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Trump on DOGE: विवाद थामने की कोशिश या टारगेटेड एक्शन? एलॉन मस्क के ईमेल को इग्नोर करने का ट्रंप प्रशासन खुद क्यों दे रहा फरमान

अमेरिकी अधिकारियों ने संघीय एजेंसियों के मानव संसाधन अधिकारियों को निर्देश दिए कि कर्मचारियों को DOGE के ईमेल का जवाब देने की जरूरत नहीं है. इस संबंध में जारी मेमो में कहा गया है कि ईमेल का जवाब देना स्वैच्छिक है. लेकिन कर्मचारी किसी तरह की गोपनीय और संवेदनशील जानकारी अपने जवाब में नहीं दे.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलॉन मस्क अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलॉन मस्क
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 8:38 AM IST

अमेरिका में एलॉन मस्क की अगुवाई वाले DOGE को लेकर अफरा-तफरी का माहौल है. DOGE की गाज के बाद अब तक बड़े पैमाने पर कई कर्मचारियों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखाया गया है. लेकिन अब खुद ट्रंप प्रशासन ने मस्क के ऑफिस के इन ईमेल को गंभीरता से नहीं लेने को कहा है. 

ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को कहा कि वे एलॉन मस्क के DOGE की ओर से भेजे गए वीकेंड ईमेल को नजरअंदाज कर सकते हैं. अमेरिकी न्याय विभाग के मुताबिक, अमेरिकी अधिकारियों ने संघीय एजेंसियों के मानव संसाधन अधिकारियों को निर्देश दिए कि कर्मचारियों को DOGE के ईमेल का जवाब देने की जरूरत नहीं है.

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इस संबंध में जारी मेमो में कहा गया है कि ईमेल का जवाब देना स्वैच्छिक है. लेकिन कर्मचारी किसी तरह की गोपनीय और संवेदनशील जानकारी अपने जवाब में नहीं दे. 

क्या था DOGE के ईमेल में?

DOGE की ओर से संघीय कर्मचारियों को भेजे गए ईमेल में उनसे उनकी जॉब को जस्टिफाई करने को कहा गया था. DOGE ने लाखों संघीय कर्मचारियों को तीन लाइन का ईमेल भेजा है जिसमें पाचं प्वॉइंट में बताने को कहा गया है कि आपने पिछले हफ्ते क्या काम किया है? कर्मचारियों को सोमवार रात 11.59 बजे तक हर हाल में जवाब देने को कहा गया था. यह ईमेल देश के 23 लाख कर्मचारियों को भेजा गया था. हालांकि, इससे सवाल उठने लगे थे कि सरकारी खर्चों में कटौती के नाम पर मस्क को कितनी शक्तियां दी गई हैं. 

मस्क ने बाद में चेताया भी था कि जो भी कर्मचारी विस्तार में इसका जवाब नहीं पाएगा उसकी नौकरी जा सकती है. बता दें कि इससे पहले DOGE ने USAID के हजारों कर्मचारियों को निकाला जा चुका है. इसके साथ ही कई हजार कर्मचारियों को निकालने की तैयारी है.

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क्या है DOGE

अब समझ लेते हैं कि DOGE क्या है? और ट्रंप के इस नए डिपार्टमेंट का नाम कहां से आया है? दरअसल  डोजेकॉइन एक पॉपुलर क्रिप्टोकरेंसी है और इसे साल 2013 में बनाया गया था. Dogecoin को Billy Markus और Jackson Palmer ने साल 2013 में लॉन्च किया था. इसमें Shiba Inu dog की फोटो लगी है. 

दिलचस्प बात ये है कि Bitcoin और दूसरी क्रिप्टोकरेंसी का मजाक उड़ाने के लिए Dogecoin को क्रिएट किया गया था, लेकिन साल 2021 में ये क्रिप्टोकरेंसी चर्चा में आई. इसके चर्चा में आने की वजह भी एलॉन मस्क ही थे.

उन्होंने इस करेंसी के बारे में ट्वीट करना शुरू किया और लोगों का ध्यान इस पर जाने लगा. डोजेकॉइन के लोगो को Doge कहते हैं. इसके मीम्स वायरल होने के बाद क्रिप्टोकरेंसी कम्युनिटी में लोगों का रुझान इसकी तरफ बढ़ा.

डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव के प्रचार-प्रसार के दौरान ही स्पष्ट कर दिया था कि अगर वह राष्ट्रपति बनते हैं तो देश में व्यापक बदलाव होंगे. इन बदलावों के लिए उन्होंने इस खास टीम में एलॉन मस्क और विवेक रामास्वामी को शामिल किया है, जिनके एजेंडे में कई काम हैं, जिन्हें अमलीजामा पहनाया जाना है.

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