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WHO में दोबारा शामिल होगा अमेरिका? ट्रंप बोले- फैसले पर कर सकता हूं विचार

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डब्ल्यूएचओ में दोबारा शामिल होने पर विचार कर रहे हैं और साथ ही सऊदी अरब से एक ट्रिलियन डॉलर के निवेश की अपील की है. यह कदम अमेरिकी और सऊदी अरब की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत कर सकता है, वहीं अंतरराष्ट्रीय स्वास्थ्य और आर्थिक संतुलन को भी प्रभावित कर सकता है.

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Photo by Jim WATSON / AFP) राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Photo by Jim WATSON / AFP)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 26 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:36 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शनिवार को संकेत दिए कि वे विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) में दोबारा शामिल होने पर विचार कर सकते हैं. इसके साथ ही, उन्होंने सऊदी अरब से अमेरिकी अर्थव्यवस्था में एक ट्रिलियन डॉलर का निवेश करने की अपील की, जो कि पहले ही 600 बिलियन डॉलर तक निवेश का ऐलान कर चुका है.

हाल ही में सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने ट्रंप से वार्ता में कहा कि उनका देश अमेरिकी व्यापार और निवेश को अगले चार सालों में 600 बिलियन डॉलर तक निवेश करेगा. यह अमेरिकी और सऊदी संबंधों में एक अहम कदम होगा जो दोनों देशों की अर्थव्यवस्थाओं को मजबूती देगा.

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2026 में डब्ल्यूएचओ से अलग हो जाएगा अमेरिका!

व्हाइट हाउस में दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ लेने के बाद ट्रंप ने सोमवार को डब्ल्यूएचओ से निकलने का ऐलान किया था. उनके ऐलान के बाद अमेरिका 22 जनवरी 2026 तक विश्व स्वास्थ्य संगठन की सदस्यता से बाहर होने वाला है.

हालांकि, अब ट्रंप का कहना है कि वह संगठन में फिर से शामिल होने को लेकर विचार कर सकते हैं. राष्ट्रपति ट्रंप के बयान से यह संकेत मिलता है कि अमेरिका की ओर से अब भी डब्ल्यूएचओ की दिशा में एक लचीलापन अपनाया जा सकता है.

सऊदी से एक ट्रिलियन डॉलर निवेश की मांग

सऊदी अरब और अमेरिका के बीच बढ़ते आर्थिक संबंधों के मद्देनजर, ट्रंप की तरफ से एक ट्रिलियन डॉलर के निवेश की अपील दो देशों के अर्थव्यवस्था के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है. ये निवेश अमेरिकी इंफ्रास्ट्रक्चर, टेक्नोलॉजी, और ऊर्जा क्षेत्र में अहम योगदान दे सकते हैं.

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ट्रंप के इन फैसलों से यह साफ हो जाता है कि वे अपने दूसरे कार्यकाल में अंतरराष्ट्रीय संबंधों को प्रमुखता दे रहे हैं. निवेश और संगठन में दोबारा शामिल होने के संभावित फैसले न सिर्फ अमेरिका को मजबूती देंगे, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्वास्थ्य और आर्थिक संतुलन को भी प्रभावित कर सकते हैं.

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