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भारत छोटी सोच वाला देश, इलाके का दादा बनना छोड़े: चीनी मीडिया

डोकलाम विवाद को लेकर चीन के सरकारी मीडिया ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है. चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने अपने संपादकीय में लिखा है, 'भारत बहुत छोटी सोच वाला देश है. इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि बॉर्डर पर एक सड़क के निर्माण से दो देशों के रणनीतिक हालात बदलाव आ जाएगा.

प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो
केशवानंद धर दुबे
  • नई दिल्ली,
  • 17 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 3:53 PM IST

डोकलाम विवाद को लेकर चीन के सरकारी मीडिया ने एक बार फिर भारत पर निशाना साधा है. चीन के अखबार ग्लोबल टाइम्स ने  लिखा, 'भारत बहुत छोटी सोच वाला देश है. इसका अंदाजा इस बात से लगता है कि बॉर्डर पर एक सड़क के निर्माण से दो देशों के रणनीतिक हालात बदलाव आ जाएगा. यह सोच भारत की मानसिकता को दर्शाता है.' साथ चीनी अखबार ने ये भी कहा है कि भारत दादागिरी करने की मानसिकता से फैसले ले रहा है.

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बता दें कि सिक्किम सेक्टर में भूटान ट्राइजंक्शन के पास चीन एक सड़क बनाना चाहता है. भारत और भूटान इसका विरोध कर रहे हैं. करीब 2 महीने से इस इलाके में भारत और चीन के सैनिक आमने-सामने हैं.

भारत इलाके का दादा बनने की मानसिकता छोड़े

चीन के अखबार ने लिखा है, "भारत को शीत युद्ध (कोल्ड वॉर) और इलाके का दादा बनने की मानसिकता छोड़ देनी चाहिए. तभी वह चीन को खतरे के रूप में देखने के बजाय एक तेजी से डेवलप होते देश में मौजूद बहुत ज्यादा अवसरों के तौर पर देख सकेगा."

ग्लोबल टाइम्स के मुताबिक छोटी सोच बदलने के बाद भारत को कोई संकट नहीं महसूस होगा क्योंकि चीन सिर्फ पूरे बॉर्डर पर एक सड़क ही बना रहा है ताकि चीनी क्षेत्र में सैनिक की आवाजाही हो सके.

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खुली सोच अपनाए भारत

अखबार में लिखा है कि भारत को खुली सोच अपनानी चाहिए और दुनिया को खतरों के तौर पर देखने, चुनौती के तौर पर लेना छोड़ देना चाहिए. भारत को छोटे साउथ एशियन कंट्रीज और बाकी दुनिया को लेकर अपने एटीट्यूड पर विचार करना चाहिए.

लेह में हुई थी भारत और चीन में फ्लैग मीटिंग

भारत और चीन के आर्मी ऑफिशियल्स के बीच बुधवार को लेह के चुशूल सेक्टर में फ्लैग मीटिंग हुई. इसमें खासतौर पर पैंगॉन्ग झील के किनारे मंगलवार को दोनों देशों के सैनिकों के बीच हुई कथित झड़प से बढ़े तनाव को दूर करने के उपायों पर बातचीत हुई. स्रोत के मुताबिक इस मीटिंग में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर शांति और यथास्थिति बनाए रखने की मौजूदा व्यवस्था को मजबूत बनाने के बारे में चर्चा हुई.

 

 

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