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तुर्की: सड़कों पर दौड़े टैंक, हेलीकॉप्टर से फायरिंग, राष्ट्रपति ने तख्तापलट का दावा खारिज किया

तुर्की की सेना ने दावा किया है कि उसने सत्ता पर नियंत्रण कर लिया है. तुर्की में फिलहाल अनिश्चय की स्थिति आ गई है. क्योंकि सेना और सरकार दोनों एक-दूसरे के दावों को गलत बता रहे हैं.

तुर्की में सेना ने की तख्तापलट की कोशिश के बाद लोग सड़कों पर आ गए तुर्की में सेना ने की तख्तापलट की कोशिश के बाद लोग सड़कों पर आ गए
प्रियंका झा
  • अंकारा,
  • 16 जुलाई 2016,
  • अपडेटेड 12:12 PM IST

तुर्की में सेना के एक गुट ने तख्ता पलट की कोशिश को नाकाम कर दिया गया है. तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन ने दावा किया है कि स्थिति अब नियंत्रण में है. अब तक 3000 सैन्य कर्मियों को गिरफ्तार किया जा चुका है. बता दें कि शुक्रवार देर रात सेना के तख्तापलट करने की कोशिश में अब तक 250 लोगों की जान जा चुकी है. वहीं तकरीबन 1,154 लोग घायल हो चुके हैं.

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राजधानी अंकारा और इस्तांबुल में सड़कों पर टैंक, हेलीकॉप्टर से फायरिंग भी की गई. इसमें 17 पुलिस वालों की मौत हो चुकी है. शुरुआत में राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन ने दावा किया था कि सेना की कोशिश नाकाम कर दी गई है लेकिन सेना ने दूसरी ओर सत्ता पर नियंत्रण का दावा किया था. नाकाम हुए इस तख्तापलट के मामले में सुरक्षाबलों ने तुर्की के शीर्ष अदालत के एक न्यायाधीश को भी हिरासत में लिया है.

तख्तापलट की कोशिश नाकाम करने के बाद तुर्की ने शनिवार को कार्यवाहक आर्मी चीफ नियुक्त किया. कार्यवाहक आर्मी चीफ जनरल उमित दुंदर ने पद संभालते ही घोषणा कर दी कि तुर्की में सेना के तख्तापलट की कोशिश नाकाम रही.

ये पढ़ें: तुर्की में तख्तापलट की नाकाम कोशिश

तुर्की की सेना ने दावा किया है कि उसने सत्ता पर नियंत्रण कर लिया है. तुर्की में फिलहाल अनिश्चय की स्थिति आ गई है. क्योंकि सेना और सरकार दोनों एक-दूसरे के दावों को गलत बता रहे हैं. जिस समय सेना ने हमले शुरू किए, उस वक्त राष्ट्रपति एर्दोगन छुट्टियां मना रहे थे. लेकिन वे तुरंत इस्तांबुल लौटे और घोषणा की कि सेना के कब्जे से जल्द ही देश को निकाल लिया जाएगा.

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पढ़ें: तुर्की में तख्तापलट की कोशिश की पांच वजहें

राष्ट्रपति एर्दोगन ने कहा कि यह तख्तापलट की कोशिश राष्ट्रद्रोह है. इसके लिए जो भी जिम्मेदार है उसे भारी कीमत चुकानी होगी. हालांकि राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि जिन सैन्य अधिकारियों ने यह किया है उनकी गिरफ्तारी जारी है. एर्दोगन ने इसे सेना की सफाई करार दिया.

फतेउल्लाह गुलेन का हाथ होने का आरोप
बिनाली यिलदीरिम ने कहा कि ये अमेरिका के मुस्लिम मौलवी फतेउल्लाह गुलेन के अनुयायियों की तरफ से सरकार के खिलाफ बगावत करने की महज एक कोशिश थी. हालांकि गुलेन से जुड़े संगठन ने इसमें हाथ होने की बात से इनकार किया है.

17 पुलिस अधिकारियों की मौत
सेना ने पुलिस स्पेशल फोर्स के हेडक्वार्टर पर हवाई हमला किया, जिसमें 17 पुलिस अधिकारियों के मारे जाने की खबर है. तुर्की की संसद में विस्फोट की खबर है, जहां सेना ने अपने टैंक तैनात कर दिए थे. शुक्रवार को तुर्की सेना ने सभी ब्रॉडकास्टर्स को ई-मेल भेजकर पूरे देश पर कब्जे का दावा किया है.

सेना ने लोगों पर बरसाईं गोलियां
यहां लोग राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन और सरकार के सपोर्ट में सड़कों पर उतर आए हैं. इस्तांबुल में सेना ने भीड़ पर गोलियां बरसाईं, जिसके बाद वहां कई लोगों के घायल होने की खबर है.

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तुर्की में लगा कर्फ्यू, उड़ानें रद्द
तुर्की के प्रधानमंत्री बिनाली यिलदीरिम ने सुरक्षा बलों से कहा है कि सेना का मुकाबला करने के लिए जो संभव हो किया जाए. पूरे देश में कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया है और सभी एयरपोर्ट समेत उड़ानें रोक दी गई हैं.

सैन्य हेलिकॉप्टरों ने की गोलीबारी
एक एजेंसी ने दावा किया है कि तुर्की की राजधानी अंकारा में सेना के हेलिकॉप्टर से गोलीबारी की गई. इसके अलावा अंकारा में भारी विस्फोटों की आवाज सुनी गई है. यहां की एक मीडिया बिल्डिंग में विस्फोट किया गया है.

भारतीय नागरिकों के लिए इमरजेंसी नंबर जारी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया कि अंकारा में भारतीय दूतावास ने वहां रह रहे भारतीय नागरिकों को स्थिति सामान्य होने तक घरों के अंदर रहने और बाहर न जाने की सलाह दी है. उन्होंने भारतीय नागरिकों के लिए अंकारा में इमरजेंसी नंबर +905303142203 जबकि इस्तांबुल में इमरजेंसी नंबर +905305671095 जारी किए हैं.

जनता की चुनी सरकार ही संभालेगी सत्ताः पीएम
बिनाली यिलदीरिम ने एक चैनल से बात करते हुए कहा कि कुछ लोगों ने गैर-कानूनी कदम उठाया है. उन्होंने कहा कि 'जनता द्वारा चुनी गई सरकार ही सत्ता में रहेगी. सरकार तभी जाएगी, जब जनता चाहेगी.' पीएम ने कहा कि हमला करने वालों को इसकी बड़ी कीमत चुकानी होगी.

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लोगों से सड़कों पर उतरने को कहा
तुर्की के राष्ट्रपति रिसेप तईप एर्दोगन ने कहा कि तख्तापलट की कोशिश करने वाले कभी कामयाब नहीं होंगे. उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि वो सरकार को सपोर्ट करने के लिए सड़कों पर उतरें, जिसके बाद हजारों की संख्या में लोगों ने सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया और सरकार का साथ दिया. उनके अलावा तुर्की के मेयर ने भी लोगों से कहा कि वो सड़कों पर उतर जाएं.

तुर्की में गहराया संकट
कई टीवी चैनलों पर दिखाए जा रहे फुटेज में सेना के वाहन पुलों को ब्लाक करते और शहर के एयरपोर्ट को टैंक से घेरते नजर आए. यहां बेहद कम ऊंचाई पर सैन्य विमानों के उड़ने की आवाजें साफ सुनी जा सकती है. इसके अलावा लोगों ने गोलीबारी भी सुनी है. सेना के कब्जा करते ही अंकारा पुलिस विभाग हरकत में आया और अपने पूरे स्टाफ को तुरंत ड्यूटी पर तैनात रहने के लिए कहा.

सोशल मीडिया पर लगा बैन
तुर्की में सैन्य हमले के चलते फेसबुक, ट्विटर और यूट्यूब समेत पूरे सोशल मीडिया पर बैन लगा दिया गया है. इसके अलावा कई चैनलों को ऑफ एयर कर दिया गया और एयरपोर्ट बंद किए गए हैं हालांकि बाद में कुछ लोकल टीवी चैनलों को बहाल कर दिया गया है.

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