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Ukraine Russia News: कीव की सुपरमार्केट्स में उमड़ी भीड़, गैस स्टेशनों के बाहर लगी कारों की कतार

रूस के हमले झेल रहे यूक्रेन में दिन बीतने के साथ-साथ हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं. यूक्रेन के कई इलाकों में सभी आवश्यक सामग्री की किल्लत होने लगी है. बाजारों लोगों की भीड़ लग गई है. लोगों को तो कई बार खाली पेट ही दिन गुजारना पड़ रहा है.

सुपरमार्केट के बाहर लगी लोगों की लंबी लाइन सुपरमार्केट के बाहर लगी लोगों की लंबी लाइन
aajtak.in
  • कीव,
  • 28 फरवरी 2022,
  • अपडेटेड 7:16 PM IST
  • जरूरत का सामान न होने से लोग परेशान
  • सड़कों पर सैनिक और तोपों का कब्जा

यूक्रेन में रूस के हमलों के कारण हर तरफ तबाही मची हुई है. यूक्रेन के कई इलाकों में आर्पूति बाधित होने से आवश्यकत चीजों की किल्लत होने लगी है. कीव पहुंचे आजतक के रिपोर्टर ने बताया कि कीव में हालात इतने नाजुक हो गए हैं कि सुपर मार्केट्स में खाने-पीने के सामानों की किल्लत हो गई है. मार्केट के बाहर लोगों की भीड़ बढ़ती जा रही है.

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वहीं गैस स्टेशन पर गैस भी नहीं बची है इसलिए करीब-करीब हर स्टेशन के बाहर कारों की लंबी कतार लगी हुई है. यहां हर कोई डरा हुआ है. ज्यादातर स्थानीय लोग अपना घर छोड़कर जा चुके हैं. कुछ पश्चिम के शहरों में चले गए हैं या फिर देश ही छोड़ दिया है. सड़क पर हर जगह सिर्फ सैनिक और टैंक ही दिखाई दे रहे हैं.

बिजली आपूर्ति भी प्रभावित
कीव में फंसी केरल की छात्रा अरुंधति का विडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह कह रही थीं कि मेडिकल कॉलेज के बंकर में फंसे छात्रों के पास भोजन और पानी का सीमित भंडार ही बचा है. छात्रों का कहना है कि बिजली की आपूर्ति कभी भी बाधित हो सकती है और नेटवर्क कभी भी जा सकता है.

एटीएम भी नहीं कर रहे काम
यूक्रेन के फंसे उज्जवल कुमार ने बताया कि यूक्रेन में हालात लगातार खराब हो रहे हैं. रोजमर्रा के सामान भी नहीं मिल रहे हैं. इवानो फ्रंकिश्क नैशनल मेडिकल कॉलेज में इंडियन स्टूडेंट के प्रेजिडेंट दिव्यांशु गहलोत ने बताया कि भोजन खत्म हो चुका है, एटीएम में पैसा नहीं है और सभी साधन बंद हो चुके हैं.

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बिना खाए सोना पड़ा
खारकीव मेडिकल यूनिवर्सिटी के बेसमेंट में फंसी पठानकोट की ईशिता के पिता विडियो सामने आया था, जिसमें वे कह रहे थे कि रात को बच्चों को खाना नसीब नहीं हुआ. जैसे ही बच्चे बेसमेंट से निकलकर 100 मीटर दूर मेस में जाने लगे तो सायरन बज उठा. सभी बच्चे वापस बेसमेंट में आकर दुबक गए. शून्य से नीचे तापमान में वो बिना हीटर के बेसमेंट में रहने को विवश हैं. रात को लाइट्स भी बंद हो गई. सोलर लाइट के सहारे पूरी रात गुजारी.

इनपुट: राजेश पवार

 

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