दाऊद इब्राहिम पर PAK की मेहरबानी जारी, करीबी जाबिर का प्रत्यर्पण रुकवाने की तैयारी

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में एफबीआई की प्रत्यर्पण याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान पाकिस्तानी राजनयिकों की तरफ से समर्थित डी-कंपनी के बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि जाबिर मोतीवाला गंभीर अवसाद से ग्रस्त है और वह धनशोधन, ड्रग तस्करी और अंडरवर्ल्ड के अपराध के आरोपों का सामना करने के लिए अमेरिका जा पाने की स्थिति में नहीं है.

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दाऊद इब्राहिम दाऊद इब्राहिम

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 02 जुलाई 2019,
  • अपडेटेड 3:19 PM IST

अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम को लेकर पाकिस्तान का प्यार अक्सर सामने आता रहा है. एक बार फिर पाकिस्तान ने दाऊद की मदद का प्रयास किया है. लंदन स्थित पाकिस्तानी राजनयिक डी-कंपनी के अहम सहयोगी जाबिर मोतीवाला के अमेरिका प्रत्यर्पण को रोकने की हर कोशिश में लगे हुए हैं.

वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट कोर्ट में अमेरिकी संघीय जांच ब्यूरो (एफबीआई) की प्रत्यर्पण याचिका पर सोमवार को सुनवाई के दौरान पाकिस्तानी राजनयिकों की तरफ से समर्थित डी-कंपनी के बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि मोतीवाला गंभीर अवसाद से ग्रस्त है और वह धनशोधन, ड्रग तस्करी और अंडरवर्ल्ड के अपराध के आरोपों का सामना करने के लिए अमेरिका जा पाने की स्थिति में नहीं है.

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बचाव पक्ष के वकील ने अदालत से ये भी कहा कि मोतीवाला गंभीर अवसाद से ग्रस्त है और पिछले कई वर्षो में आत्महत्या के कई प्रयास कर चुका है. वकील ने कहा कि ऐसी स्थिति में उसे मुकदमे का सामना करने के लिए अमेरिका प्रत्यर्पित नहीं किया जा सकता.

जबकि अमेरिकी सरकार की तरफ से पेश हुए बैरिस्टर जॉन हार्डी ने अदालत से कहा कि मोतीवाला खूब यात्रा करता है और अपने बॉस दाऊद इब्राहिम के लिए (अंडरवर्ल्ड से जुड़े अपराधों के लिए) बैठकें करता है.

बता दें कि मोतीवाला दाऊद इब्राहिम का एक विश्वासपात्र है, जिसे अगस्त 2018 में लंदन में धनशोधन और ड्रग तस्करी के आरोपों में एफबीआई की सूचना पर गिरफ्तार किया गया था.

भारतीय एजेंसियों के करीबी सूत्रों ने न्यूज एजेंसी आईएएनएस को बताया है कि लंदन स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ने शुरू में आरोपी के वकील की तरफ से अदालत में एक पत्र सौंप कर यह कहते हुए प्रत्यर्पण को विफल करने की कोशिश की थी कि मोतीवाला पाकिस्तान में एक प्रसिद्ध और सम्मानित कारोबारी है.

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क्या है पाकिस्तान का डर

दरअसल, पाकिस्तान को डर है कि यदि मोतीवाला को अमेरिका प्रत्यर्पित कर दिया गया, तो डी-कंपनी का यह करीबी सहयोगी दाऊद इब्राहिम के अंडरवर्ल्ड नेटवर्क (करांची से संचालित) और पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी इंटर सर्विसिस इंटेलिजेंस (आईएसआई) के बीच के पूरे गठजोड़ का खुलासा कर देगा.

अमेरिका दाऊद इब्राहिम को पहले ही एक वैश्विक आतंकवादी घोषित कर चुका है. ऐसे में अगर मोतीवाला को अमेरिका प्रत्यर्पित किया गया, तो यह दाऊद के साथ ही पाकिस्तानी शासन व्यवस्था में मौजूद उसके संरक्षकों को एक बड़ा झटका होगा.

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