
नेपाल सरकार द्वारा आरती से पहले राष्ट्रगान बजाने के आदेश पर विवाद पैदा हो गया है. प्रसिद्ध आदि ज्योर्तिलिंग पशुपतिनाथ मंदिर के प्रांगण में बागमती नदी के किनारे आरती से पहले राष्ट्र गान बजाने के सरकार के आदेश की खूब आलोचना हो रही है.
नेपाल सरकार ने पहले सिनेमा हॉल, सार्वजनिक कार्यक्रमों और सरकारी आयोजनों से पहले राष्ट्रीय गीत बजाकर शुरुआत करने का फरमान जारी कर दिया था और ये फरमान आरती के लिए भी अनिवार्य कर दिया गया है.
सरकार के इस आदेश के बाद दो दिनों तक आरती शुरू होने से पहले राष्ट्रगीत बजाने की औपचारिकता पूरी हुई. लेकिन सोशल मीडिया से लेकर संसद तक सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना हुई, जिसके बाद इसे बंद कर दिया गया.
इस फैसले का विरोध कर रहे लोगों का कहना है कि पशुपति क्षेत्र के जिस जगह पर आरती होती है वहां ठीक सामने ही काठमांडू का एकमात्र श्मशान है, जहां हर समय दो तीन लाशें जलती रहती हैं. ऐसे में एक तरफ लाशें जल रही हों वहां राष्ट्रगाना बजाना कितना उचित है? लोगों का कहना है कि यह राष्ट्रगान का ही अपमान है.
इसकी काफी आलोचना होने पर इसे फिलहाल बंद कर दिया गया है. आरती कराने वाली समिति ने इस फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है.
मालूम हो कि पशुपतिनाथ मंदिर के पास बागमती नदी के किनारे रोज शाम को आरती का आयोजन होता है. काफी संख्या में भक्त इसमें हिस्सा लेते हैं. बागमती आरती परिवार पिछले 12 वर्षों से आरती का आयोजन कर रही है.
हालांकि, सरकार के आदेश का उल्लंघन करने की वजह से बागमती आरती परिवार पर कार्रवाई की संभावना पैदा हो गई है. सरकार के आदेश का हर हाल में पालन करने को लेकर पशुपति क्षेत्र विकास समिति ने इसे पुन: शुरू करने के लिए बागवती आरती परिवार पर दबाब डाल रही है.
- काठमांडू से इनपुट के साथ