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कोरोना के प्रकोप के बीच PAK में इस वायरस का भी बढ़ा खौफ

क्वेटा में कांगो वायरस से संक्रमित एक मरीज को फातिमा जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ब्लड टेस्ट में मरीज के कांगो वायरस संक्रमण की पुष्टि हो गई है.

Congo Virus File Photo Congo Virus File Photo
संदीप कुमार सिंह
  • नई दिल्ली,
  • 19 अगस्त 2020,
  • अपडेटेड 6:12 PM IST
  • कोरोना संकट के बीच पाकिस्तान में कांगो वायरस का प्रकोप
  • पशुओं के संपर्क में आने पर होता है कांगो वायरस का खतरा
  • पाकिस्तान में कोरोना और कांगो वायरस का दोहरा खतरा

दुनिया में जहां कोरोना संकट का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है, वहीं पाकिस्तान में वायरस की दोहरी मार लोगों में खौफ का कारण बन रही है. कोरोना संकट के बीच पाकिस्तान के क्वेटा में कांगो वायरस के नए मामलों ने लोगों को डरा दिया है.

क्वेटा में कांगो वायरस से संक्रमित एक मरीज को फातिमा जिन्ना अस्पताल में भर्ती कराया गया है. ब्लड टेस्ट में मरीज के कांगो वायरस संक्रमण की पुष्टि हो गई है. कांगो वायरस के कुल 14 संदिग्ध मरीज लाए गए थे अस्पताल, जिनमें से 5 को जांच के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया जबकि 6 मरीजों में संक्रमण कंफर्म हो गया.  

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क्या है कांगो फीवर

कांगो बुखार जानलेवा वायरस से होने वाली एक बीमारी है. यह वायरस पूर्वी एवं पश्चिमी अफ्रीका में बहुत पाया जाता है और ह्यालोमा टिक से पैदा होता है. यह वायरस सबसे पहले 1944 में क्रीमिया में पहचाना गया था. फिर 1969 में कांगो में संक्रमण फैला. तभी इसका नाम सीसीएचएफ पड़ा. फिर 2001 में पाकिस्तान, दक्षिण अफ्रीका एवं ईरान में भी इसका प्रकोप बढ़ा.

  • क्रीमिया नामक देश में आया था पहला मामला
  • अफ्रीकी देश कांगो में मची थी तबाही
  • 2016 में पाकिस्तान में हुई थीं कई मौतें
  • संक्रमण के कई संद्गिध मरीजों की हुई जांच
     

पशुओं के साथ रहने वालों को ज्यादा खतरा

पशुओं की चमड़ी से चिपके रहने वाला ‘हिमोरल’ नामक परजीवी इस रोग का वाहक है. इसलिए इसकी चपेट में आने का खतरा उन लोगों को ज्यादा है जो गाय, भैंस, बकरी, भेड़ एवं कुत्ता आदि के संपर्क में रहते हैं.

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कोरोना वायरस के लक्षण

इस वायरस से प्रभावित लोगों को तेज बुखार आता है. वहीं उसकी कमर, मांसपेशियों, गर्दन में दर्द होता है. उल्टी, मतली, गले में खराश और बदन पर पड़ने वाले लाल रंग के धब्बे इसके लक्षण हैं.

बचाव के उपाय

फिलहाल कांगो वायरस की कोई वैक्‍सीन नहीं है. इस वायरस से बचाव के लिए जानवरों के पास जाने से बचना चाहिए. जरूरी है कि सावधानी बरती जाए और अगर इसके लक्षण दिखे तो फौरन डॉक्‍टर को दिखाएं.

जुलाई 2016 में पाकिस्तान के कई हिस्सों में इसके मामले सामने आए थे. तब 20 लोगों की इससे मौत हो गई थी.

 
2016 में कहां-कहां टूटा था कहर  
बलूचिस्तान 12 मौतें
कराची 5 मौतें
बहावलपुर 2 मौतें
खैबर पख्तूनवां 1 मौत

अब एक बार फिर ऐसे वक्त में जब पाकिस्तान में कोरोना वायरस के केस 3 लाख के करीब हैं, कोरोना के कारण 6200 लोगों की मौत हो चुकी है. एक और वायरस के कहर ने लोगों में खौफ बढ़ा दिया है.

 

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