
डोनाल्ड ट्रंप 20 जनवरी को अमेरिका के राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे. इससे पहले सभी जरूरी तैयारियां की जा रही हैं. ट्रंप के शपथ ग्रहण के खिलाफ शनिवार को वॉशिंगटन में हज़ारों लोग प्रदर्शन के लिए एकत्र हुए. इसमें मुख्य रूप से महिलाएं शामिल थीं. इनमें से कई महिलाओं ने 2017 में ट्रंप के पहले शपथ ग्रहण के विरोध में पहनी गई गुलाबी टोपी (पिंक हैट्स) पहनी थीं.
फ़्रैंकलिन पार्क में हल्की बारिश के बीच प्रदर्शनकारियों ने जेंडर जस्टिस और शारीरिक स्वायत्तता के समर्थन में रैली की. इस मार्च का उद्देश्य शहर के बीचों-बीच से होते हुए लिंकन मेमोरियल तक पहुंचना था.
इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी व्हाइट हाउस के पास स्थित दो पार्कों में भी जुटे. इनमें से एक समूह ने लोकतंत्र और इमिग्रेशन के मुद्दों पर चिंता जताई, जबकि दूसरे समूह ने वॉशिंगटन से जुड़े स्थानीय मुद्दों को लेकर विरोध प्रदर्शन किया. बाद में प्रदर्शनकारी लिंकन मेमोरियल पर एकजुट हुए.
2017 की तुलना में इस बार ट्रंप के शपथ ग्रहण के खिलाफ प्रदर्शन काफी छोटे स्तर पर हुए. इसका कारण ये है कि डोनाल्ड ट्रंप द्वारा कमला हैरिस को हराने के बाद अमेरिका में महिला अधिकार आंदोलन विभाजित हो गया है. हालांकि कम संख्या के बावजूद प्रदर्शनकारियों का उत्साह कम नहीं था. वर्जीनिया के अर्लिंग्टन से आई 27 वर्षीय बेथानी रीव्स ने कहा कि नवंबर में हम उतनी संख्या में नहीं थे, लेकिन यह प्रदर्शन यह याद दिलाता है कि हम अकेले नहीं हैं.
बता दें कि ट्रंप का शपथ ग्रहण समारोह 20 जनवरी को आयोजित होगा, जो इस बार वॉशिंगटन डीसी की कड़ाके की ठंड के कारण 1985 के बाद से इनडोर किया जाएगा. इस दिन पारंपरिक चर्च सेवा, व्हाइट हाउस चाय पार्टी और कैपिटल में शपथ ग्रहण के बाद ट्रंप का उद्घाटन भाषण होगा.
इस आयोजन में भारत की ओर से विदेश मंत्री एस. जयशंकर भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे. अन्य प्रमुख अतिथियों में एलन मस्क, जेफ बेजोस, मार्क जकरबर्ग, सुंदर पिचाई जैसे वैश्विक व्यवसायी और बराक ओबामा, कमला हैरिस और हिलेरी क्लिंटन जैसी राजनीतिक हस्तियां भी शामिल होंगी.