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रिश्तों का बैलेंस या सच्ची दोस्ती? कमला हैरिस और बाइडेन के बाद ट्रंप से क्यों मिले नेतन्याहू

ट्रंप से पहले नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की थी. ट्रंप से मिलने के लिए नेतन्याहू उनके फ्लोरिडा स्थित बंगले मार-ए-लागो पहुंचे थे. इस दौरान ट्रंप ने नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा को बधाई दी और कमला हैरिस की आलोचना की. 

डोनाल्ड ट्रंप और नेतन्याहू डोनाल्ड ट्रंप और नेतन्याहू
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 27 जुलाई 2024,
  • अपडेटेड 6:18 AM IST

हमास से जारी जंग के बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू अमेरिका के दौरे पर हैं. इस दौरान उन्होंने पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मुलाकात की. बातचीत के बाद ट्रंप ने कहा कि नेतन्याहू के साथ उनके रिश्ते हमेशा गर्मजोशी भरे रहे हैं. वहीं, नेतन्याहू ने गाजा में सीजफायर की बातचीत आगे बढ़ने की उम्मीद जताई. 

ट्रंप से पहले नेतन्याहू ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और उपराष्ट्रपति कमला हैरिस से मुलाकात की थी. ट्रंप से मिलने के लिए नेतन्याहू उनके फ्लोरिडा स्थित बंगले मार-ए-लागो पहुंचे थे. इस दौरान ट्रंप ने नेतन्याहू और उनकी पत्नी सारा को बधाई दी और कमला हैरिस की आलोचना की. 

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गाजा में ऑपरेशन के बाद जब-जब ट्रंप ने इजरायली नेताओं से मुलाकात की है, तब-तब कमला हैरिस ने उनकी आलोचना की थी. नेतन्याहू से मुलाकात के दौरान कमला हैरिस की आलोचना करते हुए ट्रंप ने कहा, 'मुझे लगता है कि उनकी टिप्पणियां अपमानजनक थीं.' वहीं, नेतन्याहू ने कहा कि उनकी अमेरिकी यात्रा से सीजफायर पर जल्द समझौता हो जाएगा. इस पर ट्रंप ने कहा कि ये तो आने वाला समय ही बताएगा.

मीडिया से बात करते हुए ट्रंप ने नेतन्याहू के साथ किसी भी तरह के टेंशन की बात को भी खारिज कर दिया. ट्रंप ने कहा कि 'हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं.' इस दौरान ट्रंप ने अपने राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से येरूशलम में शिफ्ट करने और ईरान के साथ अंतर्राष्ट्रीय परमाणु समझौते से बाहर निकलने के फैसले का भी जिक्र किया.

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दोनों के रिश्तों में थोड़ी खटास तब आ गई थी, जब 2020 के राष्ट्रपति चुनावों में बाइडेन को जीतने पर नेतन्याहू बधाई दी थी. वहीं, ट्रंप भी पिछले कई मौकों पर इजरायली इंटेलिजेंस की आलोचना करते रहे हैं और दावा करते रहे हैं कि इसी कारण 7 अक्टूबर को हमास हमला कर पाया था.

हालांकि, माना जा रहा है कि व्हाइट हाउस की रेस में अब कमला हैरिस और ट्रंप के बीच करीबी मुकाबला होता दिख रहा है, इसलिए नेतन्याहू जैसे वैश्विक नेता अब बाइडेन के साथ-साथ ट्रंप के साथ भी रिश्ते बनाकर बैलेंस रखने की कोशिश कर रहे हैं.

हैरिस ने कहा था- मैं चुप नहीं रहूंगी

इसी हफ्ते नेतन्याहू के साथ मुलाकात के बाद कमला हैरिस ने गाजा युद्ध पर अपना स्टैंड क्लियर कर दिया था. उन्होंने कहा था, 'मैंने वहां की गंभीर मानवीय स्थिति पर अपनी चिंता स्पष्ट कर दी है. मैं चुप नहीं रहूंगी.' उन्होंने कहा था कि इजरायल को अपनी रक्षा करने का अधिकार है, लेकिन वो ये कैसे करता है, ये मायने रखता है.

एक इजरायली अधिकारी ने कहा कि उम्मीद की जानी चाहिए कि हमास कमला हैरिस के बयान का गलत अर्थ न निकाले और इसे अमेरिका और इजरायल बीच बढ़ती दूरी न समझे, क्योंकि इससे सीजफायर समझौता अटक सकता है. 

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बुधवार को जब नेतन्याहू ने अमेरिकी कांग्रेस में भाषण दिया था, तब डेमोक्रेटिक पार्टी के दर्जनभर सांसदों ने इसका बायकॉट कर दिया था. भाषण में नेतन्याहू ने इजरायल का सपोर्ट करने के लिए बाइडेन की तारीफ की थी. हालांकि, इसी भाषण में उन्होंने ट्रंप की भी तारीफ की, क्योंकि उन्होंने अमेरिकी दूतावास को तेल अवीव से येरूशलम शिफ्ट करने का फैसला लिया था. उन्होंने ट्रंप के कार्यकाल में हुए अब्राहम समझौते का भी जिक्र किया था. इस समझौते के तहत इजरायल के बहरीन और संयुक्त अरब अमीरात के साथ द्विपक्षीय संबंध सामान्य हो सके.

7 अक्टूबर से जारी है इजरायल-हमास जंग

इजरायल और हमास के बीच पिछले साल 7 अक्टूबर से जंग शुरू हुई थी. 7 अक्टूबर को हमास के लड़ाकों ने इजरायल में घुसकर 1,200 नागरिकों की हत्या कर दी थी और 250 लोगों को बंधक बना लिया था. अब भी 115 लोग हमास के कब्जे में है. वहीं, इजरायल का मानना है कि इस जंग में हमास और उसके सहयोगियों के 14 हजार लड़ाके मारे जा चुके हैं.

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