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क्यों नरम पड़े चीन के तेवर... मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित करने की Inside Story

पिछले साल आतंकवाद के खिलाफ भारत और अमेरिका के प्रयासों पर पानी फेरने वाला चीन का यह नया कदम चौंकाने वाला है. सवाल उठने लगे हैं कि पाकिस्तान के जिगरी दोस्त चीन के तेवर आखिर क्यों बदल गए. बेशक चीन के इस कदम को पाकिस्तान के लिए झटका माना जा रहा है. लेकिन चीन ने खुद अपने इस कदम पर सफाई देते हुए कहा है कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है.

चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 17 जनवरी 2023,
  • अपडेटेड 11:11 PM IST

भारत और अमेरिका ने पिछले साल संयुक्त रूप से पाकिस्तान के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट सूची में शामिल कराने के लिए प्रस्ताव पेश किया था. लेकिन उस समय चीन ने अपनी वीटो पावर का इस्तेमाल कर उनकी राह में रोड़ा अटका दिया था. लेकिन सोमवार को आखिरकार संयुक्त राष्ट्र ने मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया और चीन चुपचाप देखता रहा.

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पिछले साल आतंकवाद के खिलाफ भारत और अमेरिका के प्रयासों पर पानी फेरने वाला चीन का यह नया कदम चौंकाने वाला है. सवाल उठने लगे हैं कि पाकिस्तान के जिगरी दोस्त चीन के तेवर आखिर क्यों बदल गए. बेशक चीन के इस कदम को पाकिस्तान के लिए झटका माना जा रहा है. लेकिन चीन ने खुद अपने इस कदम पर सफाई देते हुए कहा है कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है.

चीन ने अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि आतंकियों को सूचीबद्ध करना वैश्विक स्तर पर आतंकवाद से निपटने के कदम के अनुकूल है. चीन ने आतंकवाद से निपटने के पाकिस्तान के प्रयासों की भी सराहना की.

चीन की सफाई?

चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने बताया कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है. संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 समिति एक महत्वपूर्ण अंतरराष्ट्रीय काउंटर-टेररिज्म मैकेनिज्म है. यूएन के तहत आतंकी संगठनों और आतंकियों को सूचीबद्ध करना आतंकवाद के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रयासों के अनुकूल है. 

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दरअसल इस दौरान उनसे मक्की को ग्लबोल टेररिस्ट घोषित करने के अमेरिका और भारत के संयुक्त प्रस्ताव पर आपत्ति हटाए जाने के बारे में पूछा गया था. 

उन्होंने कहा कि मक्की को पाकिस्तान में भी दोषी ठहराकर सजा सुनाई गई है. ग्लोबल टेररिस्ट लिस्ट में उसे शामिल करना आतंकवाद के खिलाफ पाकिस्तान की लड़ाई को दर्शाता है. 

आखिर चीन ने क्यों बदले तेवर?

चीन के इस फैसले के पीछे की वजह पाकिस्तान के उस ट्वीट को बताया जा रहा है, जिसमें पाकिस्तान के महावाणिज्य दूतावास ने चीन में उइगर मुस्लिमों पर हो रही ज्यादती की बात की थी. पिछले हफ्ते हुए इस ट्वीट में उइगर मुस्लिमों के पक्ष में बोला गया था, जो चीन को नागवारा गुजरा था. दरअसल दुनियाभर में चीन उइगर मुस्लिमों पर हिंसा को लेकर आलोचना झेल चुका है. ऐसे में जिगरी दोस्त पाकिस्तान के इस ट्वीट से चीन आगबबूला हो गया था. 

लेकिन आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को जल्द ही अपनी गलती का अहसास हुआ और उसने उस ट्वीट को डिलीट कर दिया. लेकिन जब इतने से भी चीन शांत नहीं हुआ तो उसे कहना पड़ा कि चीन में उसके कॉन्सुलेट जनरल का ट्विटर अकाउंट हैक हो गया था और इस दौरान इस अकाउंट से हुए ट्वीट पाकिस्तान के रुख को नहीं दर्शाते.

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वहीं, चीन के ढीले पड़े तेवर की एक वजह उस पर बढ़ रहा अंतरराष्ट्रीय दबाव भी है. चीन फिलहाल चारों तरफ से अंतरराष्ट्रीय दबाव का सामना कर रहा है. संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थाई प्रतिनिधि रह चुके सैयद अकबरुद्दीन का बयान भी इसकी तस्दीक करता है. अकबरुद्दीन ने कहा है कि मक्की को ग्लोबल टेररिस्ट के तौर पर सूचीबद्ध करने से वैश्विक स्तर पर उस समझ का पता चलता है कि अब चीन, भारत का मुकाबला नहीं कर सकता. 

उन्होंने कहा कि दुनिया को समझ आ रहा है कि चीन अब भारत को नहीं रोक सकता. भारत के आगे अब चीन का दबदबा कमजोर हो रहा है, वह भारत को अब नहीं रोक सकता.

भारत ने यूएन के फैसले का किया था स्वागत

इससे पहले भारत ने अब्दुल रहमान मक्की (Abdul Rehman Makki) को वैश्विक आतंकी लिस्ट में शामिल करने के संयुक्त राष्ट्र के कदम का स्वागत किया था.

भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की 1267 आईएसआईएल (दाएश) और अलकायदा प्रतिबंध समिति ने सोमवार को मक्की को घोषित आतंकवादियों की सूची में शामिल किया, जिसका हम स्वागत करते हैं.

बता दें कि जमात-उद-दावा प्रमुख और मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड हाफीज सईद के साले मक्की (68) को यूएन ने सोमवार को ग्लोबल टेररिस्ट घोषित कर दिया था. 

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मक्की पर भारत के खिलाफ हमलों की साजिश का आरोप  

अब्दुल रहमान मक्की टेरर फंड इकट्ठा करने, युवाओं को हमले के लिए उकसाने, भारत के खिलाफ आतंकी हमलों की साजिश रचता रहा है, खासकर जम्मू कश्मीर में. मक्की लश्कर ए तैयबा चीफ और मुंबई हमलों के मास्टर माइंड हाफिज सईद का साला है. लश्कर के कई ऑपरेशन्स में मक्की का हाथ रहा है. वह लश्कर के ऑपरेशन्स के लिए फंड भी जुटाता रहा है. मक्की लश्कर ए तैयबा का डिप्टी चीफ है. वह लश्कर की राजनीतिक पार्टी जमाद उद दावा का चीफ भी है.

मक्की भारत के खिलाफ जहर उगलने के लिए ही जाना जाता है. साल 2010 में भारत विरोधी बयान को लेकर वह सुर्खियों में भी रह चुका है. उसने पुणे के जर्मन बेकरी में धमाके के आठ दिन पहले मुजफ्फराबाद में भाषण दिया था और पुणे समेत भारत के तीन शहरों में आतंकी हमले करने की धमकी दी थी. भारत की मांग पर अमेरिका ने मक्की को आतंकी घोषित किया था.

चीन ने लगा दिया था अड़ंगा

बता दें कि भारत पिछले साल लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी अब्दुल रहमान मक्की को वैश्विक आतंकी घोषित करने के लिए यूएन में प्रस्ताव लाया था. लेकिन चीन ने इस पर अड़ंगा लगा दिया था. जून में भारत ने इस मुद्दे पर चीन को फटकार भी लगाई थी. भारत ने जून 2022 में आतंकवादी अब्दुल रहमान मक्की को सूचीबद्ध करने के प्रस्ताव पर अड़ंगा लगाने पर चीन की आलोचना की थी.

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