
रूस-यूक्रेन युद्ध को आज 49 दिन हो गए हैं. यूक्रेन की बर्बादी और नरसंहार की तस्वीरें देखकर पूरी दुनिया की भावनाएं बहुत आहत हुई हैं और बूचा नरसंहार को देखकर दुनियाभर के लोगों की संवेदनाएं यूक्रेन के प्रति बढ़ गई हैं. लेकिन इस सबके बीच एक देश ऐसा भी है जो इस युद्ध को एक मौके और प्रयोग के रूप में देख रहा है. इस देश का नाम है- चीन. जो अपने पड़ोसी देश ताइवान पर हमला करके कब्जा करना चाहता है. वैसे ये कोई नई बात नहीं है, क्योंकि चीन अपनी विस्तारवादी नीति के तहत वर्षों से ताइवान पर कब्जा करने की कोशिश कर रहा है, लेकिन यूक्रेन युद्ध को देखकर उसका इरादा और उत्साह दोनों बहुत हाई हैं. चीन की घुसपैठ को लेकर ताइवान के रक्षा मंत्रालय ने कुछ आंकड़े जारी किए हैं:-
- इसी महीने अप्रैल में चीन के 4 लड़ाकू विमान ताइवान के एयर डिफेंस आइडेंटिफिकेशन जोन में घुसपैठ करने की कोशिश की.
- इससे पहले जनवरी में चीन 12 बार ताइवान की वायु सीमा के अंदर घुसपैठ की कोशिश कर चुका है.
- 2021 में चीन के सैन्य विमानों ने 239 दिनों में 961 बार ताइवान के वायुरक्षा क्षेत्र में प्रवेश किया है.
इन हरकतों से चीन अपना रहा है 'ग्रे जोन' युद्ध नीति
दरअसल, जब कोई देश बिना शक्ति का इस्तेमाल किए दूसरे की वायुसीमा मे प्रवेश करता है और अपने लक्ष्य को पूरा करने की कोशिश करता है, उसे 'ग्रे जोन युद्ध नीति' कहा जाता है. इस तरह की घुसपैठ से चीन अपनी शक्ति का प्रदर्शन करना चाहता है और ताइवान का मनोबल तोड़ना चाहता है. यूक्रेन युद्ध में रूस जिस तरह कूटनीतिक बाहुबली के रूप में उभरा है, उसके बाद चीन का मनोबल आकाश में हैं. चीन की कब्जे वाली सोच की भनक ताइवान सरकार को लग चुकी है. इसलिए ताइवान का रक्षा मंत्रालय अपने देश को लोगों को युद्ध के दौरान हमलों से बचने की सलाह और गाइडलाइन्स दे रहा है:
- Ministry of National Defense ने लोगों को युद्ध से बचाने वाली तकनीकों की जानकारी देने लिए Civil Defense Handbook जारी की हैं.
- इस 28 पेज़ की Handbook में QR code तकनीक का इस्तेमाल किया गया जिसे स्कैन करके युद्ध में फंसे हुए लोग सुरक्षित स्थान पर जाने का रास्ता खोज सकते हैं.
- इसमें हवाई हमलों से बचने लेकर किसी इमारत के ध्वस्त हो जाने की स्थिति में बचने का तरीका विस्तार से समझाया गया है.
- युद्ध की स्थिति में अगर कोई नागरिक फंस जाता है तो वो मदद के लिए किन-किन लोगों को फोन कर सकता है, ये जानकारी भी दी गई है.
घुसपैठ की कोशिशें तेज़
इस तैयारी को देखकर ऐसा लगाता है कि ताइवान अपने नागरिकों को मानसिक रूप से तैयार कर रहा है कि किसी भी समय चीन का हमला हो सकता है. ताइवान की चिंता जायज़ है, क्योंकि चीन, ताइवान पर कब्ज़ा करना चाहता है और पिछले 2 वर्षों में लगातार ताइवान में घुसपैठ की कोशिशें तेज़ कर दी हैं और इसकी तात्कालिक वजह ये भी है कि चीन, यूक्रेन युद्ध को देखकर रूस को अपना आदर्श मान रहा है, इसलिए शी जिनपिंग इसे एक संयोग और प्रयोग की तरह देख रहे हैं. जिस तरह यूक्रेन पर अपना दबदबा कायम करने के मकसद से पुतिन कीव पर कब्जा चाहते हैं, उसी तरह ताइवान पर चीन का कब्जा संपन्न करवाने के लिए शी जिनपिंग आमादा हैं.
जब ताइवान में हुई चीन की घुसपैठ
- हाल ही में चीन के दो लड़ाकू विमान और दो बमवर्षक विमान ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में दाखिल हुए. ताइवान के मुताबिक, चीन के शेनयांग जे-11 और शेनयांग जे-16 लड़ाकू विमानों के साथ दो शीआन एच-6 बमवर्षक विमानों ने ताइवान के वायु रक्षा क्षेत्र में घुसपैठ की.
- इससे पहले मार्च के दूसरे हफ़्ते में ताइवान में 13 चीनी लड़ाकू विमानों ने घुसपैठ की थी. इसमें सात J-10, पांच J-16 और एक वाई-8 इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर लड़ाकू विमान था. ताइवान का दावा है कि चेतावनी देकर चीन के सभी लड़ाकू विमानों को अपनी वायुसीमा से खदेड़ दिया था.
- इसके अलावा 17 मार्च के आसपास चीन का एक Aircraft Carrier शेडोंग ताइवान के किनमेन द्वीप की तरफ रवाना हुआ था. ताइवान का ये इलाका चीनी के एक शहर जियामेन के सामने है.
- ऐसा पहली बार नहीं है कि चीन, ताइवान में घुसपैठ करने की कोशिश कर रहा हो. चीन की सेना कभी हवाई सीमा में तो कभी जल सीमा में घुसपैठ करके दवाब बनाने की कोशिश कर करती रही है.
- पिछले साल नवंबर में चीन के 27 लड़ाकू विमानों ने ताइवान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की थी. ताइवान के रक्षा मंत्रालय के अनुसार, चीन के 27 विमानों में 18 फाइटर प्लेन, पांच एच-6 बमवर्षक विमान और ईंधन भरने वाला एक वाई-20 विमान शामिल था.
- इन सभी विमानों ने ताइवान के एयर डिफेंस बफर जोन में प्रवेश किया, लेकिन ताइवान एयरफोर्स की चेतावनी के बाद वापस चीन की सीमा में चले गये.
इसलिए मजबूत हुए चीन के हौसले
ताइवान पर चीन की घुसपैठ का दूसरा पहलू ये भी है कि जिस तरह यूक्रेन युद्ध में नाटो देशों ने मदद नहीं की, उसे देखकर शी जिनपिंग के हौसले कुछ मजबूत हो गये हैं. यही वजह है कि चीन लगातार ताइवान के मामले में अमेरिका को दूर रहने की नसीहत दे रहा है. ठीक वैसे ही जैसे पुतिन ने यूक्रेन युद्ध में नाटों को दूर रहने की धमकी दी है. हालांकि, नाटो ने भी यूक्रेन की कोई ख़ास मदद नहीं की है, लेकिन ताइवान की स्थिति यूक्रेन से बहुत अलग है.
साउथ कोरिया और जापान के लिए खतरा!
- अगर ताइवान पर चीन हमला करता है तो साउथ कोरिया और जापान के लिए बहुत बड़ा खतरा पैदा हो जाएगा. ऐसे में अमेरिका को ना चाहते हुए युद्ध में उतरना पड़ेगा, क्योंकि हिरोशिमा और नागासाकी में जापान की बर्बादी के बाद अमेरिका ने जापान की आजीवन सुरक्षा का वादा किया था.
- रूस-यूक्रेन संकट के बीच ताइवान अपने नागरिकों को हमले से बचने की गाइडलाइन जारी कर चुका है. ताइवान को आशंका है चीन उस पर हमले कर सकता है. चीन ये दावा करता आया है कि ताइवान, चीन का हिस्सा है. ऐसे में चीन के प्रति ताइवान के लोगों की राय जानने के लिए एक सर्वे करवाया.
क्या चीन का हिस्सा है ताइवान?
- इसमें 90 प्रतिशत ताइवान के लोगों ने चीन के इस दावे को खारिज कर दिया.
- ताइवान के 74.6 प्रतिशत ने चीन को ताइवान की सरकार का दुश्मन माना.
- करीब 60 प्रतिशत ने कहा कि चीन ने ताइवान के लोगों के प्रति एक दुश्मन जैसा व्यवहार किया है.
- 80 प्रतिशत लोगों ने सरकार की इस बात का समर्थन किया कि ताइवान का भविष्य और चीन के साथ संबंधों का विकास ताइवान की 2 करोड़ 30 लाख आबादी के निर्णय के अधीन होना चाहिए.
ताइवान के ऊपर नज़र गड़ाए बैठा है चीन
ताइवान के लोगों की राय और रक्षा तैयारियों से इस बात की आशंका बढ़ गई है कि चीन, ताइवान पर हमला कर सकता है. हालांकि, अपनी विस्तारवादी नीति के चलते चीन वर्षों से ताइवान के ऊपर नज़र गड़ाए बैठा है. लेकिन यूक्रेन युद्ध में रूस की आक्रामकता और पश्चिमी देशों की निष्क्रियता देखकर चीन की हिम्मत और उत्साह बढ़ गए हैं. उसे लग रहा है कि ये सही मौका है और यही ताइवान के लिए ख़तरे की आहट है.
- गीता मोहन के साथ ब्यूरो रिपोर्ट आजतक