
उज्बेकिस्तान में एससीओ (Shanghai Cooperation Organisation) मीटिंग में शामिल होकर चीन लौटने के बाद से ही चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग किसी सार्वजनिक मंच पर नजर नहीं आए हैं. सोशल मीडिया पर अफवाह हैं कि चीन में तख्तापलट हो गया है और शी जिनपिंग को हाउस अरेस्ट किया गया है.
खास बात है कि यह अफवाह उस समय पर फैली है, जब चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग अपने तीसरे कार्यकाल की तैयारी कर रहे हैं. अगर जिनपिंग का तीसरा कार्यकाल शुरू हो जाता है तो चीन में यह राजनीतिक इतिहास बन जाएगा और चीन के सुप्रीम नेता रहे माओ जिडोंग के बाद शी जिनपिंग ऐसा करने वाले दूसरे व्यक्ति होंगे.
कब पकड़ा अफवाहों ने जोर
चीनी राष्ट्रपति को लेकर अफवाह उस समय भी शुरू हुई, जब चीन से भागकर अमेरिका पहुंचे एक पत्रकार झाओ लांजियन ने ट्विटर पर दावा करते हुए कहा कि बिना कारण चीन में बड़ी संख्या में उड़ानों को कैंसिल कर दिया गया है. इस दावे पर चीनी आध्यात्मिक मूवमेंट फाल्गुन गोंग समर्थित मीडिया नेटवर्कों और फेमस चीनी यूट्यूबर जेनीफर जेंग ने शी जिनपिंग को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए.
इसके बाद एक वीडियो भी वायरल हुआ, जिसमें काफी संख्या में आर्मी की गाड़ियां चीन के एक रास्ते गुजरती हुई नजर आ रही हैं. सवालों ने जोर उस समय और पकड़ लिया जब उज्बेकिस्तान से लौटने के बाद चीनी राष्ट्रपति किसी भी सार्वजनिक कार्यक्रम में नजर नहीं आए. हालांकि, इस बारे में बताया कि चीनी राष्ट्रपति क्वारंटीन हैं, लेकिन तब तक यह अफवाह आग की तरह दुनियाभर में फैल चुकी थी.
सुब्रमण्यम स्वामी के ट्वीट से हलचल
पूर्व केंद्रीय मंत्री सुब्रमण्यम स्वामी ने चीनी राष्ट्रपति को लेकर एक ट्वीट किया, जो वायरल हो गया. स्वामी ने ट्वीट में लिखा, क्या चीनी राष्ट्रपति बीजिंग में हाउस अरेस्ट हैं? हाल ही में जब शी जिनपिंग समरकंद में थे, जब चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं ने शी को सेना के अध्यक्ष पद से हटा दिया था, उसके बाद से ही अफवाह है कि उन्हें हाउस अरेस्ट कर लिया है.
चीनी मीडिया बिल्कुल चुप
पूरी दुनिया सोशल मीडिया पर चीनी राष्ट्रपति के गायब हो जाने पर सवाल कर रही है, उसके बावजूद चीन की आधिकारिक मीडिया चुप्पी साधे हुए बैठी है. चीन की मीडिया आम दिनों की तरह की न्यूज कवर कर रही है और एक भी कॉलम शी जिनपिंग के नाम पर नहीं चल रहा है. हालांकि, चीनी मीडिया बेशक चुप है, लेकिन इंटरनेशनल मीडिया मे यह सवाल बना हुआ है कि आखिर कहां हैं चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग.
दूसरी ओर, News Highland Vision वेबसाइट ने चीन में सत्ता पलटने को लेकर बड़ा दावा किया. वेबसाइट के अनुसार, चीन में सीपीसी सेंट्रल कमिटी के सदस्यों की रक्षा करने वाले सेंट्रल गार्ड ब्यूरो (CGB) का नियंत्रण अब पूर्व चीनी राष्ट्रपति हू जिन्ताओ, एक्स प्रीमियर वेन जिआबो और पूर्व स्टैंडिंग कमिटी के मेंबर सोंग पिंग ने अपने हाथों में ले लिया है.
दो पूर्व मंत्रियों को मिली थी मौत की सजा
हाल ही में चीन में दो पूर्व मंत्रियों को मौत की सजा सुनाई गई थी. इस कठोर सजा के पीछे कारण दोनों मंत्रियों का भ्रष्टाचारी होना बताया जा रहा था. कई रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया था कि इन दोनों मंत्रियों को इसलिए सजा दी गई, क्योंकि शी जिनपिंग के खिलाफ साजिश करने वाले समूह का हिस्सा थे. हालांकि, चीन की ओर से इसे करप्शन का ही मामला बताया गया.
जनरल ली क्विआओ बनेंगे राष्ट्रपति !
चीन में शी जिनपिंग अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने के बाद, तीसरे कार्यकाल के लिए पूरी मजबूती के साथ तैयार हैं. नया कार्यकाल 16 अक्टूबर से शुरू होना है. इसी बीच तख्तापलट ने और भी कई अफवाहों को पैदा कर दिया है. इन्हीं अफवाहों में एक है कि 16 अक्टूबर को राष्ट्रपति के नाम पर शी जिनपिंग नहीं बल्कि जनरल ली क्विआओ के नाम पर मुहर लगेगी.
चर्चा तो यह भी है कि अभी से ही जनरल ली ने चीन की सत्ता कार्यकारी के रूप में संभाल ली है और 16 अक्टूबर तक औपचारिक प्रस्ताव पर मुहर लगा दी जाएगी. इन चर्चाओं का मतलब यह है कि चीन में पर्दे के पीछे से सेना ने अपना कब्जा जमा लिया है और सत्ता जनरल ली के नाम पर हो सकती है. हालांकि, इस बारे में चीनी सरकार और मीडिया, दोनों ही पूरी तरह चुप हैं.
कहीं क्वांरटीन तो नहीं जिनपिंग
मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो कई एक्सपर्ट्स ने शी जिनपिंग के हाउस अरेस्ट और सत्ता के तख्तापलट को कोरी अफवाह बताया है. उनका मनाना है कि चीन में कड़े कोरोना नियमों के होने की वजह से चीनी राष्ट्रपति क्वारंटीन हैं, क्योंकि वे हाल ही में समरकंद से लौटे हैं, और चीन में यह नियम सभी के लिए अनिवार्य है कि जो भी विदेश से आएगा, उसे क्वारंटीन रहना होगा.
सोशल मीडिया की अफवाह में कितना दम
जाहिर है, किसी कम्युनिस्ट देश में अचानक सत्ता का पलट जाना, कोई नई बात नहीं है. लेकिन पहले भी कई बार चीनी राष्ट्रपति के सार्वजनिक तौर पर नजर नहीं आने पर अफवाहों का दौर चल चुका है, लेकिन हर बार वे कुछ दिनों के अंदर ही वापस नजर आ गए. कुछ विश्लेषकों का कहना है कि चीन में म्यांमार जैसे हालात नहीं है, अगर चीन में तख्तापलट होगा भी है तो वह राजनेताओं के नेतृत्व में होगा, सेना के नहीं.
इसलिए शी जिनपिंग के मामले में अभी कुछ भी कहना जल्दी होगी, क्योंकि अगर किसी चीन जैसे सुपर पावर में कोई नया सुप्रीमो कमान संभालता है तो पूरे विश्व में इसका डंका बजना तय है. और सोशल मीडिया की अफवाहों में कितना दम है, यह भी तभी पता चल पाएगा, जब चीन की सरकार या मीडिया की ओर से आधिकारिक जानकारी मिलेगी.
एक रिपोर्ट की मानें तो फ्लाइटों का कैंसिल होने की एक वजह चीन के कई इलाकों में लॉकडाउन और नियमों की पाबंदी भी है. वहीं 23 सितंबर को जब चीनी राष्ट्रपति को लेकर अफवाह शुरू हुईं, तब भी बीजिंग में राजनीतिक गतिविधियां सामान्य रूप से चलती रहीं.
क्या कह रहे सोशल मीडिया यूजर्स
एक चीनी यूजर ने ट्वीट करते हुए कहा है कि 22 सितंबर को शी जिनपिंग के अरेस्ट होने की अफवाहों के बीच सेना का काफिला बीजिंग के लिए जा रहा है. यूजर ने इसके साथ एक वीडियो भी ट्वीट की है.
वहीं एक अन्य यूजर ने कहा कि चीन में 59 परसेंट फ्लाइटों की उड़ान रद्द करने और वरिष्ठ अधिकारियों को जेल में डालने के तुरंत बाद बीजिंग जाते हुए सैन्य वाहनों की यह वीडियो सामने आई हैं.
इस ट्विटर यूजर का कहना है कि अगर इतना धुआं है तो कहीं न कहीं आग जरूर लगी है.
चीन में तख्तापलट को लेकर उड़ रही अफवाहों के बीच एक जर्मन न्यूज पेपर के रिपोर्टर जियोर्ज फहरियोन ने बीजिंग पहुंचकर वहां की असली हालात दिखाने की कोशिश की. रिपोर्टर ने ट्वीट में बताया कि उन्होंने खुद के रिस्क पर मैं बीजिंग की कई जरूरी जगहों पर गया. इसके बाद रिपोर्टर ने इन जगहों की हालात दिखाई.