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ईरान के बाद वेनेजुएला क्यों ट्रंप के टारगेट पर आ गया? भारत पर क्या होगा इस कदम का असर

डोनाल्ड ट्रंप ने पहले ईरान पर प्रतिबंध लगाया जहां से भारत बड़ी मात्रा में तेल खरीदता था. प्रतिबंधों की वजह से भारत को ईरान से तेल खरीद बंद करनी पड़ी थी. अब ट्रंप ने भारत के एक और तेल आपूर्तिकर्ता वेनेजुएला पर टैरिफ लगा दिया है. इसके बाद भारतीय रिफाइनरों को या तो बहुत महंगा तेल खरीदना पड़ेगा या फिर कोई और विकल्प तलाशना होगा.

डोनाल्ड ट्रंप ने एक और टैरिफ बम फोड़ा है जिसका भारत पर भी असर होने वाला है (Photo- Reuters) डोनाल्ड ट्रंप ने एक और टैरिफ बम फोड़ा है जिसका भारत पर भी असर होने वाला है (Photo- Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 25 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 12:09 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को घोषणा की है कि वो उन सभी देशों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाएंगे जो वेनेजुएला से तेल और गैस खरीदते है. ट्रंप के इस कदम से भारत के एनर्जी सेक्टर को भारी नुकसान होने की संभावना है. ट्रंप ने वेनेजुएला को निशाना बनाने के लिए यह कदम उठाया है लेकिन इसका बुरा असर भारत, चीन जैसे देशों पर पड़ेगा क्योंकि ये देश वेनेजुएला से अच्छी-खासी मात्रा में तेल और गैस खरीदते हैं.

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जनवरी में व्हाइट हाउस में लौटने के बाद से ट्रंप ने आर्थिक और कूटनीतिक नीतियों को प्रभावित करने के मकसद से सहयोगियों और विरोधियों, दोनों पर टैरिफ लगाए हैं.

वेनेजुएला पर टैरिफ लगाने को लेकर उन्होंने अपने ट्रुथ सोशल नेटवर्क पर लिखा, 'वेनेजुएला अमेरिका और हमारी स्वतंत्रता के प्रति बहुत शत्रुतापूर्ण रहा है. इसलिए, कोई भी देश जो वेनेजुएला से तेल और गैस खरीदता है, उसे अमेरिका के साथ किसी तरह के व्यापार पर 25% का टैरिफ अदा करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा.'

ट्रंप ने कहा कि वेनेजुएला जानबूझकर अपराधियों को अमेरिका में भेजता है. उन्होंने साफ किया कि 25% टैरिफ अन्य टैरिफ के अतिरिक्त होगा.

समाचार एजेंसी एएफपी के मुताबिक, ट्रंप ने सोमवार को ही वेनेजुएला से तेल खरीद पर टैरिफ लगाने के एक आदेश पर हस्ताक्षर किया जिसके बाद वेनेजुएला से प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष, दोनों तरह की तेल, गैस खरीददारी पर 25% का टैरिफ लगेगा. टैरिफ 2 अप्रैल से लागू हो सकता है.

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वेनेजुएला का तेल अमेरिका, स्पेन, भारत और ब्लैक मार्केट में आता है. अमेरिका, स्पेन और भारत क्रमशः शेवरॉन कॉर्प, रेप्सोल एसए और रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड को दिए गए लाइसेंस के जरिए वेनेजुएला से तेल खरीदते हैं जबकि चीन ब्लैक मार्केट के जरिए वेनेजुएला से तेल खरीदता है.

भारत की सरकारी तेल रिफाइनरी कंपनियों ने हाल के महीनों में वेनेजुएला से तेल खरीदना काफी कम कर दिया है. वहीं, रिलायंस ने लगातार वेनेजुएला से तेल खरीदा है और उसे तेल पर काफी छूट भी मिली है. 

वेनेजुएला पर टैरिफ भारत को कैसे प्रभावित करेगा?

भारत वेनेजुएला के तेल के प्रमुख खरीदारों में से एक है, जिसने 2024 में 2.2 करोड़ बैरल तेल आयात किया है. जनवरी में, इसकी खरीद बढ़कर 254,000 बैरल प्रति दिन हो गई, दिसंबर 2023 में, आयात लगभग 191,600 बैरल प्रति दिन था जिसमें रिलायंस इंडस्ट्रीज ने 127,000 बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा था.

वेनेजुएला पर लगाए गए टैरिफ से भारतीय रिफाइनरों के लिए वेनेजुएला से तेल खरीदना महंगा हो सकता है और सप्लाई चेन में रुकावट आ सकती है.

अगर अमेरिका के टैरिफ से तेल की कीमतें बढ़ती हैं तो इससे भारत में महंगाई बढ़ सकती है जिससे परिवहन, मैन्यूफैक्चरिंग और समग्र आर्थिक विकास प्रभावित हो सकता है. दुनिया भर में युद्धों और ट्रंप के आने के बाद से भू-राजनीतिक अनिश्चितता बनी हुई है जिससे देखते हुए भारतीय रिफाइनर्स को आने वाले महीनों में व्यापार नीतियों और आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव की दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है.

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ट्रंप के आदेश में यह कहा गया है कि टैरिफ तब तक लागू रहेगा जब तक कोई देश कम से कम एक साल के लिए वेनेजुएला के तेल आयात को बंद नहीं कर देता. हालांकि, अमेरिका अगर चाहे तो अपने विवेक से इसे पहले भी रद्द कर सकता है.

इकोनॉमिक टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, वेनेजुएला के कच्चे तेल के सबसे बड़े खरीदार चीन ने फरवरी में लगभग 503,000 बैरल प्रतिदिन तेल खरीदा था जो कि वेनेजुएला के कुल निर्यात का 55% है. स्पेन, इटली और क्यूबा भी वेनेजुएला का तेल खरीदते हैं. अमेरिका खुद वेनेजुएला का तेल खरीदता है लेकिन अप्रैल की शुरुआत में वो वेनेजुएला से तेल खरीदना बंद कर सकता है.

वेनेजुएला पर टैरिफ के बाद भारतीय रिफाइनर्स को तेल खरीद की अपनी रणनीति में बदलाव करना पड़ सकता है.

रूस की तरफ मुड़ सकते हैं भारत के रिफाइनर्स

समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि भारत की सरकारी तेल कंपनियां इंडियन ऑयल कॉर्प और भारत पेट्रोलियम कॉर्प वेनेजुएला से कच्चे तेल की खरीद के लिए कम टेंडर जारी कर रही हैं क्योंकि रूसी तेल की आपूर्ति अब स्थिर होने लगी है. रूसी तेल पर लगे पश्चिमी प्रतिबंध ट्रंप के आने के बाद से नरम पड़ने लगे हैं और रूसी तेल बिना  प्रतिबंध वाले टैंकरों के जरिए भारत पहुंच रहा है.

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वेनेजुएला पर ट्रंप के टैरिफ के बाद भारतीय रिफाइनर्स रूसी कच्चे तेल के आयात को बढ़ाने पर विचार कर सकते हैं. 

ईरानी तेल पर प्रतिबंध से भी भारत हुआ था प्रभावित

भारत पहले ईरान से काफी मात्रा में तेल खरीदता था. ईरान से तेल खरीदना भारत को कम दूरी की वजह से काफी सस्ता पड़ता था लेकिन ईरान के परमाणु प्रोग्राम को लेकर उस पर कई तरह के प्रतिबंध लगा दिए गए थे. ईरान के तेल पर भी प्रतिबंध लगा जिसका असर भारत पर हुआ.

भारत को ईरान से तेल खरीद काफी कम करनी पड़ी और 2023 के बाद से ईरान से भारत के तेल खरीद का कोई डेटा उपलब्ध नहीं है. संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय व्यापार पर COMTRADE डेटाबेस के मुताबिक, 2023 में भारत ने ईरान से 1.02 अरब डॉलर का कच्चा तेल खरीदा था.

वर्तमान में भारत ईरान से न के बराबर तेल खरीदता है. ईरानी तेल पर प्रतिबंध के बाद अब वेनेजुएला के तेल पर टैरिफ से भारतीय रिफाइनरों को एक बार फिर काफी दिक्कतें होने वाली हैं.

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