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चीन की सीनाजोरी, हिंद महासागर में पनडुब्बी भेजने को बताया सही

यांग ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस तरह की गतिविधियां देशों के रिश्ते सुधारती हैं और पूरे क्षेत्र में शांति की लाती है. इसका स्वागत करना चाहिए.

बीते एक साल में चीन की गतिविधियों में हुआ इजाफा बीते एक साल में चीन की गतिविधियों में हुआ इजाफा
प्रियंका झा
  • बीजिंग,
  • 08 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST

चीनी सेना भारत से एक तरफ तो भारत से रिश्ते सुधारने की बात कर रही है लेकिन दूसरी तरफ उसके कदम भारत के खिलाफ बढ़ते जा रहे हैं. चीन की सेना ने साफ कहा है कि हिंद महासागर में उसके पनडुब्बियों का घुसना वैध है और अंतरराष्ट्रीय कानूनों के अनुरूप है.

हाल के दिनों में भारतीय समुद्री क्षेत्र के पास में चीन की पडुब्बियों की तैनाती बढ़ी है. बीते साल से भारत इस पर नजर बनाए हुए है. चीनी सेना के सीनियर कर्नल यांग युजून ने कहा कि भारत की चिंताओं के बारे में यही कहा जा सकता है कि हमारी पनडुब्बियों का हिंद महासागर में जाना पूरी तरह वैध है.

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जब यांग से यह पूछा गया कि दक्षिण चीनी सागर में किसी दूसरे देश के जहाज आने से चीन क्यों खफा हो जाता है तो उन्होंने कहा कि चीन ने कभी भी भारत की पनडुब्बियों की तैनाती का विरोध नहीं किया है. उन्होंने कहा कि अगर ऐसा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के मुताबिक किया जाता है तो चीन को कोई आपत्ति नहीं होगी.

यांग ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस तरह की गतिविधियां देशों के रिश्ते सुधारती हैं और पूरे क्षेत्र में शांति की लाती है. इसका स्वागत करना चाहिए.

बता दें कि चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है. वहीं फिलीपींस, वियतनाम, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान इसे विवादित मानते हैं. चीन के दावे को चुनौती देने वाली फिलीपींस की याचिका पर संयुक्त राष्ट्र का एक न्यायाधिकरण 12 जुलाई को फैसला सुनाने वाला है. चीन ने न्यायाधिकरण की पूरी कार्यवाही का बहिष्कार किया है, उसका कहना है कि वह फैसले को नहीं मानेगा.

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