चीन का सबसे खतरनाक और आधुनिक एयरक्राफ्ट करियर तैयार, सैटेलाइट तस्वीरों से खुलासा

चीन (China) अपना सबसे आधुनिक और खतरनाक विमानवाहक युद्धपोत लगभग बना चुका है. इसका खुलासा सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है. एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन बहुत जल्द ही इसे ट्रायल्स के लिए समुद्र में उतारेगा.

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China New Aircraft Carrier: ये है चीन का नया टाइप 003 विमानवाहक युद्धपोत. (फोटोः AP) China New Aircraft Carrier: ये है चीन का नया टाइप 003 विमानवाहक युद्धपोत. (फोटोः AP)

aajtak.in

  • शंघाई,
  • 08 जून 2022,
  • अपडेटेड 6:31 AM IST
  • पूरी तरह से स्वदेशी है विमानवाहक पोत
  • नई तकनीकों और हथियारों से होगा लैस

चीन अपना सबसे आधुनिक और खतरनाक विमानवाहक युद्धपोत (Aircraft Carrier) बना रहा है. इसका खुलासा सैटेलाइट तस्वीरों से हुआ है. जिसे लिया है प्लैनेट लैब्स पीबीसी सैटेलाइट ने. इन तस्वीरों की एनालिसिस समाचार एजेंसी द एसोसिएटेड प्रेस ने किया है. रक्षा एक्सपर्ट्स की मानें तो चीन बहुत जल्द इस युद्धपोत को समुद्र में उतार सकता है. 

जानकारी के मुताबिक, चीन आधुनिक टाइप 003 एयरक्राफ्ट करियर बना रहा है. जो लगभग पूरा होने वाला है. इसे शंघाई के पास उत्तर-पूर्व में मौजूद जियांगनान शिपयार्ड में साल 2018 से बनाया जा रहा है. सैटेलाइट ने इसकी तस्वीर 7 जून 2022 को ही ली है. सैटेलाइट तस्वीरों में करियर का डेक स्पष्ट तौर से दिखाई दे रहा है. तस्वीरों के बीच में बादल भी आ रहे हैं. 

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साल 2018 से शंघाई के जियांगनान शिपयार्ड में बनाया जा रहा है यह करियर. (फोटोः AP)

जल्द ही समुद्र में ट्रायल्स के लिए उतारने की संभावना

एयरक्राफ्ट करियर से बैक इक्विपमेंट हटाए जा चुके हैं. पूरा डेक ड्राई दिख रहा है. पोत को पानी में उतारने की तैयारी लग रही है. समाचार एजेंसी एपी ने जब इस बारे में चीन के रक्षा मंत्रालय से पूछा तो उधर से किसी तरह का जवाब नहीं दिया गया. अभी तक इस युद्धपोत के लॉन्चिंग की कोई घोषणा नहीं की गई है. लेकिन सरकारी समाचार पत्र ग्लोबल टाइम्स के अनुसार इसे जल्द ही समुद्र में उतारा जा सकता है. 

डेढ़ साल लगेंगे ऑपरेशनल होने में...अमेरिका का दावा

अमेरिकी रक्षा मंत्रालय का मानना है कि चीन भले ही इसे समुद्र में उतार ले, लेकिन पूरी तरह से ऑपरेशनल होने में इस एयरक्राफ्ट करियर को अभी डेढ़ साल और लगेंगे. क्योंकि उसके पहले काफी ज्यादा मात्रा में समुद्री ट्रायल्स होंगे. ये एयरक्राफ्ट करियर चीन का अत्याधुनिक विमानवाहक पोत होगा. इसपर वही तकनीक लगाई जाएगी जो पूरी तरह से टेस्टेड होंगी. 100 फीसदी परफेक्ट होंगी. 

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आधुनिक हथियारों और रडार तकनीकों से लैस होगा चीन का सबसे नया एयरक्राफ्ट करियर. (फोटोः AP)

चीन की सारी लड़ाई अमेरिकी नौसेना से है

चीन के इस विमानवाहक युद्धपोत को चीन की मिलिट्री के आधुनिकीकरण का हिस्सा माना जा रहा है. इसे बनाने के पीछे चीन का मकसद है एशियाई इलाके में अपनी धमक को बढ़ाना. युद्धपोतों की संख्या के मामले में चीन के पास दुनिया की सबसे बड़ी नौसेना है. हालांकि क्षमताओं के मामले में वह अमेरिकी नौसेना से काफी पीछे हैं. लेकिन जब बात होती है एयरक्राफ्ट करियर्स के संख्या की तब अमेरिकी नौसेना दुनिया की नंबर एक ताकतवर नेवी साबित होती है. 

अमेरिका को पार पाना फिलहाल चीन के बस का नहीं

अमेरिका के पास 11 परमाणु ईंधन संचालित युद्धपोत हैं. इसके अलावा अमेरिकी नौसेना के पास 9 एंफिबियस असॉल्ट शिप्स भी हैं. जिनपर हमलावर हेलिकॉप्टर्स और वर्टिकल टेकऑफ फाइटर जेट्स भी हैं. चीन ने नए एयरक्राफ्ट करियर पर काम तब शुरु किया जब उसने अमेरिका को एशियाई इलाके और प्रशांत महासागर में अपनी ताकत बढ़ाते देखा. 

पूरी तरह से स्वदेशी है चीन का यह एयरक्राफ्ट करियर. (फोटोः AP)

चीन प्रशांत और दक्षिणी चीन सागर पर चाहता है कब्जा

चीन के आसपास के समुद्री इलाकों पर छह देशों का दावा रहता है. रणनीतिक तौर पर यह समुद्री मार्ग बेहद महत्वपूर्ण है. यहां से 5 ट्रिलियन डॉलर्स का वैश्विक व्यापार होता है. इस समुद्री इलाके में बहुतायत में तेल और गैस डिपॉजिट है. हालांकि शिकार और व्यापार की वजह से मछलियों की संख्या तेजी से कम हो रही है. चीन इस समुद्री इलाके पर अपना दावा करता है. वह कहता है इसके सभी द्वीप और स्रोत उसके आधिपत्य में आते हैं. 

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अमेरिका लगाता है चीन की हरकतों पर विराम

अमेरिकी नौसैनिक युद्धपोत चीन द्वारा बनाए गए आईलैंड तक जा पहुंचे थे. उन्होंने वहां पर मौजूद एयरस्ट्रिप और अन्य सैन्य ठिकानों की रेकी की थी. चीन का कहना है कि अमेरिका उसके इलाके में घुसपैठ कर रहा है. अमेरिका का दावा है कि अंतरराष्ट्रीय व्यापार मार्ग को सुरक्षित बनाए रखने के लिए वह मिलिट्री ड्रिल कर रहा था. 

See satellite images of China’s new aircraft carrierhttps://t.co/pjJC5gjHux pic.twitter.com/oSZTI7ssXH

— Defense News (@defense_news) June 6, 2022

जिबौती में चीन ने बनाया था अपना नौसैनिक मिलिट्री बैस

चीन ने हाल ही में अपनी समुद्री ताकत और इलाके को बढ़ाने का प्रयास किया है. उसने हिंद महासागर और पश्चिमी प्रशांत महासागर के आसपास भी अपने बेस बनाने शुरु कर दिए हैं. पिछले एक दशक में चीन ने अफ्रीकन हॉर्न राष्ट्र कहे जाने वाले जिबौती में अपना बेस बनाया है. यहां पर अमेरिका और जापान समेत कई देश अपनी मिलिट्री मौजूदगी पहले से बना चुके हैं. 

लगातार अपडेट कर रहा है अपनी मिलिट्री को

चीन का नया एयरक्राफ्ट करियर टाइप 002 के बाद दूसरा स्वदेशी विमानवाहक पोत है. टाइप 002 हाल ही में समुद्री ट्रायल्स में निकला था. चीन ने सोवियत जमाने में बने यूक्रेनी युद्धपोत को भी दुरुस्त किया है. इसके अलावा चीन ने रूसी फाइटर जेट सुखोई-33 के प्लेटफॉर्म पर अपना फाइटर जेट बना लिया है. 

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