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बैंकॉक में जमींदोज हुई 33 मंजिला इमारत का चीन कनेक्शन आया सामने, दस्तावेज चोरी होने के बाद बैठी जांच

थाईलैंड में आए भूकंप में जमींदोज हुई 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत से 32 दस्तावेज़ चोरी करने के आरोप में चार चीनी नागरिकों को भी गिरफ़्तार किया गया है. बैंकॉक के गवर्नर ने इस जगह को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है और सिर्फ अधिकृत कर्मियों को ही वहां जाने की इजाजत दी है.

बैंकॉक में जमींदोज हुई इमारत को लेकर उठे सवाल बैंकॉक में जमींदोज हुई इमारत को लेकर उठे सवाल
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 31 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 12:41 AM IST

म्यांमार में शुक्रवार को आए विनाशकारी भूकंप का असर थाईलैंड में भी देखने को मिला. रिक्टर स्केल पर 7.7 की तीव्रता वाले इस भूकंप से बैंकॉक में 33 मंजिला निर्माणाधीन इमारत कुछ ही सेकंड में जमींदोज हो गई. अब थाईलैंड की सरकार ने चीन समर्थित एक निर्माण कंपनी के खिलाफ जांच शुरू कर दी है.  इस गगनचुंबी इमारत के गिरने के बाद मलबे के नीचे दबने से 17 लोगों की हुई है और 32 अन्य घायल हुए हैं. इसके अलावा हादसे में अब तक 83 मजदूर लापता बताए जा रहे हैं.

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इमारत के निर्माण पर उठे सवाल

थाईलैंड की राजधानी बैंकॉक ऐसी कई ऊंची इमारतों से पटा हुआ है लेकिन भूकंप के दौरान किसी अन्य बिल्डिंग को ऐसा नुकसान नहीं पहुंचा. इमारत के ढहने से इसके निर्माण को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं. थाईलैंड के स्टेट ऑडिट ऑफिस (SAO) की ओर से कमीशन किया गया यह प्रोजेक्ट तीन साल से चल रहा था और इमारत को बनाने की लागत दो बिलियन बहत (45 मिलियन पाउंड) से ज्यादा थी.

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इस बीच थाईलैंड के उप प्रधानमंत्री अनुतिन चर्नविराकुल, जिन्होंने इमारत ढहने के एक दिन बाद घटनास्थल का दौरा किया, ने कहा कि सरकार आपदा को बेहतर ढंग से समझने के लिए तत्काल जांच शुरू करेगी. टेलीग्राफ ने चर्नविराकुल के हवाले से कहा, 'मैं जांच कमेटी नियुक्त कर रहा हूं, मैंने उन्हें इसकी रिपोर्ट देने के लिए सात दिन का टाइम दिया है कि क्या हो रहा है और इमारत गिरने का कारण क्या है.'

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बिल्डिंग से दस्तावेजों की चोरी

जमींदोज हुई इमारत से 32 दस्तावेज़ चोरी करने के आरोप में चार चीनी नागरिकों को भी गिरफ़्तार किया गया है. बैंकॉक के गवर्नर ने इस जगह को आपदा क्षेत्र घोषित कर दिया है और सिर्फ अधिकृत कर्मियों को ही वहां जाने की इजाजत दी है. द टेलीग्राफ के अनुसार, एसएओ बिल्डिंग को इटैलियन-थाई डेवलपमेंट पीएलसी (आईटीडी) और चाइना रेलवे नंबर 10 (थाईलैंड) लिमिटेड, जो कि चाइना रेलवे नंबर 10 इंजीनियरिंग ग्रुप की सहायक कंपनी है, के बीच एक जॉइंट वेंचर्स जरिए तैयार किया जा रहा था. चीनी फर्म के पास 49 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जो थाई कानून के तहत अधिकतम विदेशी स्वामित्व है.

ताश के पत्तों की तरह ढह गई थी निर्माणाधीन इमारत (PTI)

रिपोर्ट के अनुसार 2018 में स्थापित चाइना रेलवे नंबर 10 (थाईलैंड) को ऑफिस बिल्डिंग, रेलवे और सार्वजनिक सड़कों सहित प्रमुख बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए एक ठेकेदार के रूप में नियुक्त किया गया था. 2023 में कंपनी ने 199.66 मिलियन बहत का घाटा दर्ज किया, जिसमें 206.25 मिलियन बहत का रेवेन्यू और 354.95 मिलियन बहत का कुल खर्च शामिल था. बता दें कि थाईलैंड की आधिकारिक मुद्रा थाई बहत (THB) है.  

क्या मानकों से हुआ समझौता

समाचार एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार, इस टावर को मूल रूप से 2026 में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया था, लेकिन यह अपने निर्धारित समय से काफ़ी पीछे चल रहा था. डिप्टी ऑडिटर जनरल सुथिपोंग बूननिथी ने खुलासा किया है कि इसके ढहने से पहले इसका निर्माण कार्य सिर्फ 30 प्रतिशत ही पूरा हुआ था. थाईलैंड के भ्रष्टाचार विरोधी संगठन के अध्यक्ष माना निमितमोंगकोल ने कहा कि उनकी संस्था ने साइट निरीक्षण के दौरान देरी, श्रमिकों की कमी और संभावित लागत में कटौती का हवाला देते हुए निर्माण पर चिंता जताई थी.

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उन्होंने कहा कि कई बार साइट पर काम करने वाले श्रमिकों की संख्या जरूरत से काफी कम होती थी, जिससे निर्माण में देरी हो रही थी. निमितमोंगकोल ने कहा कि हो सकता है कि प्रोजेक्ट को पूरा करने के लिए आखिरी समय में जोर दिया गया हो, जिससे निर्माण मानकों के साथ समझौते का शक है. उन्होंने यह भी बताया कि निर्माण में देरी इतनी गंभीर थी कि ऑडिट ऑफिस ने जनवरी में ही दोनों निर्माण कंपनियों के साथ करार को खत्म करने पर विचार किया था.

म्यांमार में दो हजार लोगों की मौत

भूकंप का सबसे ज्यादा असर म्यांमार में हुआ है, जहां मरने वालों की संख्या दो हजार से ज्यादा हो गई है, जबकि चार हज़ार लोग घायल हुए हैं. सागाइंग के उत्तर-पश्चिम से शुरू हुए इस भूकंप ने देश के सबसे बड़े शहरों में से एक मांडले में इमारतों को तहस-नहस कर दिया और बुनियादी ढांचे को भारी नुकसान पहुंचाया है. देश के छह रीजन में इमरजेंसी घोषित की गई है और अस्पताल घायलों से भरे पड़े हैं.

भारत ने भूकंप से प्रभावित लोगों की मदद के लिए पांच सैन्य विमानों में राहत सामग्री, बचाव दल और चिकित्सा उपकरण म्यांमार भेजे हैं. नई दिल्ली ने तीन सी-130जे और दो सी-17 ग्लोबमास्टर विमानों से राहत सामग्री, दवाइयां, राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) का 80 सदस्यीय बचाव दल म्यांमार के लिए रवाना किया है. 

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