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'ये मनमाना और तानाशाही फैसला...' 'वॉयस ऑफ अमेरिका' मामले पर ट्रंप को झटका, कोर्ट ने कहा- बंद नहीं कर सकते फंडिंग

जज जेम्स पॉल ओटकेन ने यूएस एजेंसी फॉर ग्लोबल मीडिया, जो वॉयस ऑफ अमेरिका का संचालन करती है, को 1,200 से अधिक पत्रकारों, इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों को बर्खास्त करने से रोक दिया. इन कर्मचारियों को दो हफ्ते पहले उस समय बाहर कर दिया गया था, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी फंडिंग में कटौती करने का आदेश दिया था.

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप
aajtak.in
  • वॉशिंगटन,
  • 29 मार्च 2025,
  • अपडेटेड 7:50 AM IST

न्यूयॉर्क की एक संघीय अदालत ने शुक्रवार को ट्रंप प्रशासन द्वारा 'वॉयस ऑफ अमेरिका' (VOA) और इससे जुड़े अन्य समाचार प्रसारण संगठनों को बंद करने की कोशिशों पर रोक लगा दी. अदालत ने इसे 'मनमाने और तानाशाहीपूर्ण फैसले' का एक स्पष्ट उदाहरण बताया.

जज जेम्स पॉल ओटकेन ने यूएस एजेंसी फॉर ग्लोबल मीडिया, जो वॉयस ऑफ अमेरिका का संचालन करती है, को 1,200 से अधिक पत्रकारों, इंजीनियरों और अन्य कर्मचारियों को बर्खास्त करने से रोक दिया. इन कर्मचारियों को दो हफ्ते पहले उस समय बाहर कर दिया गया था, जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इसकी फंडिंग में कटौती करने का आदेश दिया था.

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छंटनी या सैलरी काटने पर रोक

जज ओटकेन ने एक अस्थायी प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किया, जिसमें एजेंसी को कर्मचारियों या कॉन्ट्रैक्टर्स को बर्खास्त करने, संख्या कम करने या छुट्टी पर भेजने से रोका गया है. इसके अलावा, उन्होंने एजेंसी को किसी भी ऑफिस को बंद करने या विदेशी कर्मचारियों को जबरन अमेरिका लौटने के लिए बाध्य करने से भी प्रतिबंधित कर दिया.

जारी रखनी होगी फंडिंग
 
आदेश में यूएस एजेंसी फॉर ग्लोबल मीडिया को अपनी अन्य प्रसारण सेवाओं, जिनमें रेडियो फ्री यूरोप/रेडियो लिबर्टी, रेडियो फ्री एशिया और रेडियो फ्री अफगानिस्तान शामिल हैं, की अनुदान राशि समाप्त करने से भी रोक दिया गया है. एजेंसी ने गुरुवार को कहा कि वाशिंगटन, डी.सी. के एक न्यायाधीश के आदेश के बाद वह रेडियो फ्री यूरोप की फंडिंग बहाल कर रही है.

मुकदमे में पत्रकारों का प्रतिनिधित्व कर रहे वकील एंड्रयू जी. सेली जूनियर ने कहा, 'यह प्रेस स्वतंत्रता और पहले संशोधन की एक निर्णायक जीत है, और ट्रंप प्रशासन की हमारे लोकतंत्र को परिभाषित करने वाले सिद्धांतों की पूरी तरह से अनदेखी करने पर कड़ा प्रहार है.'

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