
कल है 2 अप्रैल... वह तारीख जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रेसिप्रोकल टैरिफ कई देशों की धड़कनें बढ़ा देगा. इनमें भारत भी है. ट्रंप पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि वह दो अप्रैल से भारत पर भी रेसिप्रोकल टैरिफ लगाएंगे. ट्रंप ने इस दिन को लिबरेशन डे के तौर पर मनाने की बात भी कही है.
ट्रंप का मानना है कि टैरिफ की मदद से अमेरिका का व्यापार घाटा कम किया जा सकता है. लेकिन एक सच्चाई ये भी है कि टैरिफ की वजह से अमेरिका में महंगाई बढ़ सकती है. वह इससे पहले ही अमेरिका में इंपोर्ट होने वाली कारों और ऑटो पार्ट्स पर 25 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं. इससे अमेरिका में विदेशी कारों की कीमतें महंगी हो सकती हैं. रेसिप्रोकल टैरिफ का मतलब है जैसे को तैसा. यानी जो देश जितना टैरिफ अमेरिकी इंपोर्ट पर लगाता है, उतना ही टैरिफ उसके इंपोर्ट पर भी लगेगा.
इस रेसिप्रोकल टैरिफ से वे देश प्रभावित होंगे जो अमेरिकी उत्पादों पर अधिक टैरिफ लगाते हैं. अमेरिका अब इन देशों से इंपोर्ट होने वाले सामान पर समान शुल्क लगाएगा, जिससे वैश्विक व्यापार संतुलन प्रभावित हो सकता है. नए टैरिफ से अंतरराष्ट्रीय सप्लाई चेन बाधित हो सकती हैं, जिससे विभिन्न उद्योगों में उत्पादन और वितरण पर असर पड़ सकता है.
लेकिन भारत पर टैरिफ क्यों?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की दोस्ती जगजाहिर है. दोनों एक-दूसरे को अच्छा दोस्त बताते हैं. हाउडी मोदी और नमस्ते ट्रंप रैलियों को इसका सशक्त उदाहरण भी बताया जाता है. लेकिन ट्रंप कई मौकों पर भारत को टैरिफ किंग बता चुके हैं. ट्रंप का कहना है कि भारत बहुत अधिक टैरिफ लगाता है यह बहुत Brutal है. ऐसे में ट्रंप अब भारत पर रेसिप्रोकल टैरिफ लगाने की तैयारी कर रहे हैं.
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन (WTO) के आंकड़ों की माने तो भारत में औसत टैरिफ सबसे ज्यादा है. भारत में औसत टैरिफ 17 फीसदी तो अमेरिका में 3.3 फीसदी ही है. ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) की रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका से आने वाले खाने-पीने के सामान, मांस और प्रोसेस्ड फूड पर भारत में 37.66 फीसदी टैरिफ लगता है, जबकि इन्हीं सामानों पर भारत को अमेरिका में 5.29 फीसदी टैरिफ देना पड़ता है.
ऑटोमोबाइल पर भारत 24.14 फीसदी तो अमेरिका 1.05 फीसदी टैरिफ लगाता है. शराब पर भारत 124.58 फीसदी तो अमेरिका 2.49 फीसदी टैरिफ वसूलता है. सिगरेट और तंबाकू पर अमेरिका में 201.15 फीसदी तो भारत में 33 फीसदी टैरिफ लगता है.
अमेरिका उन देशों पर इंपोर्ट शुल्क बढ़ा सकता है, जिनके साथ उसका व्यापार घाटा है. ट्रंप का दावा है कि अमेरिका बहुत कम शुल्क लगाता है, जबकि अन्य देश अमेरिकी वस्तुओं पर ज्यादा उशल्क और व्यापारिक प्रतिबंध लगाते हैं. मौजूदा समय में भारतीय कृषि उत्पादों पर अमेरिका 5.3 फीसदी टैरिफ लगाता है जबकि भारत, अमेरिकी कृषि उत्पादों पर 37.7 फीसदी टैरिफ लगाता है. इस तरह यह अंतर 32.4 फीसदी का है.
रेसिप्रोकल टैरिफ से सबसे ज्यादा असर कहां होगा?
दो अप्रैल से लगने जा रहे ट्रंप के रेसिप्रोकल टैरिफ का सबसे ज्यादा असर दवाओं पर पड़ेगा. भारत से अमेरिका में सस्ती दवाएं जाती हैं. भारत से अमेरिका 12 अरब डॉलर से ज्यादा की दवाएं और फार्मा प्रोडक्ट्स लेता है. अभी अमेरिका में फार्मा प्रोडक्ट्स पर 1.06 फीसदी जबकि भारत में 9.68 फीसदी टैरिफ लगाया जाता है.
रेसिप्रोकल टैरिफ से अमेरिका को क्या फायदा?
ट्रंप का मानना है कि टैरिफ की मदद से अमेरिका का व्यापार घाटा कम किया जा सकता है. व्यापार घाटा उस स्थिति को कहा जाता है जब कोई देश किसी दूसरे देश से आयात ज्यादा करता है लेकिन निर्यात कम करता है. भारत और अमेरिका के बीच करीब 45 अरब डॉलर का व्यापार घाटा है.
वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक, भारत से 73.7 अरब डॉलर का निर्यात जबकि अमेरिका से 39.1 अरब डॉलर का आयात होता है. हालांकि, लेकिन अमेरिकी सरकार के आंकड़े बताते हैं कि भारत से 91.2 अरब डॉलर का निर्यात तो 34.3 अरब डॉलर का आयात होता है.