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अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या 8 लाख के पार हो गई है. ओमिक्रॉन के कहर के बीच ये आंकड़ा डराने वाला है. वहीं बुधवार को अमेरिका में 78610 नए ओमिक्रॉन के केस मिलने से हड़कंप मच गया है. बता दें कि यहां इतने अधिक केस पूरे एक साल के बाद आए हैं. गौरतलब है कि मरने वाले 8 लाख लोगों में से लगभग 75 प्रतिशत यानि 6 लाख लोग 65 साल से अधिक की उम्र के हैं. इससे साफ है कि कोरोना बुजुर्गों के लिए अधिक खतरनाक और जानलेवा साबित हो रहा है.
कोरोना से मौतों का 15 प्रतिशत अमेरिका से
पूरे अमेरिका में हुई इन मौतों की संख्या इतनी अधिक है कि ये अटलांटा और सैंट लुइस की आबादी या मिनीपोलिस और क्लेवलैंड की आबादी के बराबर है. ये अमेरिका में हर दिन हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या के बराबर है. अमेरिका में हुई ये मौतें पूरी दुनिया में कोरोना वायरस से मरने वालों का 15 प्रतिशत हैं. अमेरिका में 20 करोड़ लोगों ने कोरोना का वैक्सीन ली है. ये संख्या यहां की महज 60 प्रतिशत आबादी के बराबर है.
अमेरिका पर कोराना लहर का दोहरा खतरा
दुनियाभर में तेजी से बढ़ रहे ओमिक्रॉन के मामले म्यूटेंट होकर एक बड़ी लहर ला सकते हैं. अमेरिका कोराना लहर का दोहरा खतरा मंडरा रहा है. पहले से ही डेल्टा मामलों से जूझ रहे अस्पताल के कर्मचारियों के अवकाश निरस्त किए जा सकते हैं. व्हाइट हाउस ने बुधवार को कहा कि लॉकडाउन की आवश्यकता नहीं है, क्योंकि वैक्सीनेशन तेजी से किया जा रहा है. इससे वायरस के दुष्परिणामों से सुरक्षा मिलती है. ओमिक्रॉन जीवन के लिए घातक साबित हो सकता है. बुजुर्गों के लिए ज्यादा खतरा है.
भारत में पांव पसार रहा ओमिक्रॉन
इधर, भारत की बात करें तो देखते ही देखते यहां ओमिक्रॉन के मामले 77 हो गए हैं. इसमें सबसे अधिक मामले महाराष्ट्र में आए हैं. कई राज्यों में इस नए वैरिएंट को लेकर सख्ती भी शुरू हो गई है. ओमीक्रॉन के बढ़ते मामलों और कोविड की स्थिति को देखते हुए मुंबई में लागू धारा 144 को 31 दिसंबर तक को बढ़ा दिया गया है.