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इजरायल को मिलिट्री सपोर्ट, यूक्रेन को लाल झंडी... आखिर क्या है डोनाल्ड ट्रंप की रणनीति?

अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर इजरायल और यूक्रेन के प्रति उनकी अलग-अलग नीतियों के लिए भारी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है. जहां इजरायल के साथ उनके घनिष्ठ संबंध साफ नजर आते हैं, वहीं यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की से उनके रिश्ते तनावपूर्ण हैं. दोनों देशों के प्रति अमेरिका की नीति में विरोधाभास पर सवाल उठ रहे हैं.

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aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 03 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 9:16 PM IST

अमेरिका पर दोहरी नीति अपनाने के आरोप लग रहे हैं. डोनाल्ड ट्रंप जहां एक तरफ व्हाइट हाउस में यूक्रेन राष्ट्रपति व्लोदिमीर के साथ नोंकझोंक करते नजर आते हैं, तो वहीं इजरायल के साथ उनकी करीबी भी दिलचस्प है. दोनों देशों के प्रति डोनाल्ड ट्रंप और अमेरिका की नीति काफी भिन्न हैं. 

राष्ट्रपति ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका ने हमास के खिलाफ युद्ध में इजरायल को सैन्य सहायता पहुंचाने में तेजी लाने की तमाम कोशिशें की हैं, लेकिन सुरक्षा गारंटी के बदले में यूक्रेन के साथ लेन-देन का तरीका अपनाया है. व्हाइट हाउस में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और जेलेंस्की के साथ ट्रंप के व्यवहार में अमेरिकी नजरिए में अंतर स्पष्ट रूप से नजर आया.

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डोनाल्ड ट्रंप और बेंजामिन नेतन्याहू की मुलाकात!

नेतन्याहू, ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में उनसे मिलने वाले पहले विदेशी नेता रहे. उनकी यात्रा के दौरान, नेताओं के बीच की दोस्ती साफ झलक रही थी. ट्रंप ने अमेरिका-इजरायल संबंधों को "अटूट" बंधन बताया था, वहीं नेतन्याहू ने ट्रंप को "व्हाइट हाउस में इजरायल का अब तक का सबसे बड़ा दोस्त" बताया था.

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इनके अलावा डोनाल्ड ट्रंप का गाजा को कब्जाने और इसे मिडिल ईस्ट का रिवेरा बनाने जैसा प्रस्ताव नेतन्याहू की कान में एक म्यूजिक के अलावा और कुछ नहीं था. ट्रंप ने अपने इस ऐलान के बाद अपने दावे को और मजबूती देने के लिए एक एआई वीडियो भी शेयर किया, जिसमें देखा गाजा तट पर ऊंची-ऊंची बिल्डिंग, बिकनी में डांसर्स, समुद्र तट पर डांस करते हुए एलन मस्क और ट्रंप-नेत्याहू को ड्रिंक लेते हुए देखा गया था.

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डोनाल्ड ट्रंप ने 20 जनवरी को कुर्सी संभालने के बाद इजरायल के लिए 12 अरब डालर की आर्म्स डील अप्रूव कर चुके हैं. इसमें 4 अरब डॉलर की सैन्य सहायता की फास्ट-ट्रैकिंग शामिल है, जिसे अमेरिकी विदेश मंत्री ने एक इमरजेंसी अथोरिटी के साथ अप्रूव किया, जिसमें कांग्रेस द्वारा समीक्षा को भी नजरअंदाज कर दिया गया. हमास के साथ अस्थिर युद्धविराम के बीच ट्रंप ने ईरान पर भी दबाव बनाने की बात दोहराई, जो इजरायल के लिए किसी गिफ्ट की टोकरी से कम नहीं है.

नेतन्याहू ने सोमवार को एक लंबी पोस्ट में ट्रंप के प्रति आभार जताया, क्योंकि उन्होंने पिछली सरकार द्वारा रोके गए हथियारों को भी अप्रूव किया है. एक्स पर एक वीडियो संदेश में नेतन्याहू ने कहा, "उन्होंने (ट्रंप ने) इजरायल का पूरा समर्थन करके और बंधकों को रिहा करने के लिए दबाव डालकर अपनी दोस्ती दिखाई है, जहां यह वास्तव में होना चाहिए - हमास पर... इजरायल जानता है कि अमेरिका और राष्ट्रपति ट्रंप हमारे साथ हैं."

डोनाल्ड ट्रंप और व्लोदिमीर जेलेंस्की के बीच तनाव

एक तरफ जहां अमेरिका इजरायल के प्रति अपनी इतनी गहरी दोस्ती जाहिर करता है, वहीं यूक्रेन के प्रति उसकी दोहरी नीति साफ नजर आती है. मसलन, नेतन्याहू ट्रंप को इजरायल का "सबसे बड़ा दोस्त" बताया और एक बार फिर वीडियो के जरिए उन्हों ट्रंप को तीन बार धन्यवाद भी कहा. दूसरी तरफ व्हाइट हाउस के ओवल आफिस में प्रेस के सामने उप राष्ट्रपति जेडी वेन्स जेलेंस्की पर कई आरोप लगा देते हैं. बाद में जेलेंस्की भी भड़क गए और बात बिगड़ गई, लेकिन बात यहीं खत्म नहीं हुई.

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जेडी वेन्स ने जेलेंस्की पर आरोप लगाया था कि उन्होंने एक बार भी अमेरिका का धन्यवाद नहीं किया. मसलन, उन्होंने जेलेंस्की से पूछा था, "क्या आपने एक बार भी धन्यवाद कहा है?" इसके जवाब में जेलेंस्की ने नाराजगी के साथ कहा था, "बहुत बार." बस क्या था, इसके बाद ट्रंप ने अपनी जुबान से कई गंभीर आरोप लगाए और यहां तक कि उन्हें व्हाइट हाउस से भी निकाल दिया.

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ओवल आफिस में फिर देखा गया था कि ट्रंप और जेलेंस्की आपस में उलढ गए थे, और यहां तक ट्रंप ने जेलेंस्की से यह भी कह दिया कि "आप तीसरे विश्व युद्ध का जुआ खेल रहे हैं." ट्रंप ने इसके साथ ही उनसे तीन साल पुराने युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस के साथ समझौता करने की अपील की.

गौरतलब है कि, जेलेंस्की ट्रंप के साथ उस मिनरल डील पर साइन करने के लिए पहुंचे थे, जिसके बदले उसे न तो कोई श्योरिटी मिल रही थी और ना ही सिक्योरिटी, लेकिन वाद-विवाद के बाद जेलेंस्की को व्हाइट हाउस से जाना पड़ा. आसान भाषा में कहें तो ट्रंप के कार्यकाल में अमेरिका-इजरायल के संबंध मधुर और सौहार्दपूर्ण रहे हैं, तो जेलेंस्की के साथ उनके रिश्ते तनावपूर्ण और ताने वाले रहे हैं.

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अपने राष्ट्रपति काल के 1.5 महीनों में, ट्रंप ने जेलेंस्की को "कमेडियन" और "बिना चुनाव के तानाशाह" कहकर उनकी आलोचना की, क्योंकि उन्होंने अमेरिका को "ऐसे युद्ध में जाने के लिए अरबों डॉलर खर्च करने के लिए मजबूर किया है, जिसे जीता नहीं जा सकता." उन्होंने युद्ध को समाप्त करने के लिए रूस और अमेरिका के बीच होने वाली वार्ता से यूक्रेन को बाहर रखने की भी कोशिश की है.
 

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