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'यूक्रेन किसी दिन रूस का...', ट्रंप ने कह दी बड़ी बात, पुतिन के प्रवक्ता का भी आया जवाब

यूक्रेन को लेकर अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का रवैया जो बाइडेन की पिछली सरकार से बिल्कुल अलग है. बाइडेन प्रशासन बिना शर्त रूस के खिलाफ यूक्रेन की मदद कर रहा था लेकिन ट्रंप ने साफ कह दिया है कि अमेरिका यूक्रेन की मदद तभी करेगा जब वो उसे आर्थिक मदद के बराबर रेयर अर्थ एलिमेंट्स उपलब्ध कराएगा.

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका पहले की तरह यूक्रेन की मदद नहीं करेगा (Photo- Reuters) डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि अमेरिका पहले की तरह यूक्रेन की मदद नहीं करेगा (Photo- Reuters)
aajtak.in
  • नई दिल्ली,
  • 11 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 4:15 PM IST

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सत्ता में दोबारा आते ही अपने बयानों और कामों से दुनियाभर में हलचल मचा दी है. जो बाइडेन जहां रूस के खिलाफ यूक्रेन को बिना शर्त धड़ल्ले से मदद कर रहे थे, वहीं, अब ट्रंप ने कहा है कि यूक्रेन किसी दिन रूस का हो सकता है. राष्ट्रपति ट्रंप ने यह भी कहा है कि अमेरिका ने युद्ध के दौरान यूक्रेन की जितनी मदद की है, उसे वापस लेने में नहीं हिचकिचाएगा. 

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वोलोदिमीर जेलेंस्की को धमकी क्यों दे रहे ट्रंप?

अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के ये बयान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की के लिए धमकी हैं कि अगर वो ट्रंप की बात नहीं मानते तो अमेरिका यूक्रेन को मदद देना बंद कर देगा. उनका साफ कहना है कि अमेरिकी मदद के बिना यूक्रेन कमजोर पड़ जाएगा और रूस उसे अपने में मिला सकता है.

ट्रंप की नजर यूक्रेन के दुर्लभ मृदा खनिजों (Rare Earth Elements) पर है जिनका इस्तेमाल इलेक्ट्रॉनिक्स, ऊर्जा और रक्षा क्षेत्रों में होता है. ट्रंप चाहते हैं कि अमेरिका जितनी मात्रा में यूक्रेन की आर्थिक मदद कर रहा है, यूक्रेन उतनी ही मात्रा में दुर्लभ मृदा खनिज उपलब्ध कराए.

फॉक्स न्यूज के साथ एक इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा, 'रेयर अर्थ, तेल और गैस की बात करें तो, उनके पास (यूक्रेन के पास) इसका मूल्यवान खजाना है. मैं चाहता हूं कि हमारा पैसा सुरक्षित रहे क्योंकि हम करोड़ों डॉलर खर्च कर रहे हैं. वो (यूक्रेन) हमारे साथ चाहे तो एक समझौता कर सकता है या फिर अगर नहीं चाहता तो कोई बात नहीं. वो किसी दिन रूस में मिल जाएगा या फिर नहीं भी मिलेगा लेकिन हमारा पैसा वहां जा रहा है... मैं अपना पैसा वापस चाहता हूं.'

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ट्रंप ने आगे कहा, 'मैंने उनसे (यूक्रेन से) कहा है कि मैं बराबरी चाहता हूं... वो हमें 500 अरब डॉलर का रेयर अर्थ दे दें. यूक्रेन ऐसा करने को राजी भी हो गया है तो हमें ऐसा नहीं लग रहा कि हम मूर्ख बनाए गए हैं.'

ट्रंप ने यह भी कहा कि उन्होंने यूक्रेन को पहले ही चेतावनी दे दी है कि अब अमेरिका पहले की तरह यूक्रेन को पैसे नहीं देगा.

ट्रंप के बयान पर आया क्रेमलिन का जवाब

ट्रंप के बयान पर रूसी राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन की तरफ से टिप्पणी सामने आई है. राष्ट्रपति पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने कहा है कि यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा रूस के साथ दोबारा मिल जाना चाहता है और ऐसा पहले ही हो चुका है.

ट्रंप की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए पेस्कोव ने कहा, 'यह एक सच्चाई है कि यूक्रेन का एक बड़ा हिस्सा रूस में दोबारा मिल जाना चाहता है या ये हिस्से पहले ही रूस में शामिल हो चुके हैं. यह एक ऐसा तथ्य है जो जमीनी स्तर पर साकार हुआ है: रूस में अब चार नए क्षेत्र मिल गए हैं. यूक्रेन में लोग कई खतरों के बावजूद रूस में शामिल होने के लिए जनमत संग्रह में वोटिंग के लिए तैयार हैं.'

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लगभग तीन सालों से चल रहा युद्ध, खत्म करने के बदले में क्या चाहते हैं पुतिन

रूस और यूक्रेन के बीच 24 फरवरी 2022 को युद्ध शुरू हुआ था. दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को जल्द ही तीन साल पूरे होने वाले हैं. युद्ध को खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई प्रयास किए गए हैं लेकिन युद्ध खत्म नहीं हो पाया है.

पिछले साल जून में रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के साथ युद्ध खत्म करने के लिए अपनी शर्तों का ब्योरा दिया था. ये शर्तें हैं-

-डोनबास और नोवोरोजिया क्षेत्र से यूक्रेनी सेना की वापसी
-Nato में शामिल न होने की यूक्रेन की प्रतिबद्धता
-यूक्रेन में रूसी भाषा बोलने वालों को अपनी भाषा के इस्तेमाल का अधिकार और उनके हितों की रक्षा
-रूस के खिलाफ लगे सभी पश्चिमी प्रतिबंधों को हटाया जाना
-यूक्रेन एक गुटनिरपेक्ष और परमाणु शक्ति से मुक्त देश बना रहे.

सोवियत संघ का हिस्सा रहा यूक्रेन कब अलग हुआ?

1991 में सोवियत संघ के विघटन के दौरान ही यूक्रेन रूस से अलग हो गया. 1 दिसंबर 1991 को यूक्रेन के लोगों ने एक जनमत संग्रह में रूस से अलग एक स्वतंत्र यूक्रेन के पक्ष में वोट किया था. 1997 में रूस और यूक्रेन के बीच एक संधि हुई जिसके जरिए यूक्रेन की सीमाओं की अखंडता की पुष्टि हुई. हालांकि, आजादी के बाद यूक्रेन के कई इलाकों में अशांति रही है. 

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यूक्रेन के पूर्वी हिस्से रूस के करीब रहे हैं और यहां के लोग रूसी भाषा बोलते हैं. वहीं, यूक्रेन के पश्चिमी हिस्सों पर पोलैंड और हंगरी जैसे देशों का प्रभाव दिखता है. 

यूक्रेन के दक्षिण-पूर्व में स्थित दोनेत्स्क और लुहांस्क क्षेत्रों पर रूस समर्थित अलगाववादियों का कब्जा रहा है. इस क्षेत्र पर कब्जे के लिए यूक्रेन और रूस समर्थित अलगाववादियों में अक्सर झड़पें होती रही हैं.

यूक्रेन की आजादी के बाद दोनों पक्षों में कुछ समय तक शांति रही लेकिन 2014 में रूस ने यूक्रेन के क्षेत्र क्रीमिया पर कब्जा कर लिया. इसके बाद से ही दोनों देशों के बीच लड़ाइयां होती रही हैं. फरवरी 2022 में यह लड़ाई एक व्यापक युद्ध में बदल गई थी जो अब तक जारी है.

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