
चीन की सेना में भ्रष्टाचार कोई नई बात नहीं है. शी जिनपिंग अपनी सेना को मॉर्डनाइज करने पर पूरा जोर दिए हुए हैं. आलम ये है कि भ्रष्टाचार की वजह से सेना के मॉर्डनाइजेशन और उसके कामकाज प्रभावित हो रहे हैं. अब देखा जा रहा है कि जिनपिंग प्रशासन बड़े नेतृत्व में बदलाव कर रहे हैं और इस बीच बड़े अधिकारियों को गिरफ्तार तक किया जा रहा है. सवाल यह भी हैं कि बड़े अधिकारियों को गिरफ्तार करके, कहीं शी जिनपिंग अपने खिलाफ उठ रहे विरोधों को दबाने की कोशिश तो नहीं कर रहे हैं.
चीन के सेंट्रल मिलिट्री कमिशन के उपाध्यक्ष हे वेइडोंग को गिरफ्तार कर लिया गया है. यह गिरफ्तारी चीन के सैन्य बलों में हो रहे बड़े बदलावों का हिस्सा है. एक प्रमुख सूत्र ने बताया कि हे वेइडोंग की गिरफ्तारी के बाद झाओ केशी और फुजियान गुट के जनरलों को भी गिरफ्तार कर लिया गया है.
यह भी पढ़ें: भारत-चीन रिश्तों पर पीएम मोदी की टिप्पणी से चीन गदगद, ग्लोबल टाइम्स में भी तारीफ
चीन की सेना में भ्रष्टाचार नेटवर्क को खत्म करने की कोशिश
झाओ केशी, पूर्व पीएलए जनरल लॉजिस्टिक्स विभाग मंत्री थे. वे सेना में संसाधन प्रबंधन और शक्ति संरचना में एक अहम हस्ती रहे हैं. उनकी गिरफ्तारी से सैन्य संसाधन प्रबंधन में बड़े बदलाव की संभावना है. सूत्रों के मुताबिक, झाओ केशी की गिरफ्तारी से सैन्य बजट आवंटन और रक्षा उद्योग से जुड़े भ्रष्टाचार नेटवर्क का संभावित खुलासा हो सकता है, या फिर आशंका यह भी है कि नेताओं के बीच सत्ता पर संघर्ष चल रहा है.
कई बड़े अधिकारियों को भी पद से हटाया गया
हे वेइडोंग की गिरफ्तारी के बाद उनकी सचिव की जांच चल रही है. साथ ही पश्चिमी थिएटर कमांड के उप कमांडर और कई फुजियान-आधारित जनरलों को हिरासत में लिया गया है, जो चीनी सेना में गहरे गुटीय संघर्ष की ओर इशारा करता है. इनके अलावा, पूर्वी थिएटर नौसेना कमांडर, सीएमसी विज्ञान और प्रौद्योगिकी समिति के उप निदेशक, और सैन्य मामलों के कार्यालय निदेशक को भी हटाया गया है, जो पीएलए के शीर्ष स्तरों पर तेजी से पुनर्गठन का संकेत दे रहे हैं.
यह भी पढ़ें: रूस, चीन, पाकिस्तान, ट्रंप, गुजरात दंगे और AI... लेक्स फ्रिडमैन के पॉडकास्ट में PM मोदी के इंटरव्यू की 10 बड़ी बातें
एंटी-शी मूवमेंट को दबाने की कोशिश तो नहीं!
फुजियान लंबे समय से शी जिनपिंग का मजबूत गढ़ रहा है. अब, फुजियान-आधारित सैन्य नेताओं पर बड़ी कार्रवाई यह सवाल उठाती है कि क्या शी अपनी ही पूर्व सहयोगियों को निशाना बना रहे हैं? या क्या वे सेना में बढ़ते एंटी-शी आंदोलन को समाप्त करने की कोशिश कर रहे हैं?