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चीन 2035 तक 1500 से ज्यादा परमाणु हथियार तैयार कर लेगा, अमेरिका की रिपोर्ट से सनसनी

अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की रिपोर्ट में बताया गया है कि किस तरह चीन दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति के तौर पर अमेरिका को चुनौती देना चाहता है. इसलिए वह अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को लगातार बढ़ाने पर काम कर रहा है.  अगले एक दशक में चीन का उद्देश्य अपनी परमाणु ताकत का आधुनिकीकरण और विस्तार करना है. 

सांकेतिक तस्वीर सांकेतिक तस्वीर
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 30 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:23 AM IST

अमेरिकी रक्षा विभाग पेंटागन की चीन को लेकर एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. इस रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चीन 2035 तक लगभग 1500 परमाणु हथियारों का जखीरा तैयार कर लेगा. मौजूदा समय में चीन के पास 400 परमाणु हथियार है. इस तरह चीन अगले 12 सालों में दोगुनी रफ्तार से काम करेगा. 

पेंटागन ने कांग्रेस को सौंपी अपनी सालाना रिपोर्ट में चीन की महत्वाकांक्षी सैन्य योजना से पर्दा उठाया. पेंटागन ने कहा कि अगले एक दशक में चीन का उद्देश्य अपनी परमाणु ताकत का आधुनिकीकरण और विस्तार करना है. 

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पेंटागन ने रिपोर्ट में बताया है कि किस तरह चीन दुनिया की सबसे बड़ी महाशक्ति के तौर पर अमेरिका को चुनौती देना चाहता है. इसलिए वह अपने परमाणु हथियारों के जखीरे को लगातार बढ़ाने पर काम कर रहा है. 

क्या कहती है रिपोर्ट?

पेंटागन की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन जमीन, समुद्र और हवा से मार करने वाले परमाणु हथियारों की संख्या लगातार बढ़ा रहा है. इसके साथ ही इसके लिए जरूरी इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी तैयार करने में लगा है. 

चीन फास्ट ब्रीडर रिएक्टर्स और रिप्रोसेसिंग इकाइयों का निर्माण कर प्लूटोनियम को अलग करके भी परमाणु हथियार तैयार कर रहा है. चीन ने 2021 में उम्मीद से अधिक परमाणु हथियार तैयार कर लिए हैं. 

रिपोर्ट कहती है कि चीन की 2035 तक अपनी सेना का पूर्ण आधुनिकीकरण और राष्ट्रीय सुरक्षा को पुख्ता करने की योजना है. अगर चीन इसी रफ्तार से अपनी परमाणु क्षमता बढ़ाता रहा तो वह 2035 तक लगभग 1500 परमाणु हथियार तैयार कर लेगा. 

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एक वरिष्ठ रक्षा अधिकारी ने बताया कि चीन की रणनीति घरेलू और विदेशी नीतियों के जरिए अपनी राष्ट्रीय ताकत का विस्तार करने की है ताकि वह वैश्विक पटल पर खुद को और मजबूत कर सके. 

उन्होंने बताया कि चीन अपनी सेना का इस्तेमाल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कर रहा है. यह अमेरिका की सुरक्षा एजेंसियों के लिए आगामी समय में सबसे बड़ी चुनौती हो सकती है. चीन लगातार कहता रहा  है कि उसके हथियार उसकी खुद की रक्षा के लिए है लेकिन ऐसा नहीं है. वह लगातार दुनिया में अपना खौफ पैदा करने के लिए हथियारों के जखीरे बढ़ा रहा है, जिसमें समुद्र, हवा और जमीन से मार करने वाले खतरनाक परमाणु हथियार शामिल हैं. 

रिपोर्ट में ताइवान पर चीन के राजनयिक, आर्थिक, राजनीतिक और सैन्य दबाव का भी उल्लेख किया गया है. यह बताया गया कि किस तरह चीन ने 2021 और 2022 में ताइवान पर अपना सैन्य दबाव बढ़ाया है, विशेष रूप से नैंसी पेलोसी के ताइवान दौरे के दौरान. 

पेंटागन की रिपोर्ट में कुछ अन्य महत्वपूर्ण पहलुओं पर भी बात की गई है, जिसमें युद्ध भी शामिल है.

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