
चक्रवात रोनू ने शनिवार को बांग्लादेश के दक्षिण तट पर भयंकर तबाही मचाई, जिससे कम से कम 20 लोगों की जान चली गई और 100 से अधिक लोग घायल हो गए. प्रशासन ने पांच लाख लोगों को सुरक्षित जगह पर भेजा.
चक्रवात का बहुत बुरा असर
88 किलोमीटर प्रतिघंटा की तेज हवा के साथ आए इस चक्रवात ने बारीसाल-चटगांव क्षेत्र पर बहुत बुरा असर डाला है और इससे अन्य हिस्से भी प्रभावित हुए हैं. देश में शनिवार तड़के से ही ज्यादातर स्थानों पर आंधी और तेज हवा के साथ बारिश हुई और गरज के साथ बौछारें भी पड़ीं.
अब तक बीस लोगों की मौत
बांग्लादेश के आपदा प्रबंधन विभाग के महानिदेशक मोहम्मद रियाज अहमद ने कहा, ‘अब तक हमें 20 व्यक्तियों की मौत का पता चला है, उनकी संख्या बढ़ सकती है.’ दोपहर बाद यह उष्णकटिबंधीय चक्रवात क्रमिक रूप से ढीला पड़ा.
80 किलोमीटर की रफ्तार से चक्रवात
अहमद के मुताबिक उत्तर पश्चिम चटगांव पर चक्रवात का सबसे बुरा असर पड़ा. यह 80 किलोमीटर की रफ्तार से तटीय रेखा पर पहुंचा और केवल इस बंदरगाह शहर में नौ लोगों की मौत हो गई. भोला, नोआखाली और कोक्स बाजार तटीय जिलों में तीन-तीन मौत हो गईं.
चालीस हजार घरों को नुकसान
उन्होंने कहा, ‘बुनियादी ढांचे और अन्य नुकसान के मायने से चटगांव सबसे अधिक प्रभावित हुआ. चक्रवात ने चालीस हजार घरों और व्यावसायिक मकानों को नुकसान पहुंचाया.'