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ड्रैगन की नई चाल, भारत को समुद्र के रास्ते घेरने को सैन्य ठिकाने का निर्माण किया तेज

खुफिया सूत्रों कहना है कि चीन भारत के साथ संघर्ष की स्थिति में अपने इन नए ठिकानों के जरिए हिंद महासागर में पीएलए को तैनात कर सकेगा.

चीनी घुसपैठ (फाइल फोटो) चीनी घुसपैठ (फाइल फोटो)
जितेंद्र बहादुर सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 05 जुलाई 2017,
  • अपडेटेड 2:15 PM IST

ड्रैगन अपनी चालबाजी और दादागिरी से बाज नहीं आ रहा है. सिक्किम सेक्टर पर घुसपैठ करने के बाद भारत-चीन सीमा पर गहराए तनाव के बीच ड्रैगन ने अफ्रीका के हॉर्न प्रायद्वीप स्थित जिबूती में अपने सैन्य ठिकानों के निर्माण कार्य को तेज कर दिया है. उसका यह कदम भारत को समुद्र के रास्ते घेरने की कोशिश मानी जा रही है. सूत्रों के मुताबिक बेहद संवेदनशील सिक्किम बॉर्डर पर घुसपैठ के बाद चीन ने समुद्र के रास्ते भारत को घेरने के लिए योजनाबद्ध तरीके से यह निर्माण कार्य कर रहा है.

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खुफिया सूत्रों कहना है कि चीन भारत के साथ संघर्ष की स्थिति में अपने इन नए ठिकानों के जरिए हिंद महासागर में पीएलए को तैनात कर सकेगा. सबसे अहम बात यह है कि चीन अपने इस ठिकाने का इस्तेमाल भारतीय और अमेरिकी नौसेना की निगरानी करने के लिए करता है. सामरिक नजरिए से भी चीन के लिए यह जलमार्ग बेहद महत्वपूर्ण है.

इसकी वजह यह है कि वह 20 फीसदी तेल का आयात इसी रास्ते से करता है. मई के आखिरी में भारतीय खुफिया एजेंसियों ने चीनी पनडुब्बी के चोरी छिपे कराची बंदरगाह पहुंचने का खुलासा किया था. चीन की इस करतूत का मकसद हिंद महासागर में भारतीय नौसेना की आवाजाही की निगरानी करना है. चीन के खुफिया जलपोत हैविंगशिंग हिंद महासागर में प्रवेश कर गया और इस महीने होने वाले मालाबार सैन्य अभ्यास तक यहां रहेगी.

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