कोरोना बना आतंकियों के 'हमदर्द' PAK के लिए कवच, FATF ने 4 महीने टाला बैन पर फैसला

FATF की पेरिस में फरवरी में हुई बैठक में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में विफल रहा था. FATF की ओर से पाकिस्तान को जून 2020 तक का समय दिया गया है. इस समय अवधि में उसे 27 प्वाइंट एक्शन प्लान पर काम करना होगा. लेकिन अब उसे कोरोना की वजह से 4 और महीने मिल गए हैं.

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FATF से पाकिस्तान को मिली कुछ महीनोें की मोहलत (फाइल) FATF से पाकिस्तान को मिली कुछ महीनोें की मोहलत (फाइल)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 29 अप्रैल 2020,
  • अपडेटेड 8:10 PM IST

  • फरवरी में पाक को 4 महीने की मिली थी मोहलत
  • जून में होने वाली FATF की बैठक कोरोना से टली

कोरोना वायरस से भले ही पाकिस्तान इन दिनों बुरी तरह से त्रस्त हो, लेकिन इस वायरस की वजह से उसे बड़ी राहत भी मिली है. फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) ने कोरोना महामारी को देखते हुए पाकिस्तान के ग्रे लिस्ट पर फैसला 4 महीने के लिए टाल दिया है.

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फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) के इस फैसले से पाकिस्‍तान को चार महीने की अंतरिम राहत मिल गई है. पाकिस्‍तान अभी एफएटीएफ की ग्रे लिस्‍ट में शामिल है और उसे ब्‍लैक लिस्‍ट में डालने को लेकर जून में फैसला होना था.

पेरिस स्थित FATF की जून में होने वाली बैठक में यह तय किया जाना था कि क्‍या पाकिस्‍तान को ग्रे लिस्‍ट से हटाया जाए या फिर उसे ब्‍लैक लिस्‍ट में डाल दिया जाए.

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मिला 4 अतिरिक्त महीना

एफएटीएफ ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि रिव्यू प्रक्रिया को कुछ समय के लिए रोक दिया गया है. मॉनिटरिंग की प्रक्रिया 4 अतिरिक्त महीने के लिए बढ़ा दी गई है. इस प्रकार, एफएटीएफ जून में इनकी समीक्षा नहीं कर रहा है. एफएटीएफ में आपसी मूल्यांकन और अनुवर्ती समयसीमा को अस्थायी रूप से स्थगित करने को लेकर सभी सहमत हुए थे.

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हालांकि इसमें पाकिस्तान का जिक्र नहीं किया गया है, लेकिन 4 महीने का अतिरिक्त समय मिलने का फायदा उसे जरुर मिलेगा.

फरवरी में पाक को मिली थी नाकामी

FATF की फरवरी में हुई बैठक में पाकिस्तान ग्रे लिस्ट से बाहर निकलने में विफल रहा था. FATF की यह बैठक फ्रांस की राजधानी पेरिस में फरवरी में हुई थी. FATF की ओर से पाकिस्तान को जून 2020 तक का समय दिया गया. इस समय अवधि में उसे 27 प्वाइंट एक्शन प्लान पर काम करना होगा. अगर पाक इसमें कामयाब हो जाता है तो ग्रे-लिस्ट से बाहर आ सकता है. लेकिन अगर वह इस पर अमल करने में विफल रहा तो ब्लैक लिस्ट में डाला जा सकता है.

पाकिस्तान को पिछले साल अक्टूबर में आतंक को पनाह देने और फंड मुहैया कराने के कारण FATF की ग्रे लिस्ट में डाल दिया गया था. पाकिस्तान पर आरोप था कि वह लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे कई आतंकी संगठनों को फंड देता है.

पाक की शिकायत करेगा भारत

इससे पहले इस महीने की शुरुआत में पाकिस्तान की एक अदालत ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या करने वाले आतंकी उमर शेख की मौत की सजा को बदल दिया. इस फैसले की अमेरिका से लेकर दुनिया के कई देशों की ओर से आलोचना की गई.

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भारत ने भी इस फैसले पर आपत्ति जताई. साथ ही भारत ने कहा कि वह फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) की कमेटी के सामने इस मसले को उठाएगा. ये कमेटी आतंकवाद के खिलाफ उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा करती है.

उमर शेख ब्रिटेन में जन्मा एक आतंकवादी है, जिसने साल 2002 में अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या कर दी थी. उमर शेख को पाकिस्तान की एक अदालत ने पहले मौत की सजा सुनाई थी, बाद में इस फैसले को बदल दिया गया और सिर्फ 7 साल की सजा दी गई.

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