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डेटिंग ऐप पर चीन सरकार क्यों हुई सख्त... सोशल मीडिया बैन के बाद प्रोटेस्टर डेटिंग ऐप का ले रहे थे सहारा

चीन में डेटिंग ऐप्स सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों का सबसे बड़ा हथियार बनकर उभरा है. चीन में फेसबुक और ट्विटर जैसे कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन है. ऐसे में चीनी नागरिक डेटिंग ऐप्स और टेलीग्राम के जरिए विरोध की अलख जगाए हुए हैं.

चीन में प्रदर्शन चीन में प्रदर्शन
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 01 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 1:09 PM IST

चीन में बीते लगभग एक हफ्ते से राष्ट्रपति शी जिनपिंग के विरोध में नारे लग रहे हैं. चीन की जीरो कोविड पॉलिसी का विरोध हो रहा है, सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी को सत्ता से हटाने की मांग उठ रही है. इससे साफ है कि चीन के लोग मौजूदा सरकार से खफा हैं और उस पर दबाव डालने के लिए एड़ी से लेकर चोटी तक का जोर लगा रहे हैं.

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डेटिंग ऐप्स सरकार के खिलाफ इन प्रदर्शनों का सबसे बड़ा हथियार बनकर उभरा है. चूंकि, चीन में फेसबुक और ट्विटर जैसे कई बड़े सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बैन है. ऐसे में चीनी नागरिक डेटिंग ऐप्स और टेलीग्राम के जरिए विरोध की अलख जगाए हुए है.

डेटिंग ऐप्स का कैसे हो रहा इस्तेमाल?

चीन में सोशल मीडिया पर कड़ी सेंसरशिप लागू है. चीन का खुद का इंटरनेट सर्च इंजन है. उस पर भी कड़ी सेंसरशिप है. ऐसे में सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के सामने सबसे बड़ी चुनौती यही थी कि वे देश के हालातों से दुनिया को किस तरह रूबरू कराएं. इसके लिए चीनी प्रदर्शनकारियों ने डेटिंग ऐप्स और टेलीग्राम का सहारा लेना शुरू किया. 

चीनी प्रदर्शनकारियों ने डेटिंग ऐप्स की डीपी पर सरकार विरोधी प्रदर्शनों की तस्वीरें और वीडियो अपलोड करने शुरू कर दिए. टेलीग्राम के जरिए भी इन प्रदर्शनों की तस्वीरें और वीडियो बड़े पैमाने पर शेयर किए गए. इस तरह इन प्रदर्शनों की जानकारी और चीनी सरकार की बर्बरता की दास्तां बाहर आ सकी. 

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प्रदर्शनकारी कर रहे कोड वर्ड्स का इस्तेमाल

रिपोर्ट के मुताबिक, चीनी  प्रदर्शनकारी इन प्रदर्शनों से जुड़े वीडियो और तस्वीरों को विदेशी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी सेव करने लगे हैं. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट के मुताबिक, प्रदर्शनकारी सोशल मीडिया पर कोड वर्ड में संदेश भेज रहे हैं. हांगझू नाम का एक हैशटैग चीन में खूब शेयर किया जा रहा है. हांगझू दरअसल चीन का एक शहर है, जहां पर बड़े पैमाने पर प्रदर्शन हो रहे हैं. 

पुलिस यह भी पता लगा रही है कि क्या ऑनलाइन सेंसरशिप से बचने के लिए प्रदर्शनकारियों ने ट्विटर पर वीडियो पोस्ट करने के लिए वर्चुअल प्राइवेट नेटर्वक्स (वीपीएन) का इस्तेमाल किया है.

प्रदर्शन कुचलने पर तुली चीन सरकार

लेकिन सरकार ने अब इन तस्वीरों और वीडियो को सोशल मीडिया से डिलीट करना शुरू कर दिया है. कुछ नागरिक विदेशी सोशल मीडिया ऐप्स तक पहुंच बनाने के लिए ऐसे वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क और वीपीएन सॉफ्टवेयर का सहारा ले रहे हैं, जिन पर चीन सरकार का नियंत्रण नहीं है.

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार ने इन विरोध प्रदर्शनों से जुड़ी तस्वीरों और वीडियो को शेयर करने पर बैन लगा दिया है. इन प्रदर्शनों से जुड़े किसी भी कंटेंट को वायरल करने वाले अकाउंट्स भी कड़े सेंसरशिप वाले साइबरस्पेस पर डाले गए हैं. 

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बता दें कि चीन के उरूमकी में एक अपार्टमेंट में लगी आग के बाद लोगों का सरकार के खिलाफ गुस्सा भड़क गया. इस हादसे में 10 लोगों की मौत हो गई थी. लोगों का आरोप है कि जिस अपार्टमेंट में आग लगी थी, वहां लॉकडाउन लगा हुआ था. इस वजह से लोगों को बाहर निकलने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. चीन में शुरू हुआ यह प्रदर्शन अब अमेरका और यूरोप के भी कई शहरों तक पहुंच गया है. वहां भी चीन सरकार के विरोध में नारेबाजी हो रही है.

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