'हम ईरान से कर रहे हैं सीधी बातचीत', न्यूक्लियर प्रोग्राम पर बोले डोनाल्ड ट्रंप

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ वार्ता के दौरान ओवल ऑफिस में मीडिया से कहा, 'हम ईरान के साथ सीधी बातचीत कर रहे हैं और ये बातचीत शुरू हो गई है. यह शनिवार को होगी. हमारी एक बहुत बड़ी बैठक है और हम देखेंगे कि क्या हो सकता है.'

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो) अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप. (फाइल फोटो)

aajtak.in

  • वाशिंगटन,
  • 08 अप्रैल 2025,
  • अपडेटेड 4:13 AM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को घोषणा की कि अमेरिका और ईरान ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर सीधी चर्चा शुरू कर दी है. ट्रंप ने ये जानकारी ईरान द्वारा सीधी बातचीत में शामिल होने से इनकार करने के बाद दी है.

ट्रंप ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ वार्ता के दौरान ओवल ऑफिस में मीडिया से कहा, 'हम ईरान के साथ सीधी बातचीत कर रहे हैं और ये बातचीत शुरू हो गई है. यह शनिवार को होगी. हमारी एक बहुत बड़ी बैठक है और हम देखेंगे कि क्या हो सकता है.'

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'बेहतर होगा समझौता करना'

ट्रंप ने कहा कि ईरान के साथ शनिवार को होने वाली वार्ता बहुत उच्च स्तर पर होगी. मुझे उम्मीद है. हर कोई इस बात पर सहमत होगा कि समझौता करना बेहतर होगा. हालांकि, उन्होंने इस वार्ता के बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया. और संभावना जताई कि वार्ता में समझौता हो सकता है.

ईरान के लिए होगा बुरा दिन

वहीं, ट्रंप ने सोमवार को ओवल ऑफिस में कहा, 'ईरान के पास परमाणु हथियार नहीं हो सकता और यदि वार्ता सफल नहीं होती है तो मुझे लगता है कि ये ईरान के लिए बहुत बुरा दिन होगा.'

अमेरिका-ईरान तनाव

दरअसल, 5 मार्च को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने अयातुल्ला खामेनेई को एक पत्र भेजा, जिसमें बातचीत का अपील करते हुए सैन्य कार्रवाई के परिणामों की चेतावनी दी गई थी.

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एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, 'मैंने उन्हें एक पत्र लिखा है, जिसमें कहा है, 'मुझे उम्मीद है कि आप बातचीत करेंगे क्योंकि अगर हमें सैन्य रूप से आगे बढ़ना पड़ा तो यह एक खतरनाक स्थिति होगी. तब से ट्रंप ने प्रतिबंधों को कड़ा कर दिया है और ईरान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर अमेरिका या इजरायल द्वारा संभावित सैन्य हमलों का संकेत दिया है, जबकि कूटनीतिक वार्ता की वकालत करना जारी रखा है.'

ईरान ने खारिज किया अमेरिका का प्रस्ताव

वहीं, ईरानी राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन ने तेहरान के परमाणु कार्यक्रम पर अमेरिका के साथ सीधी बातचीत को खारिज कर दिया. 

कैबिनेट मीटिंग के दौरान दिए गए बयान में पेजेशकियन ने कहा, "हम बातचीत से नहीं बचते. ये वादाखिलाफी है, जिसकी वजह से अब तक हमारे लिए समस्याएं पैदा हुई हैं. उन्हें ये साबित करना होगा कि वे भरोसा कायम कर सकते हैं."

ईरान ने लंबे वक्त से कहा है कि उसका कार्यक्रम शांतिपूर्ण उद्देश्यों के लिए है, भले ही उसके अधिकारी लगातार बम बनाने की धमकी दे रहे हों. मूल 2015 परमाणु समझौते के तहत ईरान को 3.67% शुद्धता तक यूरेनियम को समृद्ध करने और 300 किलोग्राम (661 पाउंड) का यूरेनियम भंडार बनाए रखने की अनुमति थी.

ईरान के कार्यक्रम पर अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी की अंतिम रिपोर्ट में उसके भंडार को 8,294.4 किलोग्राम (18,286 पाउंड) बताया गया है, क्योंकि वह इसके एक अंश को 60% शुद्धता तक समृद्ध करता है.

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क्या कहती है खुफिया एजेंसी

अमेरिकी खुफिया एजेंसियों का आकलन है कि ईरान ने अभी तक कोई हथियार कार्यक्रम शुरू नहीं किया है, फिर भी उसने ऐसी एक्टिविटी शुरू कर दी हैं जो उसे परमाणु हथियार विकसित करने के करीब ले जाएंगी.

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