरू में विवाद वाले पक्षों के बीच परामर्श की जरूरत होती है. अगर इससे कोई समाधान नहीं निकल पाता तो शिकायतकर्ता तीन से पांच एक्सपर्ट्स वाले पैनल का अनुरोध कर सकता है.
कनाडा कैनोला के उत्पादन में दुनिया के शीर्ष देशों में शामिल है. कैनोला से खाना बनाने का तेल, पशुओं के लिए चारा, बायोडीजल ईंधन बनता है और चीन कैनोला के लिए ऐतिहासिक रूप से कनाडा पर निर्भर रहा है. चीन कनाडा के पानी वाले प्रोडक्ट्स जैसे मछलियों और पोर्क मीट पर चीन ने अतिरिक्त 25% का टैरिफ लगाया है. कनाडा के इंडस्ट्री रिप्रेजेंटेटिव्स ने चीन के नए टैरिफ को लेकर चिंताएं जताई हैं.
पहले अमेरिका और अब चीन ने बढ़ाई कनाडा की मुश्किलें
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सत्ता में आने के बाद से ही कनाडा की मुश्किलें बढ़ गई हैं. कनाडा पहले ही महंगाई और राजनीतिक अस्थिरता से जूझ रहा था और ट्रंप ने आते ही कनाडा को अमेरिकी राज्य बनने का प्रस्ताव दे दिया. ट्रंप ने कहा था कि कनाडा की अर्थव्यवस्था अमेरिका के सहारे चल रही है इसलिए उसे अमेरिका का 51वां राज्य बन जाना चाहिए. ट्रंप जस्टिन ट्रूडो (कनाडा के पूर्व प्रधानमंत्री) को कई बार गवर्नर कहकर संबोधित कर चुके हैं. अमेरिका में राज्यों के प्रमुख को गवर्नर कहा जाता है.
कनाडा को अमेरिका में मिलाने की धमकी के साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा पर 25% का टैरिफ भी लगाया है. अमेरिका का कहना है कि कनाडा अपनी सीमा से अवैध प्रवासियों और ड्रग्स की तस्करी को रोकने में नाकामयाब रहा है और इसी वजह से उस पर टैरिफ लगाना जायज है. टैरिफ को लेकर ट्रूडो का कहना था कि यह ट्रंप की सोची-समझी रणनीति है जिसमें वो कनाडा की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह बर्बाद करना चाहते हैं ताकि फिर कनाडा पर कब्जा करना आसान हो जाए.
अहम व्यापारिक साझेदार हैं अमेरिका-कनाडा
कनाडा और अमेरिका अहम व्यापारिक पार्टनर हैं. 2024 में, अमेरिका और कनाडा के बीच कुल 762.1 अरब डॉलर का व्यापार हुआ जिसमें अमेरिका ने कनाडा को 349.4 अरब डॉलर की वस्तुएं बेची और कनाडा से 412.7 अरब डॉलर का आयात किया. इन आंकड़ों से साफ होता है कि अमेरिका को इस व्यापार में काफी अधिक व्यापार घाटा हो रहा है. 2024 में ही अमेरिका को 63.3 अरब डॉलर का व्यापार घाटा हुआ.
ट्रंप कनाडा के साथ व्यापार घाटा को भी कम करना चाहते हैं और उनके टैरिफ का एक मकसद ये भी है. अमेरिका की इस टैरिफ से परेशान कनाडा पर चीन ने भी टैरिफ लगा दिया है जिससे वो और अधिक परेशानी में पड़ गया है.