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रमजान के मौके पर यरुशलम की अल-अक्सा मस्जिद में हिंसा, घायल हुए 67 फिलिस्तीनी

अल-अक्सा मस्जिद की देखभाल करने वाली समिति ने कहा कि इजरायली पुलिस ने सुबह होने से पहले ही मस्जिद में प्रवेश किया. इजरायल ने कहा है कि पुलिस किसी भी संभावित हिंसा को रोकने के लिए वहां जमा किए गए पत्थरों को हटाने के मकसद से मस्जिद में घुसी थी.

अल-अक्सा मस्जिद में हिंसा की खबरें हैं (Photo- AP) अल-अक्सा मस्जिद में हिंसा की खबरें हैं (Photo- AP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 15 अप्रैल 2022,
  • अपडेटेड 2:34 PM IST
  • रमजान के मौके पर अल-अक्सा मस्जिद में हिंसा
  • फिलिस्तीनियों और इजरायली सैनिकों के बीच झड़प
  • घायल हुए 67 फिलिस्तीनी

इस्लाम के तीसरे सबसे पवित्र स्थल यरुशलम के अल-अक्सा मस्जिद में रमजान के मौके पर इजरायली सैनिकों और फिलिस्तीनियों के बीच हिंसा की खबरें हैं. बताया जा रहा है कि शुक्रवार तड़के हुई हिंसा में 67 फिलिस्तीनी जख्मी हुए हैं. इजरायल अल अक्सा मस्जिद पर अपना अधिकार मानता है और उसने मस्जिद में फिलिस्तीनियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है. रमजान के मौके पर ये प्रतिबंध हटाए गए थे. सुबह की नमाज के लिए मस्जिद में हजारों की संख्या में नमाजी जमा हुए थे जिस दौरान हिंसा हुई.

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समाचार एजेंसी एपी की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अल-अक्सा मस्जिद की देखभाल करने वाली समिति ने कहा कि इजरायली पुलिस ने सुबह होने से पहले ही मस्जिद में प्रवेश किया. इजरायल ने कहा कि रमजान को देखते हुए सुबह की नमाज के लिए मस्जिद में हजारों लोग जमा हुए थे और उसकी सेना हिंसा करने के लिए रखे गए चट्टानों और पत्थरों को हटाने के लिए मस्जिद में घुसी.

अल-अक्सा मस्जिद मुसलमानों के अलावा यहूदियों और ईसाइयों को लिए भी पवित्र स्थल माना जाता है. यहूदियों का ये सबसे बड़ा पवित्र स्थल है. ये मस्जिद यहूदी बहुल इजरायल और मुस्लिम बहुल फिलिस्तीन के बीच दशकों से संघर्ष का केंद्र रहा है.

ऑनलाइन शेयर किए जा रहे वीडियो में फिलिस्तीनियों को पत्थर फेंकते हुए और इजरायली पुलिस को आंसू गैस के गोले और हथगोले फेंकते हुए देखा जा सकता है. कुछ वीडियो में आंसू गैस के प्रभाव से बचने के लिए लोगों को मस्जिद में छिपते हुए देखा जा सकता है.

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फिलिस्तीन की रेड क्रिसेंट आपातकालीन सेवा ने कहा कि उसने 67 घायलों को अस्पतालों में पहुंचाया जो रबर की गोलियों और हथगोलों से घायल हुए थे. रेड क्रिसेंट ने कहा कि साइट पर एक गार्ड की आंख में रबर की गोली मारी गई है. 

इजरायली पुलिस ने कहा कि बड़े पैमाने पर पथराव से तीन अधिकारी घायल हो गए हैं. इनमें से दो अधिकारियों को इलाज के लिए घटनास्थल से भेज दिया गया है.

क्या बोला इजरायल का विदेश मंत्रालय?

इजरायल के विदेश मंत्रालय ने कहा कि फिलिस्तीनी और हमास के झंडे लिए दर्जनों नकाबपोश लोगों ने शुक्रवार तड़के मस्जिद के परिसर में मार्च किया और पत्थर जमा किए. विदेश मंत्रालय ने ट्वीट किया, 'भीड़ को तितर-बितर करने और संभावित हिंसा को रोकने के लिए पत्थरों और चट्टानों को हटाने के लिए पुलिस को मस्जिद परिसर में घुसने के लिए मजबूर होना पड़ा.'

इजराइली पुलिस ने एक बयान में कहा कि उन्होंने नमाज खत्म होने तक इंतजार किया. इसके बाद भीड़ तितर-बितर होने लगी और भीड़ में शामिल लोगों ने पश्चिमी दीवार की दिशा में एक पवित्र यहूदी स्थल पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. इस कारण पुलिस को कार्रवाई के लिए मजबूर होना पड़ा. पुलिस का कहना है कि उन्होंने जानबूझकर मस्जिद में प्रवेश नहीं किया.

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फिलिस्तीनी अल-अक्सा में पुलिस की किसी भी बड़ी तैनाती को एक बड़े उकसावे के रूप में देखते हैं.
 
हाल के दिनों में फिलिस्तीनियों और इजरायल के बीच बढ़ी है हिंसा

फिलिस्तीनियों की तरफ से इजरायल पर किए गए लगातार हमलों ने दोनों पक्षों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है. इन हमलों में इजरायल के 14 लोग मारे गए हैं. इजरायल ने अपने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में कई गिरफ्तारियां की हैं और अपने सैन्य अभियान को तेज कर दिया है. इसमें कई फिलिस्तीनियों के मारे जाने की खबरें सामने आईं. इसकी प्रतिक्रिया में फिलिस्तीन की तरफ से इजरायल पर हमले हो रहे हैं.

शुक्रवार की नमाज के लिए अल-अक्सा मस्जिद में हजारों फिलिस्तीनियों के जमा होने की उम्मीद थी जिसे लेकर इजरायल के सैनिक मस्जिद परिसर में गए और हिंसा भड़क उठी.

पिछले साल हिंसा से छिड़ गया था युद्ध

पिछले साल रमजान के दौरान भी अल-अक्सा मस्जिद पर हमले हुए थे. यरुशलम पर लगातार हमलों के कारण गाजा पट्टी पर नियंत्रण रखने वाले इस्लामिक आतंकवादी समूह हमास और इजरायल के बीच युद्ध शुरू हो गया था जो 11 दिनों तक चला था.

इस सप्ताह की शुरुआत में गाजा में हमास और अन्य आतंकवादी समूहों ने वीकेंड पर फिलिस्तीनियों को अल-अक्सा मस्जिद में जमा होने का आह्वान किया था. फिलिस्तीनियों को लंबे समय से डर रहा है कि इजरायल मस्जिद की साइट पर कब्जा करने या इसे बांटने की योजना बना रहा है.

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1967 के युद्ध में इजरायल ने पूर्वी यरुशलम, अल-अक्सा और अन्य प्रमुख पवित्र स्थलों पर कब्जा कर लिया था. फिलिस्तीनी चाहते हैं कि इजरायली कब्जे वाला शहर का पूर्वी भाग उनके स्वतंत्र देश की राजधानी बने. वो वेस्ट बैंक, गाजा आदि जगहों को मिलाकर अपना एक अलग देश चाहते हैं.

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