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सीक्रेट डॉक्यूमेंट्स मामले में जेल जाने की आई नौबत, क्या राष्ट्रपति चुनाव में उतर पाएंगे ट्रम्प?

पिछले साल अगस्त में डोनाल्ड ट्रम्प के यहां FBI के छापे पड़े थे. इस दौरान उनके घर से 100 से ज्यादा क्लासिफाइड डॉक्यूमेंट मिले थे. इस मामले में अब उनके खिलाफ आरोप तय हो गए हैं. ट्रम्प पर जो आरोप लगे हैं, उनमें अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.  

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (फाइल फोटो- पीटीआई) अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प (फाइल फोटो- पीटीआई)
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 09 जून 2023,
  • अपडेटेड 2:16 PM IST

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प पर व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद गोपनीय दस्तावेजों (क्लासिफाइड) रखने के आरोप तय हो गए हैं. अमेरिकी मीडिया के मुताबिक, 76 साल के ट्रम्प पर गोपनीय फाइलों को अनाधिकृत तौर पर रखने समेत 7 आरोप हैं. खास बात ये है कि ट्रम्प पर जो आरोप लगे हैं, उनमें अधिकतम 10 साल तक की सजा का प्रावधान है.  

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ट्रम्प जहां एक ओर 2024 में व्हाइट हाउस में वापसी के लिए प्रचार में जुटे हैं. तो वहीं दूसरी ओर इस केस में उनकी मुसीबतें बढ़ सकती हैं. उधर, ट्रम्प ने गुरुवार को कहा कि वे निर्दोष हैं. उन्हें मंगलवार को फ्लोरिडा में एक संघीय अदालत में पेश होने के लिए बुलाया गया है, जहां उनकी गिरफ्तारी हो सकती है और उनके खिलाफ आरोपों पर सुनवाई की जाएगी. उन्होंने कहा, मैंने कभी नहीं सोचा था कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति के साथ ऐसा हो सकता है. 

ट्रम्प के वकील जिम ट्रस्टी ने मीडिया से बातचीत में कहा, पूर्व राष्ट्रपति को भेजे गए समन में आरोपों के बारे में जानकारी दी गई है. उन्होंने बताया कि ट्रम्प पर जासूसी अधिनियम के तहत साजिश, झूठे बयान, न्याय में बाधा और अवैध रूप से क्लासिफाइड दस्तावेजों को बनाए रखने के आरोप तय हुए हैं. 

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ट्रम्प के घर पर मिले थे 100 क्लासिफाइड दस्तावेज

पिछले साल डोनाल्ड ट्रम्प के फ्लोरिडा स्थित मार ए लागो रिसॉर्ट पर FBI ने रेड डाली दी थी. इस दौरान करीब 11000 दस्तावेज सीज किए गए थे. इनमें करीब 100 क्लासिफाइड दस्तावेज थे. इनमें से कुछ टॉप सीक्रेट बताए गए थे. इतना ही नहीं जांच एजेंसियों ने दावा किया था कि उन्हें ट्रम्प की एक रिकॉर्डिंग मिली है, जिसमें उन्होंने जनवरी 2021 में व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद क्लासिफाइड दस्तावेज रखने की बात स्वीकार की थी. अमेरिका में राष्ट्रपति समेत किसी भी अधिकारी द्वारा अनधिकृत स्थान पर क्लासिफाइड दस्तावेज रखना अमेरिकी कानून के खिलाफ है. ऐसे में ट्रम्प पर सरकारी सीक्रेट को अवैध रूप से रखने, न्याय में बाधा डालने और साजिश रचने का भी आरोप है. 

क्या होते हैं Classified documents?

द वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्ट के मुताबिक, गोपनीय दस्तावेज (Classified documents) उन्हें कहा जाता है, जिनमें संवेदनशील जानकारी हो और इनके सबके सामने आने से अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या विदेशी संबंधों को नुकसान पहुंचने के खतरे की आशंका रहती है. दूसरे विश्व युद्ध के बाद से अमेरिका में इस तरह से गोपनीय दस्तावेज संरक्षित किए जा रहे हैं. गोपनीय जानकारी में कागजी दस्तावेज, ईमेल, फोटोग्राफ, मानचित्र, चित्र, डेटाबेस और हार्ड ड्राइव शामिल हो सकते हैं. माध्यम चाहे जो भी हो, लेकिन ये जानकारी अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए काफी अहम मानी जाती है. इन दस्तावेजों तक सिर्फ अधिकृत अधिकारियों की पहुंच होती है. अमेरिका में इन्हें तीन श्रेणियों में रखा गया है.

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1- कॉन्फिडेंशियल- Classified documents की यह सबसे निचली श्रेणी है. माना जाता है कि इन सूचनाओं के बाहर आने से राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंच सकता है. हालांकि, 
सरकारी कर्मचारियों समेत हजारों लोगों की पहुंच इस जानकारी तक होती है. इसमें स्टेट डिपार्टमेंट या किसी विदेशी सरकार द्वारा प्रदान की गई जानकारी शामिल हो सकती है. हालांकि, भले ही इसमें अत्यधिक संवेदनशील जानकारी शामिल नहीं होती. 

2- सीक्रेट- कॉन्फिडेंशियल से ज्यादा संवेदनशील जानकारी सीक्रेट में रखी जाती है. इसमें ऐसी जानकारी होती है, जिसके लीक होने पर राष्ट्रीय सुरक्षा को गंभीर खतरा पहुंचने की आशंका रहती है. इसमें  अमेरिकी खुफिया एजेंसी का बजट जैसी जानकारियां शामिल होती हैं. 

3- टॉप सीक्रेट-  टॉप सीक्रेट Classified documents में अमेरिकी खुफिया जानकारियां शामिल होती हैं. इसमें सबसे संवेदनशील जानकारी रखी जाती है. ऐसे में इसतक सिर्फ सीमित लोगों की ही पहुंच होती है. इसमें गुप्त सोर्स से मिली जानकारी को खुफिया तरीके से सुरक्षित रखा जाता है. इतना ही नहीं अगर ये जानकारियां लीक होती हैं, तो न सिर्फ अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा की आशंका रहती है, बल्कि व्यक्तिगत स्रोत भी खतरे में पड़ सकते हैं. 

गोपनीय दस्तावेज के मामले में क्या हो सकती है कार्रवाई?

अमेरिका में जासूसी अधिनियम समेत कई ऐसे कानून हैं, जिनके तहत Classified documents को हटाना, नष्ट करना, या खुलासा करना अपराध की श्रेणी में आता है. अमेरिका में इन मामलों में दोषी पाए जाने पर 3 साल से 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. 

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क्या 2024 में चुनाव नहीं लड़ पाएंगे ट्रम्प?

जानकारों का कहना है कि सिर्फ आरोप तय होने से उनकी राष्ट्रपति पद के लिए उम्मीदवारी पर असर नहीं पड़ेगा. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जॉर्जटाउन यूनिवर्सिटी लॉ सेंटर के प्रोफेसर डेविड सुपर ने बताया कि ट्रम्प चाहें कितनी बार आरोपित हो जाएं, लेकिन इससे उनकी उम्मीदवारी को कोई नुकसान नहीं पहुंचेगा. यहां तक  Classified documents के मामले में उन्हें सजा भी हो जाए, तब भी वे राष्ट्रपति पद का चुनाव लड़ पाएंगे. 

 

 

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