
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग (Xi Jinping) के तीसरी बार राष्ट्रपति बनने पर मुहर लग गई है. शी जिनपिंग को 14वीं नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (NPC) के वर्तमान सत्र में सर्वसम्मति से पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना (PRC) का अध्यक्ष और केंद्रीय सैन्य आयोग (CMC) का अध्यक्ष चुना गया गया. शुक्रवार को चीन की संसद ने उनके तीसरे पंचवर्षीय कार्यकाल का सर्वसम्मति से समर्थन किया. पांच साल में एक बार होने वाली कम्युनिस्ट पार्टी कांग्रेस ने पिछले साल अक्टूबर में 69 वर्षीय शी को फिर से अपना नेता चुना था. शी जिनपिंग कम्युनिस्ट पार्टी के पहले नेता हैं जिन्हें तीसरी बार कार्यकाल मिला है, उनसे पहले पार्टी के संस्थापक माओत्से तुंग ने दो बार अपने पांच-पांच साल का कार्यकाल पूरा किया था.
आजीवन सत्ता पर रहेंगे काबिज
चीन की विधायिका नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी), जिसे अक्सर रबर स्टैंप संसद के रूप में जाना जाता है, उसने जिनपिंग के तीसरे कार्यकाल पर मुहर लगा दी. इस दौरान जिनपिंग के सत्ता में रहने के लिए पार्टी की अपेक्षित लाइन पर मतदान हुआ. इसके साथ ही शी जिनपिंग के अब आजीवन अपने देश की सत्ता पर काबिज रहने का रास्ता साफ हो गया है. दरअसल पहले चीनी नेताओं की सत्ता पर काबिज रहने की सीमा केवल दो बार की थी जिसे जिनपिंग ने 2018 में खत्म कर दिया. पिछले अक्टूबर कांग्रेस के दौरान उन्हें सीपीसी का महासचिव चुना गया था. यह वह पद है जिसके पास पार्टी के शीर्ष फैसले लेने का पूरा अधिकार होता है और वह पार्टी में शीर्ष पदों के लिए चुनाव करता है.
शी के करीबी भी शीर्ष पदों पर होंगे काबिज
नेशनल पीपुल्स कांग्रेस (एनपीसी) के इस साल के वार्षिक सत्र को महत्वपूर्ण माना जा रहा है क्योंकि यह चीनी सरकार के नेतृत्व में दस साल में एक बार बदलाव की शुरुआत यहीं से होती है. इसमें प्रधानमंत्री भी शामिल होते हैं जो राज्य परिषद, केंद्रीय मंत्रिमंडल की अध्यक्षता करते हैं. वर्तमान प्रधानमंत्री ली केकियांग का कार्यकाल इस वर्ष के एनपीसी सत्र के साथ समाप्त होगा. उनके उत्तराधिकारी के रूप से ली किआंग के चुने जाने की उम्मीद है जो शी के करीबी सहयोगी हैं. शनिवार को यह चुनाव होने संभावना है.
शी के लिए कम नहीं हैं चुनौतियां
आपको बता दें कि चीन की सेना (पीपुल्स लिबरेशन आर्मी) भी जिनपिंग के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी की सैन्य शाखा है और इसमें 2 मिलियन सदस्य हैं.हाल ही में चीन ने आने वाले साल 2023 के लिए अपने रक्षा बजट में 7.2% की वृद्धि की घोषणा की थी जो 2022 की तुलना में सिर्फ एक प्रतिशत ज्यादा है.इसके साथ ही चीन अब दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा सैन्य बजट जारी करने का वाला देश बन गया है.ऐसे समय में, जब चीन की अर्थव्यवस्था डांवाडोल है और जीरो कोविड पॉलिसी की वजह से उसकी दुनियाभर में किरकरी हो रही है, ऐसे में जिनपिंग के लिए आने वाले समय में कई चुनौतियां होंगी.