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अफगानिस्तान को लेकर चीन, रूस और पाक की बढ़ती नजदीकी

युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में स्थिरता लाने के मकसद से चीन, पाकिस्तान और रूस एक गठबंधन बनाने के लिए नजदीक आ रहे हैं, जहां तीनों देश आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट को एक साझा खतरे के रूप में देखते हैं. यह बात एक मीडिया रिपोर्ट में कही गई.

सी जिनपिंग , पुतिन शरीफ  की फोटो सी जिनपिंग , पुतिन शरीफ की फोटो
BHASHA
  • इस्लामाबाद,
  • 03 अप्रैल 2017,
  • अपडेटेड 7:27 PM IST

युद्धग्रस्त अफगानिस्तान में स्थिरता लाने के मकसद से चीन, पाकिस्तान और रूस एक गठबंधन बनाने के लिए नजदीक आ रहे हैं, जहां तीनों देश आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट को एक साझा खतरे के रूप में देखते हैं. यह बात एक मीडिया रिपोर्ट में कही गई.

दो दशक से अधिक समय की प्रतिस्पर्धा के बाद रणनीतिक गुणा-भाग बदल रहा है. इस्लामाबाद और मॉस्को दशकों तक अपने बीच रिश्तों के ठंडा रहने के बाद एक नाटकीय परिदृश्य में संभावित गठबंधन का हिस्सा बनने की ओर अग्रसर हैं.

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अफगान को लेकर अमेरिका पर शक!
एक्सप्रेस ट्रिब्यून ने लिखा है कि पाकिस्तान और रूस को हाथ मिलाने को इन आशंकाओं ने विवश किया है कि संभवत: अमेरिका अपने रणनीतिक हितों के चलते अफगानिस्तान में स्थिरता लाने में रुचि न रखता हो. रिपोर्ट के अनुसार इन आशंकाओं ने अब एक अभूतपूर्व घटनाक्रम में पाकिस्तान, रूस और चीन के बीच एक गठबंधन की संभावना का द्वार खोल दिया है. इसने सेना और विदेश कार्यालय के सूत्रों के हवाले से कहा कि तीनों देश क्षेत्रीय स्थिरता लाने, खासकर अफगान युद्ध का राजनीतिक समाधान ढूंढ़ने के उद्देश्य से गठबंधन बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं.

चीन, पाक अधिकारियों से रूस की मुलाकात
सूत्रों के अनुसार, चीन और रूस भी इस निष्कर्ष पर पहुंचे हैं कि अमेरिका, अफगानिस्तान में संघर्ष को लंबा खींचना चाहता है. अधिकारियों ने बताया कि ऐसी स्थिति में पाकिस्तान के समक्ष इस विकल्प के सिवाय कोई और विकल्प नहीं है कि वह रूस, चीन और ईरान के साथ मिलकर इस क्षेत्रीय समास्या का समाधान किया जाए. मॉस्को अफगान समस्या पर चर्चा के लिए पहले ही पाकिस्तानी और चीनी अधिकारियों के साथ दो बैठक कर चुका है. एक अन्य बैठक इस महीने के अंत में होनी है. इन बैठकों का उद्देश्य अफगान संघर्ष को लेकर एक क्षेत्रीय सहमति बनाने का है.

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अफगान में ISIS के उभार का डर
चीन और रूस सहित क्षेत्रीय देशों में सबसे बड़ा डर अफगानिस्तान में आईएसआईएस के उभार का है. ऐसी खबरें हैं कि सीरिया से हजारों की संख्या में आईएसआईएस के आतंकी अफगानिस्तान भेजे जा रहे हैं. इस बारे में पाकिस्तान, रूस और चीन का मानना है कि इससे युद्धग्रस्त देश और अधिक अस्थिर होगा. इन देशों को संदेह है कि अमेरिका अपने हित साधने के लिए, खासकर चीन और रूस का मुकाबला करने के लिए आईएसआईएस का इस्तेमाल कर सकता है.

रक्षा विशेषज्ञ लेफ्टिनेंट जनरल (सेवानिवृत्त) अमजद शोएब ने कहा कि अफगानिस्तान में लंबे समय से चली आ रही अस्थिरता के बीच यह खतरनाक परिदृश्य उसकी प्रगति और स्थिरता को प्रभावित कर सकता है.

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