Advertisement

Ukraine Russia War: इंडिया टुडे से चीनी छात्र ने कहा- चीन से अभी तक नहीं मिली मदद, यहां से निकल पाना मुश्किल

एक ओर जहां भारत अपने देश के लोगों को यूक्रेन से सुरक्षित निकालने के लिए हर संभव प्रयास कर रहा है वहीं चीन के छात्रों में अपने देश से मदद न मिल पाने पर घोर निराशा है.

यूक्रेन से लौटे छात्र पटना एयरपोर्ट पहुंचे यूक्रेन से लौटे छात्र पटना एयरपोर्ट पहुंचे
aajtak.in
  • कीव,
  • 28 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 6:51 PM IST
  • यू्क्रेन में चीन के छात्र असहाय, कोई नहीं ले रहा सुध
  • नाइजीरिया के छात्र भी अपनी सरकार से नाराज

यूक्रेन युद्ध में कई भारतीय छात्र फंसे हैं जिनकी वापसी के लिए भारत सरकार लगातार अभियान चला रही है. ये छात्र पोलैंड और रोमानिया के रास्ते अपने घर लौट रहे हैं, जबकि कई अन्य देश के लोग अपनी सरकार पर लापरवाही का आरोप लगा रहे हैं.

म्यूजिक सीखने आए चीन के एक छात्र ने इंडिया टुडे को बताया कि  वो भी अपने देश वापस लौटना चाहता है लेकिन उसका यहां से निकल पाना मुश्किल लग रहा है. उसने बताया कि अभी तक चीन के दूतावास से कोई मदद नहीं मिल पाई है. छात्र ने बताया कि दूतावास उन्हें निकालने के लिए अभी तैयारी कर रहा है. जिस तरह से भारत अपने देश के छात्रों को एयरलिफ्ट कर रहा है, चीन सरकार उन्हें भी यूक्रेन से सुरक्षित निकालकर उनके घर पहुंचाए.

Advertisement

नाइजीरिया के छात्र भी परेशान 
यूक्रेन में करीब 4,000 नाइजीरियाई छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. उनमें से कई ने नाइजीरियाई सरकार द्वारा उन्हें निकालने को लेकर कोई ठोस कदम न उठाने पर  सोशल मीडिया पर नाराजगी जाहिर की जबकि नाइजीरिया के राष्ट्रपति मुहम्मदु बुहारी ने अपने नागरिकों की मदद करने का आश्वासन दिया था.

भारत ने भेजे चार मंत्री
इधर, भारत से यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने के लिए हवाई रास्ते के अलावा छात्रों को रेल रूट और सड़क मार्ग से भी यूक्रेन से निकाला जाए. भारत ने चार मंत्री हरदीप पुरी, ज्योतिरादित्य सिंधिया, किरेन रिजिजू और जनरल वीके सिंह को यूक्रेन के पड़ोसी देश भेज दिया है. विदेश सचिव हर्ष श्रृंगला ने कहा है कि रेल मार्ग का उपयोग करके हंगरी और स्लोवाकिया की सीमा के पास, उज़होरोड के आसपास के पास फंसे लोगों को निकालने का विकल्प तलाशा जा रहा है. इन्हें रेल रूट के जरिए बुडापेस्ट तक लाया जाएगा.

Advertisement

रेडक्रॉस से संपर्क में भारत
हर्ष श्रृंगला ने कहा कि भारत ने जिनेवा में रेड क्रॉस से भी संपर्क किया है क्योंकि रेड क्रॉस यूक्रेन में अपना अभियान शुरू कर रहा है. हर्ष श्रृंगला ने कहा, "हमने उनसे कहा है कि कृपया सुनिश्चित करें कि जब भी वे अपना ऑपरेशन शुरू करें, उन्हें हमारे नागरिकों की जरूरतों के बारे में पता होना चाहिए और जहां भी संभव हो, उन्हें बाहर ले जाना चाहिए." 

इनपुट: राजेश पवार

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement