Advertisement

डोकलाम पर उन्मादी चीन के साथ भारत की ट्रैक-2 डिप्लोमेसी फेल!

डोकलाम को लेकर चीन के साथ पिछले करीब सात हफ्तों से जारी तनातनी को खत्म करने की भारत की कूटनीतिक कोशिशें नाकाम ही साबित हो रही हैं. जहां चीन का सरकारी मीडिया लगातार की युद्ध की धमकियां दे रहा है.

डोकलाम विवाद के बीच पिछले महीने NSA अजित डोभाल ने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी डोकलाम विवाद के बीच पिछले महीने NSA अजित डोभाल ने चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात की थी
साद बिन उमर
  • नई दिल्ली,
  • 09 अगस्त 2017,
  • अपडेटेड 12:04 PM IST

डोकलाम को लेकर चीन के साथ पिछले करीब सात हफ्तों से जारी तनातनी को खत्म करने की भारत की कूटनीतिक कोशिशें नाकाम ही साबित हो रही हैं. जहां चीन का सरकारी मीडिया लगातार की युद्ध की धमकियां दे रहा है.

चीन यहां लगातार ही भारत पर डोकलाम से अपने सैनिक पीछे हटाने को लेकर जोर दे रहा है. वहीं समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक करीबी सूत्र के हवाले से बताया है कि भारत ने इस पर चीन से भी अपने सैनिकों को 250 मीटर (820 फीट) पीछे हटाने का सुझाव दिया था, लेकिन उसकी तरफ से इस पर कोई जवाब नहीं आया.

Advertisement

रॉयटर्स के मुताबिक, राजधानी दिल्ली में पर्दे के पीछे हुई राजनयिकों के इस मुलाकात में चीन ने कहा था कि शीर्ष अधिकारियों से मंजूरी मिलने पर वह अपने सैनिक 100 मीटर पीछे हटा सकता है. हालांकि उसके बाद से इस मुद्दे पर बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई है. इस बात की पुष्टि करते हुए एक अन्य सूत्र बताते हैं, 'यहां पूरी तरह गतिरोध की स्थिति बरकरार है, बातचीत बिल्कुल भी आगे नहीं बढ़ रही.'

वहीं बीजिंग में चीनी विदेश मंत्रालय का कहना है कि उनका देश अपनी एक इंच भी जमीन नहीं छोड़ेगा. विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, 'चीन किसी भी सूरत में अपनी क्षेत्रीय संप्रभुता को सौदेबाजी का हिस्सा नहीं बनाएगा.'

दरअसल भारत, चीन और भूटान सीमा पर स्थित डोकलाम पर चीन और भूटान दोनों ही देश दावा करते हैं. चीन का कहना है कि यह इलाका उसके दोंगलांग क्षेत्र का एक हिस्सा है. चीनी सैनिकों ने यहां जून के मध्य में सड़क निर्माण का काम शुरू किया था, जिसे भारतीय सैनिकों ने दखल देते हुए रुकवा दिया था. इसके बाद से ही दोनों देशों में तनाव बरकरार है.

Advertisement

कई रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि 1980 के दशक के बाद दोनों देशों के बीच उभरा सबसे गंभीर तनाव है. भारत जहां इसे मुद्दे को बातचीत से हल किए जाने पर जोर दे रहा है. वहीं चीन की तरफ से उकसावे भरी बयानबाजी जारी है.

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, चीनी विदेश मंत्रालय में सीमा और सागर मामलों की उप महानिदेशक वांग वेनली ने कहा कि एक दिन के लिए भी अगर सिर्फ एक भारतीय सैनिक भी विवादित क्षेत्र में रहता है तो भी यह हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है.

वांग ने एक भारतीय मीडिया प्रतिनिधिमंडल को संबोधित करते हुए कहा, अगर सिर्फ एक भारतीय सैनिक भी एक दिन के लिए वहां रहता है, तो यह हमारी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन है.' इसके साथ ही उन्होंने कहा, अगर हम उत्तराखंड के कालापानी क्षेत्र या कश्मीर में घुस जाएं, तब नई दिल्ली क्या करेगा?

वहीं यह पूछे जाने पर कि चीन क्या भारत के साथ युद्ध की तैयारी कर रहा है, वांग ने कहा, 'मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि पीएलए और चीन सरकार के लिए, हमारे पास प्रतिबद्धता है. इसलिए अगर भारत गलत रास्ते पर जाने का फैसला करता है या इस घटना के बारे में कोई भ्रम रखता है तो हमारे अधिकारों के संरक्षण के लिए अंतरराष्ट्रीय कानून के मुताबिक हमारे पास कोई भी कार्रवाई करने का अधिकार है.

Advertisement

वहीं इससे पहले चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने भारत को एक तरह से युद्ध की चेतावनी देते हुए कहा कि भारत अगर यह सोच रहा है कि डोकलाम में चल रहे सीमा विवाद को लेकर भड़काने के बावजूद चीन कोई प्रतिक्रिया नहीं करेगा तो वह 1962 की तरह एक बार फिर भ्रम में है.

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement