
बलूचिस्तान में बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने एक ट्रेन को हाइजैक कर 200 से ज्यादा पाकिस्तानी लोगों को बंधक बना लिया है. पाकिस्तानी सेना 30 घंटे बाद भी कुछ खास नहीं कर पाई है. बीएलए ने महिलाओं और बच्चों को छोड़ दिया है. बीएलए अन्य नागरिकों को रिहा करने के लिए अपने कैदियों की रिहाई की मांग कर रही है. चीन ने पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) द्वारा यात्री ट्रेन को हाईजैक करने की निंदा की है. चीन ने पूरे मामले पर गहरी चिंता जाहिर की. चीन ने इस्लामाबाद के साथ आतंकवाद विरोधी सहयोग को मजबूत करने की पेशकश की है.
चीन ने ट्रेन हाईजैकिंग पर क्या कहा?
चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता माओ निंग ने पाकिस्तान के साथ सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की पेशकश की. बुधवार को आयोजित मीडिया ब्रीफिंग में चीन ने इस हमले की कड़ी निंदा करते हुए कहा कि चीन हर प्रकार के आतंकवाद का विरोध करता है. चीन पाकिस्तान को आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में पूरी मजबूती के साथ सहयोग देता रहेगा. ताकि क्षेत्र में शांति, सुरक्षा और स्थिरता बना रहे.
आखिरकार चीन पाकिस्तान में ट्रेन के हाईजैकिंग से क्यों चिंतित है?
चीन ने पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर (CPEC) परियोजना के तहत पानी की तरह पैसे बहाएं हैं. चीन ने इस परियोजना पर 60 अरब डॉलर से ज्यादा खर्च किए हैं. सैकड़ों की संख्या में चीनी नारगिक इस परियोजना को लेकर पाकिस्तान में काम करते हैं. ऐसे में उस क्षेत्र में अस्थिरता आती है तो इस परियोजना को काफी नुकसान पहुंच सकता है.
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बलोच लिबरेशन आर्मी (बीएलए) चीन पर चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर के तहत बलूचिस्तान के प्राकृतिक संसाधनों के दोहन का आरोप लगाता आया है. बीएलए परियोजना से जुड़े चीनी नागरिकों पर कई बार हमले किए हैं.
पाकिस्तान में चीनी सेना की तैनाती पर विवाद
पाकिस्तान में चीन-पाकिस्तान इकोनॉमिक कॉरिडोर से जुड़े चीनी नागरिकों पर हो रहे लगातार हमले को लेकर शी जिनपिंग की सरकार चिंतित है. इसलिए चीन ने पाकिस्तान से परियोजना की सुरक्षा के लिए पीपल्स लिबरेशन आर्मी के सैनिकों की तैनाती कि अनुमति मांगी थी. हालांकि, पाकिस्तान ने इस प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया.