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चीन में बेकाबू हुए हालात, हिंसक झड़प के बाद प्रदर्शनकारियों पर सुरक्षाबलों का सख्त एक्शन

चीन का मैन्युफैक्चरिंग हब माने जाने वाले गुआंग्झू शहर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच लगातार हिंसक झड़पें हो रही है. यहां प्रदर्शनकारियों के उग्र रूप को देखते हुए हैजमेट सूट पहने दंगा पुलिस सड़कों पर उतर आई है. पुलिस प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है.

चीन में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन चीन में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 02 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 8:16 AM IST

चीन में शी जिनपिंग सरकार के खिलाफ विरोध थमने का नाम नहीं ले रहा है. चीन की जीरो कोविड पॉलिसी को लेकर सिर्फ देश में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में सवाल उठ रहे हैं. सरकार ने लॉकडाउन नियमों में ढील बरतने के कुछ संकेत दिए हैं. लेकिन वह जीरो कोविड पॉलिसी को लेकर किसी तरह की रियायत बरतने के मूड में नहीं है. बल्कि गुआंग्झू सहित कुछ शहरों में प्रदर्शन हिंसक हो गया है. ऐसे में सेफ्टी शील्ड के साथ दंगा पुलिस (Riot Police) सड़कों पर उतर आई है और इन प्रदर्शनों को कुचलने का प्रयास कर रही है.

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यही वजह है कि कई शहरों में प्रदर्शन अब हिंसक होता जा रहा है. चीन के गुआंग्झू शहर में गुस्साए प्रदर्शनकारियों को सुरक्षाबलों से भिड़ते देखा जा सकता है. चीन की सड़कों पर पहली बार दंगा पुलिस को हेजमैट सूट पहनकर सड़कों पर उतरते देखा गया. गुरुवार को गुआंग्झू में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों पर कांच की बोतलें भी फेंकीं. 

— Gurbaksh Singh Chahal (@gchahal) November 30, 2022

 
कैसे हैं गुआंग्झू में हालात?
 
चीन का मैन्युफैक्चरिंग हब माने जाने वाले गुआंग्झू शहर में प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच लगातार हिंसक झड़पें हो रही है. यहां प्रदर्शनकारियों के उग्र रूप को देखते हुए हैजमेट सूट पहने दंगा पुलिस सड़कों पर उतर आई है. पुलिस प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए कड़ी कार्रवाई कर रही है. 
 
गुआंग्झू में स्थानीय बाजार में दंगा पुलिस को गश्ती करते देखा गया. इससे शहर में तनाव बढ़ गया है. सोशल मीडिया पर जारी वीडियो में देखा जा सकता है कि सुरक्षाबल सैन्य बल का प्रयास कर प्रदर्शनकारियों को रौंद रही हैं. गुआंग्झू में हालात ऐसे हैं कि वहां रातभर प्रदर्शनकारियों की चीख-पुकार सुनाई दी. 
 
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो में दंगा पुलिस को सड़कों पर मार्च करते देखा जा सकता है. सुरक्षाबल भीड़ को काबू करने के लिए उन पर आंसू गैस के गोले छोड़ रही है. सुरक्षाबलों की कार्रवाई से बचने के लिए प्रदर्शनकारियों के हाथ में जो भी लग रहा है, उन्हें सुरक्षाबलों पर फेंकते देखा जा सकता है. सुरक्षाबलों पर हमलावर हो रहे प्रदर्शनकारियों को बाद में पकड़कर अज्ञात जगह ले जाया गया. 

चीन में 30 सालों में पहली बार इस तरह के सरकार विरोधी प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. सुरक्षाबल इन प्रदर्शनों को कुचलने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है. 

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बता दें कि चीन के उरूमकी से शुरू हुआ यह प्रदर्शन अमेरिका और यूरोप के कई देशों तक फैल गया है. गुस्साए लोग कड़े कोविड प्रतिबंधों के अलावा शी जिनपिंग की कम्युनिस्ट सरकार के खिलाफ मोर्चा संभाले हुए हैं.

अमेरिका के कोलंबिया, ड्यूक, नॉर्थ कैरोलिना और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया बर्कली के छात्र चीन के प्रदर्शनकारियों का समर्थन कर रहे हैं. बीते शुक्रवार को शुरू हुए इन प्रदर्शनों को चीन में सविनय अवज्ञा की अब तक की सबसे बड़ी लहर माना जा रहा है. चीन के उरूमकी के एक अपार्टमेंट में लगी आग के बाद लोग बड़े पैमाने पर सरकार की जीरो कोविड पॉलिसी का विरोध कर रहे हैं. 

इस घटना के तुरंत बाद लोगों ने लॉकडाउन को जिम्मेदार ठहराना शुरू कर दिया. सोशल मीडिया पर पोस्ट कर लोगों ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से अपार्टमेंट में फंसे लोगों को बचकर बाहर निकलने में काफी मशक्कत करनी पड़ी, जिस वजह से दस लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी. 

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