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चीनी मीडिया का आरोप- BRICS समिट के जरिए भारत कर सकता है चीन को ब्लैकमेल

ग्लोबल टाइम्स ने यह भी लिखा है कि भारतीय नेताओं ने यह समझने में गलती की है कि चीन की सरकार अपने देश की सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर कितनी प्रतिबद्ध है.

ब्रिक्स समिट में विवाद का असर ब्रिक्स समिट में विवाद का असर
अभि‍षेक आनंद
  • नई दिल्ली,
  • 16 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

डोकलाम को लेकर जारी भारत-चीन विवाद के बीच चीन की मीडिया ने कहा है कि ब्रिक्स समिट में भारत बाधा डाल सकता है, ताकि चीन को ब्लैकमेल कर सके. चीन के ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि सितंबर में चीन के जिआमेन में होने वाले ब्रिक्स समिट में इस विवाद का असर होगा.

ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत यह सबकुछ इसलिए कर रहा है ताकि वह अपने क्षेत्र को सुरक्षित कर सके और चीन के सड़क निर्माण को रोक सके. चीनी मीडिया ने यहां तक लिखा है कि भारत के नेताओं को लगता है कि देश खुशहाल है और उसे अमेरिका और जापान का भी समर्थन हासिल है. लेकिन धमकी देते हुए ग्लोबल टाइम्स ने यह भी लिखा है कि भारतीय नेताओं ने यह समझने में गलती की है कि चीन की सरकार अपने देश की सुरक्षा और संप्रभुता को लेकर कितनी प्रतिबद्ध है.

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इससे पहले चीन के एक सैन्य विशेषज्ञ ने कहा था कि उनका देश डोकलाम से अपने सैनिकों को वापस नहीं हटाएगा, क्योंकि अगर वह ऐसा करता है तो भारत को भविष्य में उसके लिए समस्या खड़ी करने का प्रोत्साहन मिलेगा. नेशनल डिफेंस यूनिवर्सिटी ऑफ द पीपुल्स लिबरेशन आर्मी के इंटरनेशनल कॉलेज ऑफ डिफेंस में सहायक प्राध्यापक यू दोंगशियोम ने कहा कि अगर भारतीय रणनीतिकार और नीति निर्माता यह सोचते हैं कि चीन वापस लौट जाएगा, तो वह गलती कर रहे हैं.

यू दोंगशियोम ने कहा कि भारतीय सैनिकों को बिना शर्त तत्काल वापस हो जाना चाहिए. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ में यू ने लिखा कि बीजिंग डोकलाम से सैनिकों को वापस नहीं बुलाएगा, क्योंकि यह क्षेत्र चीन से संबंधित है और ब्रिटेन और चीन के बीच साल 1890 की संधि इस बात का प्रमाण है. उन्होंने कहा, 'अगर चीन अभी पीछे हटता है, तो भारत भविष्य में और अधिक समस्याएं पैदा करने के लिए प्रोत्साहित होगा. बीजिंग और नई दिल्ली के बीच कई सीमाओं पर कई मतभेद हैं, लेकिन डोकलाम इनमें शामिल नहीं है.'

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