
चीन में एक अहम सैन्य घटनाक्रम में राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने पीपुल्स लिब्रेशन आर्मी (PLA) के वेस्टर्न थिएटर के कमांडर जनरल झाओ जोंगकी को हटा दिया है. जनरल झाओ जोंगकी वही सैन्य ऑफिसर है जिसकी अगुवाई में चीन ने गलवान में भारत पर हमला किया था. यही नहीं जनरल झाओ जोंगकी 2017 में डोकलाम विवाद के दौरान वेस्टर्न थिएटर कमांड का नेतृत्व कर रहे थे. जहां भारतीय सेना सीमा के बेहद करीब सड़क बिछाने की योजना में जुटी चीनी सेना के आमने-सामने थी. बता दें कि PLA का वेस्टर्न थिएटर कमांड ही लद्दाख में चीन-भारत बॉर्डर की निगरानी करता है.
राष्ट्रपति शी जिनपिंग सेंट्रल मिलिट्री कमीशन के चीफ होने के नाते चीन की सेना के सुप्रीम कमांडर भी हैं. यही एजेंसी चीन की 20 लाख मजूबत सेना का नियंत्रण करती है. राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने वेस्टर्न थिएटर कमांड की जिम्मेदारी नए सैन्य अधिकारी जनरल झांग जुदांग (Zhang Xudong) को सौंपी है. यानी कि अब जनरल झांग जुदांग की अगुवाई में लद्दाख में चीनी सैनिकों की तैनाती होगी. खास बात यह है कि जनरल झांग जुदांग को इस नियुक्ति से पहले इंडियन बॉर्डर का कोई अनुभव नहीं है.
चीन की मिलिट्री में इन अहम बदलावों के बाद भारत के मिलिट्री कॉरिडोर में इस बात की चर्चा होने लगी है कि क्या नए कमांडर की अगुवाई में भारत चीन के साथ लद्दाख में नए रिश्तों की उम्मीद कर सकता है? शी जिनपिंग ने इस तैनाती के लिए जनरल झांग जुदांग को प्रमोशन दिया है.
इस नियुक्ति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि झांग जुदांग को प्रमोशन देने के लिए एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. बीजिंग में चीन के रक्षा मंत्रालय की प्रसिद्ध बायी बिल्डिंग में आयोजित इस कार्यक्रम में खुद राष्ट्रपति शी जिनपिंग पहुंचे. बता दें कि भारत और चीन के बीच 4057 किलोमीटर लंबी सीमा है. इनमें से कई जगहों पर विवाद है, इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी जनरल झांग जुदांग पर होगी.
जनरल झांग जुदांग का तिब्बत बॉर्डर पर अनुभव नहीं है, लेकिन उन्होंने उत्तर कोरिया और रूस से लगी चीन की सीमा पर सालों गुजारे हैं. मार्च 2017 से जनवरी 2018 तक जनरल झांग जुदांग सेंट्रल थियेटर कमांड के डिप्टी कमांडर थे, इस कमांडर के जिम्मे बीजिंग की सुरक्षा की जिम्मेदारी है.
जनरल झांग जुदांग से कैसे अलग हैं जनरल झाओ जोंगकी
इन दोनों चीनी सैन्य कमांडरों के बीच सबसे बड़ा अंतर इनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा को लेकर है. डोकलाम और गलवान में भारत के साथ टकराव में अहम रोल निभाने वाले जनरल झाओ जोंगकी सैन्य अधिकारी होते हुए भी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पाले बैठे हुए थे. जनरल झाओ जोंगकी इस साल 65 वर्ष के हो चुके थे. ये उम्र चीन की सेना में रिटायरमेंट का है, लेकिन जनरल झाओ शी जिपिंग की वरदहस्त की बदौलत अपनी नौकरी बचाए हुए थे.
बता दें कि जनरल झाओ कम्युनिस्ट पार्टी की सेंट्रल कमेटी के सदस्य थे. माना जा रहा था कि भारत के साथ विवाद में अपरहैंड हासिल कर वह सेंट्रल मिलिट्री कमीशन में अपने लिए सीट हासिल करना चाहते थे, जहां वो 72 साल पूरे होने तक काम कर सकते थे.
जनरल झांग जुदांग की कोई राजनीतिक महात्वाकांक्षा नहीं है
भारतीय सैन्य विश्लेषकों का मानना है कि नए नवेले जनरल झांग जुदांग की कोई राजनीतिक महत्वाकांक्षा नहीं है, और उम्मीद की जाती है कि वो अपने फैसले परिस्थितियों की मेरिट के आधार पर लेंगे. इस वक्त जनरल झांग जुदांग की उम्र 58 साल है.
इस घटनाक्रम पर हिन्दुस्तान टाइम्स में छपी रिपोर्ट में भारतीय सैन्य अधिकारियों के हवाले से लिखा गया है कि नए पीएलए कमांडर के हाव-भाव और उसके मिजाज की जानकारी तभी मिल पाएगी जब अगले कुछ दिन में भारत और चीन के सैन्य ऑफिसरों की मीटिंग होगी. इस मीटिंग से PLA में चल रहे घटनाक्रमों की जानकारी भी मिलेगी. एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि हमें कुछ पॉजिटिव चीजों की उम्मीद है. पूरी जानकारी उनके साथ हमारी अगली बातचीत के दौरान ही मिल पाएगी.
चीन पर नजर रखने वाले भारतीय राजनयिकों का कहना है कि जनरल झांग जुदांग की नियुक्ति से भारत को तनाव कम होने की उम्मीद नहीं करनी चाहिए. क्योंकि भारत को लेकर चीन में फैसले सेंट्रल मिलिट्री कमीशन से लिए जाते हैं. जहां तक भारत की बात है तो क्योंकि भारत चीन का शक्तिशाली पड़ोसी है, इसलिए पूरे शो की कमान शी जिनपिंग के हाथों में है. हालांकि जुदांग निश्चित रूप से सेंट्रल मिलिट्री कमीशन को सिफारिशें दे सकते हैं. हालांकि उनके पास एक्शन लेने का स्पेस कम होगा.